लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया. इसमें अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के लिए बजट की घोषणा की गई. सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत 317 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है. अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत को बढ़ावा देने पर काम किया जाएगा. इसके अलावा अगले पांच सालों में 22000 मेगावाट क्षमता के विद्युत उत्पादन का लक्ष्य भी रखा गया है.
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति के तहत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर रूफटाॅप संयंत्रों की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा 14000 मेगावाॅट क्षमता की यूटिलिटी स्केल सौर पाॅवर परियोजनाओं/ सोलर पाॅवर पार्क की स्थापना भी कराई जाएगी. पीएम कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन और पृथक कृषि विद्युत फीडरों का सोलराइजेशन कराया जाएगा. इनकी कुल क्षमता 2000 मेगावाॅट होगी. उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के क्रियान्वयन के लिए 45 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है. यह नीति आगामी पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगी.
नीति के तहत कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट, बायो-कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो-डीजल/ बायो-एथेनाॅल की स्थापना के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा. बजट में सरकार की ओर से कराए गए कार्याें के बारे में भी जानकारी दी गई. बताया गया कि प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई के लिए अनुदान पर सोलर पम्प का लाभ दिया गया है.
योजना के तहत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना कराई जा चुकी है. प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर प्रकाश, पंखे और मोबाइल चार्जिंग की सुविधा के लिए 1.93 लाख सोलर पाॅवर पैक संयंत्रों की स्थापना कराई गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा के लिए सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही .इसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना कराई जा चुकी है.
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