लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के लिए बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी किए है. नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों 50% कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे. बोर्ड कार्य से डिबार शिक्षक कक्ष निरीक्षक नहीं बन सकेंगे. कक्ष निरीक्षकों के आई कार्ड जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा जारी किए जाएंगे. साथ ही वह उनके डाटा को भी सुरक्षित रखेंगे. इस संबंध में बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ला ने कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के लिए सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.
आदेश में कहा गया है कि कक्ष निरीक्षकों की शैक्षिक अहर्ता का रिकॉर्ड जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ-साथ केंद्र व्यवस्थापकों के पास भी रहेगा. जिन अध्यापकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में लगाई जाएगी उनके पास फोटोयुक्त परिचय पत्र रहेगा. इस पर स्कूल का नाम, उनका नाम, पढ़ाए जाने वाले विषय और शैक्षिक योग्यता का पूरा विवरण दर्ज होगा. बोर्ड ने इस बार आदेश में स्पष्ट किया है कि इस बार बोर्ड परीक्षा में ऐसे शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा. जिन्हें बोर्ड ने परिश्रमिक कार्यों से डिबार किया हो या उनके खिलाफ परिषद कार्यालय में कोई मामला या प्रकरण विचाराधीन हो. अगर किसी जिले में कक्ष निरीक्षकों की कमी होती है तो जिला विद्यालय निरीक्षक जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगा सकते हैं. अगर इसके बाद भी कमी रहेगी तो वह प्राथमिक स्कूलों को अध्यापकों को भी ड्यूटी के लिए ले सकते हैं. साथ ही बालिका परीक्षा केंद्रों पर महिला कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी.
40 छात्रों पर 2 परीक्षक रहेंगे : सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हर परीक्षा केंद्र पर 40 बच्चों में 2 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी. अगर किसी कक्ष में 41 से 60 बच्चे परीक्षा देंगे तो तीन कक्ष निरीकक्षकों की ड्यूटी रहेगी. यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र पर किसी शिक्षक कर्मचारी का बेटा या बेटी पेपर दे रहा हो तो उसकी ड्यूटी उस केंद्र पर नहीं लगाई जाएगी. इस नियम का सख्ती से पालन कराना जिला विद्यालय निरीक्षक की जिम्मेदारी होगी.