लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली के खिलाफ राष्ट्रीय अध्यक्ष का एक आपत्तिजनक पत्र वायरल हुआ है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से वह बासित अली की शिकायत कर रहे हैं. इस पत्र के वायरल होने के बाद अब दोनों ही पक्ष इसको फेंक बता रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जमील सिद्दीकी को अपना बड़ा भाई बताया है, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि 'उनको भी कुछ लोगों ने ऐसी चिट्ठी के बारे में बताया है. उनका कहना है कि मेरी जानकारी में मैंने ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी और यह पूरी तरह से गलत है. इस तरह की बातें हम केवल पार्टी के प्लेटफार्म पर ही करते हैं. ऐसे लेटर नहीं लिखे जाते हैं.'
इस बारे में कुंवर बासित अली का कहना है कि 'पत्र पूरी तरह से फर्जी है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मेरे भाई के जैसे हैं. मेरी उनसे समय-समय पर बात होती रहती है और ऐसा कोई भी मामला नहीं है. हम बेहतर आपसी सामंजस्य के साथ काम कर रहे हैं.'
वायरल पत्र के प्रमुख बिंदु
राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने भूपेंद्र सिंह चौधरी को जो पत्र लिखा है वह इस प्रकार से है... 'अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली का व्यवहार राष्ट्रीय पदाधिकारियों व प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी अशोभनीय है और यह शुरू से है. इसकी शिकायत कई बार मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी जो उत्तर प्रदेश के लोकसभा प्रभारी हैं और जो उनके साथ प्रदेश में काम करते हैं, उन्होंने भी की है. पसमांदा स्नेह यात्रा की तैयारी के लिए तीन दिन का मेरा अनुभव भी बहुत कटु रहा है. यात्रा की तैयारी के लिए पिछले 10 जुलाई से बासित अली को कई बार बैठक में बुलाया, लेकिन वह नहीं आये. अतः मैंने संगठन महामंत्री को फोन करके इस बात की जानकारी दी. उनके कहने पर बासित अली आये, लेकिन वह इस बात से काफी नाराज थे कि मैंने महामंत्री से बात क्यों की, इसके लिए उनका व्यवहार चिड़चिड़ा था. वह मुझे भी बोले, आपने संगठन मंत्री को फोन किया उससे क्या मिला. वह बोले, मैंने संगठन मंत्री को भी जवाब दिया, आपको मैं बार-बार मिलने का समय मांग रहा था, लेकिन आप नहीं मिले. इसलिए मैं यात्रा की तैयारी में नहीं लगा. संगठन मंत्री गलती आप की है. यह वो दिखाना चाह रहे थे गलती संगठन मंत्री की है. 27 जुलाई 2023 को पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न एपी जे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में मंच पर बैठकर सभी के सामने क्षेत्रीय अध्यक्ष को अपशब्द कहे. उसकी गलती यह थी कि वह बासित अली का नाम लेना भूल गया था और उसके लिए उसने मंच से माफी भी मांग ली थी. कार्यक्रम में भी कई बार अव्यवस्था करने की कोशिश की जिससे मेरा कार्यक्रम खराब हो जाए. बासित अली का व्यवहार शुरू से अशोभनीय है. लोग शिकायत करते थे, लेकिन अभी मैंने खुद अनुभव किया है. इसलिए आप को अवगत करा रहा हूं. बासित अली की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश का संगठन दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है और कार्यकर्ता में असंतोष है.'