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स्टार्टअप फार्मूले में यूपी की बड़ी छलांग, 5600 स्टार्टअप हुए पंजीकृत - industrial development department

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी द्वारा लाई गई स्टार्टअप नीति के चलते राज्य में स्टार्टअप की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.

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उत्तर प्रदेश सरकार
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Published : Apr 26, 2022, 6:49 PM IST

लखनऊ: औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्टार्टअप नीति के चलते राज्य में स्टार्टअप की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. राज्य में अब तक 5600 स्टार्टअप पंजीकृत हो गए हैं. उम्मीद है कि जल्द ही इनकी संख्या बढ़कर दस हजार के पार चली जाएगी क्योंकि कई निवेशकों ने यूपी में अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए आवेदन किया है. यही नहीं, प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेटर की स्थापना करने का फैसला भी किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग विभाग शामिल है.

वहीं, प्रदेश में कुल सौ इन्क्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे जिनमें से 47 इनक्यूबेटर स्थापित किए जा चुके हैं. राज्य सरकार के मुताबिक इन्क्यूबेटर और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से प्रदेश में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही यह प्रदेश में देश का बड़ा स्टार्टअप हब बनाने में भी अहम भूमिका निभा सकेंगे.

यह भी पढ़ें- यूपी में अब स्कूलों को गोद लेंगे अधिकारी, मुलभूत सुविधाएं भी कराएंगे मुहैया

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बीते दिनों मंत्रिपरिषद के समक्ष हुए प्रजेंटेशन में नए स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा देने का फैसला किया गया. इसके पीछे दस लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने और स्टार्टअप रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाने का लक्ष्य रखा गया. आईटी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही राज्य में हर मंडल स्तर और हर जिले में एक इन्क्यूबेटर सेंटर बनाए जाएंगे. कुल एक सौ नए इन्क्यूबेटर सेंटरों की स्थापना की जाएगी. इन इन्क्यूबेटर सेंटरों के जरिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग या अन्य जरूरी सेवाएं देकर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी.

अधिकारियों का दावा है कि यूपी सरकार की स्टार्टअप नीति 2020 नए स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को भा रही है. इस नीति में नया स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को जो प्रोत्साहन सरकार दे रही है. उसके चलते 5600 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं. इससे करीब पचास हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. सबसे अधिक 1154 स्टार्टअप नोएडा में स्थापित किए गए हैं जबकि गाजियाबाद में 533, लखनऊ में 500 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में कुल 1,219 स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं. ये स्टार्टअप सूचना प्रौद्योगिकी, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में देश का स्टार्टअप हब बन रहा है. राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से यूपी में स्टार्टअप कई गुना बढ़े हैं. यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार की गई नीति और रोडमैप के कारण संभव हुआ है.

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लखनऊ: औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्टार्टअप नीति के चलते राज्य में स्टार्टअप की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. राज्य में अब तक 5600 स्टार्टअप पंजीकृत हो गए हैं. उम्मीद है कि जल्द ही इनकी संख्या बढ़कर दस हजार के पार चली जाएगी क्योंकि कई निवेशकों ने यूपी में अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए आवेदन किया है. यही नहीं, प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेटर की स्थापना करने का फैसला भी किया गया है. इसमें उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग विभाग शामिल है.

वहीं, प्रदेश में कुल सौ इन्क्यूबेटर स्थापित किए जाएंगे जिनमें से 47 इनक्यूबेटर स्थापित किए जा चुके हैं. राज्य सरकार के मुताबिक इन्क्यूबेटर और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना से प्रदेश में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही यह प्रदेश में देश का बड़ा स्टार्टअप हब बनाने में भी अहम भूमिका निभा सकेंगे.

यह भी पढ़ें- यूपी में अब स्कूलों को गोद लेंगे अधिकारी, मुलभूत सुविधाएं भी कराएंगे मुहैया

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए बीते दिनों मंत्रिपरिषद के समक्ष हुए प्रजेंटेशन में नए स्टार्टअप की स्थापना को बढ़ावा देने का फैसला किया गया. इसके पीछे दस लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने और स्टार्टअप रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को नंबर वन बनाने का लक्ष्य रखा गया. आईटी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही राज्य में हर मंडल स्तर और हर जिले में एक इन्क्यूबेटर सेंटर बनाए जाएंगे. कुल एक सौ नए इन्क्यूबेटर सेंटरों की स्थापना की जाएगी. इन इन्क्यूबेटर सेंटरों के जरिए मैनेजमेंट ट्रेनिंग या अन्य जरूरी सेवाएं देकर नई स्टार्टअप कंपनियों को विकसित करने में मदद मिलेगी.

अधिकारियों का दावा है कि यूपी सरकार की स्टार्टअप नीति 2020 नए स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को भा रही है. इस नीति में नया स्टार्टअप स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को जो प्रोत्साहन सरकार दे रही है. उसके चलते 5600 से अधिक स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं. इससे करीब पचास हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. सबसे अधिक 1154 स्टार्टअप नोएडा में स्थापित किए गए हैं जबकि गाजियाबाद में 533, लखनऊ में 500 और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों में कुल 1,219 स्टार्टअप स्थापित किए जा चुके हैं. ये स्टार्टअप सूचना प्रौद्योगिकी, सर्विस सेक्टर, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्सटाइल क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

इलेक्ट्रानिक्स विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में देश का स्टार्टअप हब बन रहा है. राज्य की नई स्टार्टअप नीति आने के बाद से यूपी में स्टार्टअप कई गुना बढ़े हैं. यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लोगों को रोजगार देने के लिए तैयार की गई नीति और रोडमैप के कारण संभव हुआ है.

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