लखनऊ: भाजपा ने दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर ली है. दिल्ली नगर निगम और यूपी की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी जीत की उम्मीद लागए है. यूपी के निकाय चुनाव (UP civic polls 2022) में बीजेपी पूरे जोश के साथ आना चाहती है.
10 दिसंबर तक इन चुनावों की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. उसके बाद यूपी में निकाय चुनाव का दौर शुरू हो जाएगा. भाजपा राज्यों में अपनी संभावित जीत के साथ निकाय चुनाव को लोकसभा का सेमीफाइनल मानकर उतरेगी. इसके जरिए बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 की नींव रखेगी. भाजपा के लिए जितने महत्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा चुनाव जैसे दिल्ली नगर निगम का चुनाव है. उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यूपी का निकाय चुनाव हैं. उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में करीब 2 हजार वार्ड, 17 नगर निगम महापौर और करीब 600 नगर पालिका, नगर पंचायत की सीटें हैं. यूपी का पूरा शहरी इलाका इन चुनावों में शामिल होता है.
भाजपा का नगर निगम में प्रदर्शन अच्छा रहता है. पिछले 2017 के अक्टूबर में जब नगर निकाय चुनाव हुए थे तो बीजेपी ने नगर निगम में शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायतों में भाजपा का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा था. इस बार भाजपा नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी 50 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य बना चुकी है.
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भजपा ने अगर गुजरात, हिमाचल और दिल्ली नगर निगम में अच्छा प्रदर्शन किया तो उसका सीधा असर निकाय चुनाव पर जाएगा. नगर निकाय चुनाव (BJP preparations UP civic polls 2022) जब यूपी में जोर पकड़ेंगे तब तक गुजरात, हिमाचल और दिल्ली नगर निगम का परिणाम आ चुका होगा. इसके साथ ही मैनपुरी में लोकसभा उपचुनाव और रामपुर में विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भी आएगा. लेकिन, भाजपा को इन सारे चुनावों में जीत मिली तो निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में यह संदेश लेकर पार्टी जाएगी. निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने लखनऊ से बाहर की राह पकड़ी हुई है. लखीमपुर के गोला गोकर्णनाथ सीट के उपचुनाव से लेकर अब तक लखनऊ से बाहर लगातार जनसंपर्क में लगे हुए हैं. जिसमें अधिकांश दौरे पश्चिम उत्तर प्रदेश के हैं.