लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में 33 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति के बाद अब 50 प्रतिशत कर्मचारियों की रोजाना उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने लॉकडाउन-4 के अंतर्गत मिली तमाम तरह की ढील के बाद अब सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों की रोजाना उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने जारी आदेश में कहा है कि सभी विभागाध्यक्ष कार्यालय अध्यक्ष कार्यालयों को खोलने की व्यवस्था करेंगे और स्वयं कार्यालय में उपस्थित रहेंगे. सभी सरकारी कार्यालयों में प्रत्येक कार्य दिवस में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे.
तय किया जाएगा रोस्टर
इसके लिए विभागाध्यक्ष और कार्यालय अध्यक्ष द्वारा आवश्यकता का निर्धारण करते हुए रोस्टर तय किया जाएगा. विभागाध्यक्ष व कार्यालय अध्यक्ष कार्यरत कर्मचारियों का रोस्टर इस प्रकार से बना लें कि कर्मचारी अल्टरनेट दिवस में कार्यालय आएं, लेकिन इसके शासकीय कार्य में कोई भी व्यवधान उत्पन्न न होने पाए. कार्यालय में कार्य अवधि में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाए. इसके साथ ही प्रत्येक कर्मचारी अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर उपयोग सुनिश्चित करें.
तीन पालियों में आएंगे कर्मचारी
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कार्यालय आने वाले कर्मचारियों के लिए भी समय का आवंटन तीन पालियों में करने के निर्देश दिए हैं. जिनमें पहली पाली सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक, दूसरी पाली सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक और तीसरी पाली सुबह 11:00 से शाम 7:00 बजे तक निर्धारित की गई है.
घर से कार्य कर रहे कर्मचारी रहेंगे संपर्क में
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने जारी अपने आदेश में कहा है कि रोस्टर के अनुसार घर से कार्य संपादित कर रहे कर्मचारी इस अवधि में अपने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहेंगे. उन्हें आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय बुलाया जा सकेगा. अधीनस्थ कार्यालयों, स्थानीय निकायों, निगम के लिए भी इसी प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
जिला प्रशासन लेगा अलग से निर्णय
यह दिशा-निर्देश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे, जो आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं और कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे हैं. इसके अलावा संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों, हॉटस्पॉट स्थानों में कार्यालयों को बंद किए जाने के संबंध में जिला प्रशासन अपने स्तर से अलग से निर्णय लेगा.
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