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यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमो ने 11 मुस्लिमों पर खेला दांव, जानिए मेयर प्रत्याशी

यूपी निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने भी जीत की राह मेयर पद पर मुस्लिम प्रत्याशी घोषित करके लगाया है. 17 मेयर पदों के लिए बसपा ने 11 मुस्लिम प्रत्याशी घोषित किए हैं.

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Published : Apr 24, 2023, 6:36 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न होने हैं. पहले चरण में चार मई को मतदान होगा तो दूसरे चरण में 11 मई को वोट डाले जाएंगे. अब दोनों चरणों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सभी पार्टियों ने अपने मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. इस चुनाव में 17 मेयर प्रत्याशियों में से बसपा ने 11 मुस्लिम मेयर प्रत्याशी मैदान में उतारकर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम कम्युनिटी को एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सात मेयर प्रत्याशियों की सूची जारी की गई जिनमें पांच मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमो ने 11 मुस्लिमों पर खेला दांव, जानिए मेयर प्रत्याशी.
यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमो ने 11 मुस्लिमों पर खेला दांव, जानिए मेयर प्रत्याशी.
बहुजन समाज पार्टी ने मेरठ से हसमत अली, शाहजहांपुर से शगुफ्ता अंजुम, गाजियाबाद से निशारा खान, अलीगढ़ से सलमान शाहिद, बरेली से युसूफ खान, अयोध्या से राम मूर्ति यादव और कानपुर से अर्चना निषाद को मेयर प्रत्याशी घोषित किया है. इससे पहले जिन 10 सीटों पर पार्टी ने मेयर प्रत्याशी घोषित किए थे उनमें से छह प्रत्याशी मुस्लिम थे. बहुजन समाज पार्टी ने मथुरा से राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, लखनऊ से शाहीन बानो, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन, वाराणसी से सुभाष चंद्र माझी, गोरखपुर से नवल किशोर नाथानी, झांसी से भगवान दास फुले और आगरा से लता को मेयर प्रत्याशी बनाया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी ने विभिन्न राजनीतिक दलों खासकर समाजवादी पार्टी जो मुस्लिमों का खुद को सबसे बड़ा हितैषी बताती है उसे जताने के लिए और जनता को ये संदेश देने के लिए कि कौन सी पार्टी मुस्लिम हितैषी है और मुस्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व देती है. इसलिए मेयर चुनाव में सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी घोषित किए. बसपा सुप्रीमो का यह प्लान कितना कामयाब होगा यह तो चुनाव के परिणाम ही बताएंगे लेकिन ये ज़रूर है कि समाजवादी पार्टी को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है.यह भी पढ़ें : चरित्र हनन करने वाली पाठशाला बन गई है बीजेपी : शिवपाल यादव

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न होने हैं. पहले चरण में चार मई को मतदान होगा तो दूसरे चरण में 11 मई को वोट डाले जाएंगे. अब दोनों चरणों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सभी पार्टियों ने अपने मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. इस चुनाव में 17 मेयर प्रत्याशियों में से बसपा ने 11 मुस्लिम मेयर प्रत्याशी मैदान में उतारकर उत्तर प्रदेश में मुस्लिम कम्युनिटी को एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सात मेयर प्रत्याशियों की सूची जारी की गई जिनमें पांच मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमो ने 11 मुस्लिमों पर खेला दांव, जानिए मेयर प्रत्याशी.
यूपी निकाय चुनाव में बसपा सुप्रीमो ने 11 मुस्लिमों पर खेला दांव, जानिए मेयर प्रत्याशी.
बहुजन समाज पार्टी ने मेरठ से हसमत अली, शाहजहांपुर से शगुफ्ता अंजुम, गाजियाबाद से निशारा खान, अलीगढ़ से सलमान शाहिद, बरेली से युसूफ खान, अयोध्या से राम मूर्ति यादव और कानपुर से अर्चना निषाद को मेयर प्रत्याशी घोषित किया है. इससे पहले जिन 10 सीटों पर पार्टी ने मेयर प्रत्याशी घोषित किए थे उनमें से छह प्रत्याशी मुस्लिम थे. बहुजन समाज पार्टी ने मथुरा से राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, लखनऊ से शाहीन बानो, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन, वाराणसी से सुभाष चंद्र माझी, गोरखपुर से नवल किशोर नाथानी, झांसी से भगवान दास फुले और आगरा से लता को मेयर प्रत्याशी बनाया है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी ने विभिन्न राजनीतिक दलों खासकर समाजवादी पार्टी जो मुस्लिमों का खुद को सबसे बड़ा हितैषी बताती है उसे जताने के लिए और जनता को ये संदेश देने के लिए कि कौन सी पार्टी मुस्लिम हितैषी है और मुस्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व देती है. इसलिए मेयर चुनाव में सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी घोषित किए. बसपा सुप्रीमो का यह प्लान कितना कामयाब होगा यह तो चुनाव के परिणाम ही बताएंगे लेकिन ये ज़रूर है कि समाजवादी पार्टी को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है.यह भी पढ़ें : चरित्र हनन करने वाली पाठशाला बन गई है बीजेपी : शिवपाल यादव
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