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UP Board 12th Exam: 12वीं की परीक्षा न दे पाने वाले छात्रों को अगले सत्र में मिलेगा मौका

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों को राहत देने का कार्य किया है. यह राहत उन परीक्षार्थियों को होगी जो कोरोना संक्रमित होने के चलते परीक्षा नहीं दे पाएंगे. ऐसे छात्रों को अगले सत्र में परीक्षा देने का मौका मिल सकेगा.

UP Board 12th Exam
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Published : May 31, 2021, 10:55 PM IST

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2021 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों के लिए एक राहत का मौका दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे परीक्षार्थी जो कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं और परीक्षा में शामिल नहीं हो सके, ऐसे अभ्यर्थी को अगले सत्र की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का बोर्ड अवसर देगा. साथ ही उन परीक्षार्थियों का परीक्षा सत्र भी 2021 ही रहेगा. परीक्षाफल में सत्र का बदलाव नहीं किया जाएगा. यानी भले ही वे सत्र 2022 की परीक्षा में शामिल हों, लेकिन उनका उत्तीर्ण वर्ष 2021 ही रिजल्ट में दर्ज किया जाएगा. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 2021 पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को निर्णय कर चुके हैं. इसमें हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करके सभी 29.94 लाख परीक्षार्थी को प्रोन्नत किया जा रहा है और इंटर की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में हो सकती है. शासन ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दी जानकारी

माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यूपी बोर्ड के साथ ही सभी शिक्षा बोर्डों के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 व 11 के छात्र-छात्राओं को उनके वार्षिक परीक्षा फल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा. यदि किसी स्कूल में वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाई है तो स्कूल वर्ष भर के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पूर्ण करें. यदि आंतरिक मूल्यांकन भी उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश किया जाए. उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इंटर की परीक्षा 1:30 घंटे में होनी है. समय आधा होने से परीक्षार्थी जिस प्रश्न पत्र में पांच प्रश्नों के जवाब देना था, उसमें से केवल तीन सवालों के उत्तर दें. इसी तरह से 50% के अनुपात में सभी विषयों के प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए प्रश्न पत्रों की संख्या तय की जाए, इसका अनुपालन यूपी बोर्ड को करना है.

इसे भी पढ़ें- हत्या का खुलासा : कुकर्म के बाद नाबालिग ने किया था मासूम का कत्ल

यूपी बोर्ड सचिव ने दी जानकारी

वहीं इस विषय पर जानकारी देते हुए यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने बताया कि कोरोना संक्रमण दौर में सरकार ने छात्र हित में उन्हें सेहतमंद रखने के लिए फैसला किया है. हाईस्कूल में प्रोन्नत व इंटर की परीक्षा में प्रश्न घटाने का निर्णय छात्र-छात्राओं का भविष्य सुखद बनाने के लिए लिया गया है. इस पर शासन स्तर पर लंबे समय तक मंथन चला और अब तय दिशा निर्देशों को भी जल्द लागू करेंगे.

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 2021 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों के लिए एक राहत का मौका दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे परीक्षार्थी जो कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं और परीक्षा में शामिल नहीं हो सके, ऐसे अभ्यर्थी को अगले सत्र की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का बोर्ड अवसर देगा. साथ ही उन परीक्षार्थियों का परीक्षा सत्र भी 2021 ही रहेगा. परीक्षाफल में सत्र का बदलाव नहीं किया जाएगा. यानी भले ही वे सत्र 2022 की परीक्षा में शामिल हों, लेकिन उनका उत्तीर्ण वर्ष 2021 ही रिजल्ट में दर्ज किया जाएगा. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 2021 पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को निर्णय कर चुके हैं. इसमें हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करके सभी 29.94 लाख परीक्षार्थी को प्रोन्नत किया जा रहा है और इंटर की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में हो सकती है. शासन ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दी जानकारी

माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यूपी बोर्ड के साथ ही सभी शिक्षा बोर्डों के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9 व 11 के छात्र-छात्राओं को उनके वार्षिक परीक्षा फल के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाएगा. यदि किसी स्कूल में वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाई है तो स्कूल वर्ष भर के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पूर्ण करें. यदि आंतरिक मूल्यांकन भी उपलब्ध नहीं है तो सामान्य रूप से छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश किया जाए. उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इंटर की परीक्षा 1:30 घंटे में होनी है. समय आधा होने से परीक्षार्थी जिस प्रश्न पत्र में पांच प्रश्नों के जवाब देना था, उसमें से केवल तीन सवालों के उत्तर दें. इसी तरह से 50% के अनुपात में सभी विषयों के प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए प्रश्न पत्रों की संख्या तय की जाए, इसका अनुपालन यूपी बोर्ड को करना है.

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यूपी बोर्ड सचिव ने दी जानकारी

वहीं इस विषय पर जानकारी देते हुए यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने बताया कि कोरोना संक्रमण दौर में सरकार ने छात्र हित में उन्हें सेहतमंद रखने के लिए फैसला किया है. हाईस्कूल में प्रोन्नत व इंटर की परीक्षा में प्रश्न घटाने का निर्णय छात्र-छात्राओं का भविष्य सुखद बनाने के लिए लिया गया है. इस पर शासन स्तर पर लंबे समय तक मंथन चला और अब तय दिशा निर्देशों को भी जल्द लागू करेंगे.

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