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सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर बिचैलियों का बोलबाला: कांग्रेस - लखनऊ न्यूज

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर किसानों की समस्याओं को लेकर एक बार फिर से हमला बोला है. उनका आरोप है कि इस महामारी काल में प्रदेश का किसान बेहाल है. सरकारी क्रय केंद्रों पर बिचौलियों का बोलबाला है, जिन्हें सरकार से संरक्षण प्राप्त है. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू
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Published : May 19, 2021, 3:14 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर किसानों से छल करने का आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से जारी बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर उन्हें बिचैलियों के हाथों बेंचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. क्रय केंद्र बिचौलियों व दलालों के पूरी तरह नियंत्रण में संचालित हो रहे हैं.

'शोषकों को संरक्षण देने की भूमिका निभा रही सरकार'

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा. क्रय केंद्रों पर फर्जी पंजीकरण कर दलालों, बिचैलियों के हिसाब से गेहूं खरीद कर किसानों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. महामारी के दौर में डीएपी और यूरिया के बढ़े बेतहाशा दामों से संकटग्रस्त किसानों के साथ यह व्यवहार शोभनीय नहीं, बल्कि सरकार के संरक्षण में उसके शोषण व उत्पीड़न का है. यह उत्पीड़न, शोषण रोकने का काम सरकार का है, लेकिन वह शोषकों को संरक्षण देने की भूमिका निभा रही है.

'बेहाल हैं प्रदेश के किसान'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि क्रय केंद्रों पर कई-कई दिन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसान अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं. जब उनका नम्बर आता है तो गेहूं में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर लेने से इन्कार कर दिया जाता है. केंद्रों में बैठे दलालों, बिचैलियों के हाथों उसे अपनी उपज एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल के बजाय 1400 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेचना पड़ रहा है. किसानों को उपज का लागत मूल्य न मिलने के कारण उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा और वह कर्ज में डूब जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार गांव और गरीब किसान को महामारी के संकट के साथ दलालों के चंगुल में फंसाकर उसे दोहरी मार झेलने के लिए विवश कर रही है.


'सिर्फ सात केंद्र हो रहे संचालित'

कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद्य रसद विभाग से नामित 11 एजेंसियों में सात ही क्रय केंद्र संचालित कर रहीं हैं. क्रय केंद्रों पर दलालों व सत्ताधारी दल के नेताओं की सिफारिश पर किसानों का गेहूं खरीद रहे हैं और उनसे रकम वसूली हो रही है. उन्होंने कहा कि दलालों, बिचैलियों के नेक्सस ने क्रय केंद्रों को पूरी तरह नियंत्रित कर रखा है. स्थिति यह है कि दलालों, नेताओं को दलाली देकर क्रय केंद्र में किसान के गेहूं की खरीद हो रही है या औने-पौने दामों में बिचैलिये के हाथ बेंचने की मजबूरी उनके सामने है. उनका आरोप था कि हर मामले में झूठ बोलकर गुमराह करने वाली भाजपा सरकार कोविड काल में किसानों के साथ क्रय केंद्रों पर हो रहे शोषण व उत्पीड़न की अनदेखी कर रही है. सरकार की अनदेखी का सीधा मतलब है कि उसका दलालों, बिचैलियों को संरक्षण है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना से मुक्ति के लिए अपनाई जा रही यह तरकीब, देखें वीडियो

'बेबस बनाने पर तुली है सरकार'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों को राज्य की भाजपा सरकार बेबस बनाने पर तुली हुई है. सरकार का यह रवैया किसी भी तरह से उचित नहीं है. क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों की गेहूं खरीद सुनिश्चित की जाए, कमियां बताकर उसकी उपज दलालों, बिचैलियों के हाथों बेचने को विवश न किया जाए.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार पर किसानों से छल करने का आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से जारी बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर उन्हें बिचैलियों के हाथों बेंचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. क्रय केंद्र बिचौलियों व दलालों के पूरी तरह नियंत्रण में संचालित हो रहे हैं.

'शोषकों को संरक्षण देने की भूमिका निभा रही सरकार'

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकारी पोर्टल पर किसानों की शिकायत का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा. क्रय केंद्रों पर फर्जी पंजीकरण कर दलालों, बिचैलियों के हिसाब से गेहूं खरीद कर किसानों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. महामारी के दौर में डीएपी और यूरिया के बढ़े बेतहाशा दामों से संकटग्रस्त किसानों के साथ यह व्यवहार शोभनीय नहीं, बल्कि सरकार के संरक्षण में उसके शोषण व उत्पीड़न का है. यह उत्पीड़न, शोषण रोकने का काम सरकार का है, लेकिन वह शोषकों को संरक्षण देने की भूमिका निभा रही है.

'बेहाल हैं प्रदेश के किसान'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि क्रय केंद्रों पर कई-कई दिन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसान अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हैं. जब उनका नम्बर आता है तो गेहूं में अनेक प्रकार की कमियां निकालकर लेने से इन्कार कर दिया जाता है. केंद्रों में बैठे दलालों, बिचैलियों के हाथों उसे अपनी उपज एमएसपी 1975 रुपए प्रति क्विंटल के बजाय 1400 से 1600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेचना पड़ रहा है. किसानों को उपज का लागत मूल्य न मिलने के कारण उसके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा और वह कर्ज में डूब जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार गांव और गरीब किसान को महामारी के संकट के साथ दलालों के चंगुल में फंसाकर उसे दोहरी मार झेलने के लिए विवश कर रही है.


'सिर्फ सात केंद्र हो रहे संचालित'

कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद्य रसद विभाग से नामित 11 एजेंसियों में सात ही क्रय केंद्र संचालित कर रहीं हैं. क्रय केंद्रों पर दलालों व सत्ताधारी दल के नेताओं की सिफारिश पर किसानों का गेहूं खरीद रहे हैं और उनसे रकम वसूली हो रही है. उन्होंने कहा कि दलालों, बिचैलियों के नेक्सस ने क्रय केंद्रों को पूरी तरह नियंत्रित कर रखा है. स्थिति यह है कि दलालों, नेताओं को दलाली देकर क्रय केंद्र में किसान के गेहूं की खरीद हो रही है या औने-पौने दामों में बिचैलिये के हाथ बेंचने की मजबूरी उनके सामने है. उनका आरोप था कि हर मामले में झूठ बोलकर गुमराह करने वाली भाजपा सरकार कोविड काल में किसानों के साथ क्रय केंद्रों पर हो रहे शोषण व उत्पीड़न की अनदेखी कर रही है. सरकार की अनदेखी का सीधा मतलब है कि उसका दलालों, बिचैलियों को संरक्षण है.

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'बेबस बनाने पर तुली है सरकार'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि किसानों को राज्य की भाजपा सरकार बेबस बनाने पर तुली हुई है. सरकार का यह रवैया किसी भी तरह से उचित नहीं है. क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों की गेहूं खरीद सुनिश्चित की जाए, कमियां बताकर उसकी उपज दलालों, बिचैलियों के हाथों बेचने को विवश न किया जाए.

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