लखनऊ : नगर विकास विभाग की ओर से प्रदेश के नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित महापौर, नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए एक दिवयीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यशाला एक जून को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के ज्यूपिटर ह़ॉल में आयोजित की जाएगी. इस दौरान नगरीय स्वशासन के संवैधानिक एवं विधिक प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रतिभाग करेंगे और निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
तीन सत्रों में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला की शुरुआत नगर विकास मंत्री एके शर्मा के सम्बोधन के साथ होगी. प्रथम सत्र में नगरीय स्वशासन के संवैधानिक एवं विधिक प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी. सचिव नगर विकास रंजन कुमार इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे. सलाहकार नगर विकास विभाग केशव वर्मा द्वारा भारत के संविधान में नगरीय निकायों से सम्बन्धित प्रमुख विशेषताओं पर जानकारी दी जाएगी. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में द्वितीय सत्र में नव निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा नगरीय निकायों के विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी दी जाएगी. वहीं, तीसरे सत्र में नगरीय नियोजन, वित्तीय प्रबन्धन एवं सूचना प्रौद्योगिकी के संबंध में जानकारी दी जाएगी.
बता दें, यूपी में निकाय चुनाव के परिणाम 13 मई 2023 को चुनाव आयोग ने घोषित किए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक यूपी निकाय चुनाव 17 महापौर (मेयर), 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के पांच हजार 327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के सात हजार 178 सदस्यों के निर्वाचन के लिए हुआ था. दो चरणों में 17 महापौरों और 1401 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था. जबकि 19 पार्षद निर्विरोध चुने गए. यूपी में नगर पालिका परिषदों के 198 अध्यक्षों और पांच हजार 260 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ. मतदाताओं ने नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के सात हजार 104 सदस्यों के भाग्य का फैसला करने के लिए भी मतदान किया. कुल 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए. 14 हजार 522 पदों के लिए 83 हजार 378 उम्मीदवार मैदान में थे.