लखनऊ : बीते छह साल में योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक 450 से अधिक बार गोरखपुर जिले का दौरा किया है. प्रदेश के इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे अधिक अपने निजी क्षेत्र का दौरा किया है, लेकिन उनके जिले के स्वास्थ्य सेवाओं के अगर तस्वीर देखी जाए तो वह यह बताने के लिए काफी है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं किस तरह से इमरजेंसी में पहुंच चुकी हैं. वहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल व एम्स तक की स्थिति क्या है यह किसी से छुपी नहीं है. सरकारी स्वास्थ्य के नाम पर वहां पर कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है. सरकार की लापरवाही का नतीजा है कि गोरखपुर से लेकर नोएडा तक प्राइवेट अस्पताल इलाज के नाम पर लूट व तीमारदारों का शोषण कर रहे हैं. यह आरोप कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हालात बदतर : अजय लल्लू ने कहा कि अपने साढ़े छह साल के कार्यकाल में 400 बार से अधिक गोरखपुर जा चुके हैं, बैठकें करते हैं, लेकिन वहां की मेडिकल व्यस्था बदहाल है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में गैस सिलेंडर कांड हुआ था, तब योगी जी ने बहुत गंभीरता से कहा था कि मैं गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का जरूर उद्धार करूंगा और वह पूर्वांचल का सबसे बड़ा मेडिकल का हब बनेगा. उत्तर प्रदेश और बिहार के तमाम जिलों के लोगों का इलाज का एक प्रमुख केंद्र बनेगा. आसपास के जिलों के सभी का इलाज वहां प्रमुख केंद्र होगा. आज मेडिकल काॅलेज खुद की हालत पर बदहाली के आंसू रो रहा है. सरकार केवल इवेंट में लगी हुई है.
देवरिया मेडिकल कॉलेज के बारे कहा कि वहां मेडिकल कॉलेज तो बन गया पर जिला अस्पताल की इमरजेंसी को खत्म कर ट्रामा सेंटर में मर्ज कर दिया गया है. जिला अस्पताल में संचालित इमरजेंसी वार्ड को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. अब वो ट्रामा सेंटर मेडिकल कॉलेज के रूप में उसे वहां उपयोग किया जा रहा है. जिला अस्पताल खत्म मेडिकल कॉलेज शुरू, योगी जी की सरकार इस तरह का काम प्रस्तुत कर रही है. तमाम जगहों पर मेडिकल के नाम पर बिल्डिंग तो बनी है, पर वहां इलाज के संसाधन नहीं हैं, डॉक्टर नहीं है, इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है.
प्राइवेट अस्पतालों में खुली लूट की छूट : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कुशीनगर से लेकर नोएडा तक प्राइवेट अस्पताल किसके हैं. यह सब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के है. प्राइवेट मेडिकल हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों में लूट की छूट है. मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाता है, वहां डॉक्टरों के अभाव, इलाज के अभाव, संसाधनों के अभाव में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है. प्राइवेट अस्पतालों में खूब शोषण हो रहा है.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में नेहरू चिकित्सालय के नाम से 920 बेड का चिकित्सालय है. वहां पर इमरजेंसी, ओपीडी, एनआईसी व आईसीयू तक है. जहां लोग बदहाल स्थिति में इलाज कराने को मजबूर हैं. वहां पर कभी भी कोई बड़े घटना हो सकती है. उसका कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है. 2016 में भूकंप में वहां के मेडिकल कॉलेज में दरार पड़ गई थी, पर उसको सही करने की कोई व्यवस्था अभी तक की सरकार द्वारा नहीं की गई है. अभी बीते 27 जुलाई को वहाँ के मेडिकल विभाग में आग लग गई थी. वहां से मरीज को आग लगने के बाद जान बचाकर भागना पड़ा. बिजली गुल हो गई टॉर्च की रोशनी में वहां से मरीजों को आनन-फानन में निकाला गया. 56 मरीजों वार्ड में भर्ती थे और 12 मरीजों आईसीयू में थे. उन्हें वहां से दूसरी जगह ले गया इस दौरान अफरातफरी में एक मरीज मर गया, लेकिन प्रशासन ने कहा कि इसकी मौत का कारण बीमारी है.