लखनऊ: बीजेपी के यूपी संगठन में बड़े बदलाव का समय आ गया है. 26 जून को रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव का परिणाम आना है. चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव किया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा. इसके अलावा जो उपाध्यक्ष और महामंत्री बन चुके हैं, उनकी जगह नए नेताओं को संगठन में जोड़ा जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकता है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे समय से जुड़ा हो या फिर किसी बीजेपी से संबंधित संगठन जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ा हो. हमेशा ऐसे ही व्यक्ति को संगठन में प्रदेश अध्यक्ष की जगह दी गई है. इसलिए इस बार भी जो प्रदेश अध्यक्ष होगा वो न केवल आरएसएस की सिफारिश पर बनेगा बल्कि वह खुद भी संघ का अहम कार्यकर्ता होगा. पार्टी सूत्रों के मुताबिक पश्चिम उत्तर प्रदेश से अध्यक्ष चुने जाने की उम्मीद है.
जो नाम अभी तक निकल कर सामने आ रहे हैं, उनमें पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा, पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और बस्ती से सांसद हरीश चंद्र द्विवेदी हैं. इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि किसी अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ता को भी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया जा सकता है. यह दायित्व तय होने के बाद उपाध्यक्ष, महामंत्री और अन्य विभागों के पदाधिकारियों के नाम भी बीजेपी तय करेगी.
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बता दें कि यूपी बीजेपी में अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर के पदाधिकारियों तक जल्द ही बदले जाएंगे. स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपने करीब 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इसके अलावा उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में जगह भी मिल चुकी है. जिसके बाद अध्यक्ष बदलना तय हो गया है. इसके अलावा निचले स्तर के पदाधिकारियों में भी बदलाव की तैयारी है. इसके चलते संगठन में सुगबुगाहट काफी तेज हो गई है.
जिलों से लेकर प्रदेश तक के नेता प्रदेश मुख्यालय पर चक्कर काट रहे हैं और अपने समीकरण बिठाने के प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर फिलहाल तीन ब्राह्मण नाम सामने आए हैं. इसके साथ ही महामंत्री जेपीएस राठौर, उपाध्यक्ष एके शर्मा और उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह मंत्री बन चुके हैं. उनकी जगह भी नए पदाधिकारी चुने जाएंगे.
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