लखनऊः बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को भारत लाकर हिन्दू नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने वाले गिरोह के अहम सदस्य रतन मंडल की 10 दिनों की रिमांड उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ( Special task force) को मिल गई है. एटीएस के मुताबिक रतन मंडल मानव तस्करी (Human Trafficking) के इस सिंडीकेट का अहम सदस्य है. रतन बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को भारतीय सीमा में प्रवेश कराकर और फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार कराकर विदेश भेजने का काम करता था. रतन को अब रिमांड में लेने के बाद अब यूपी एटीएस इस पूरे सिंडिकेट के बारे में पूछताछ करेगी.
पश्चिम बंगाल के नादिया से गिरफ्तार हुआ था रतन मंडल
यूपी एटीएस ने बांग्लादेश के नागरिकों को भारत में अवैध रूप से लाने वाले रतन मंडल को 16 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के नादिया से गिरफ्तार किया गया था. सोमवार को रतन मंडल को कोर्ट में पेश किया गया. इस पर न्यायालय विशेष न्यायाधीश, एडीजे-3 ने रतन मंडल की 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली है. यह रिमांड मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी.
एटीएस की 30 सदस्यीय टीम करेगी गिरफ्तार मानव तस्करों से पूछताछ
यूपी एटीएस ने अब तक मानव तस्करी से जुड़े 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन सभी आरोपियों की रिमांड यूपी एटीएस को मिल चुकी है. मानव तस्करी गिरोह के सभी 20 आरोपियों से पूछताछ के लिए एटीएस ने 30 अधिकारियों की एक टीम का गठन किया है. सूत्रों की माने तो यूपी एटीएस इन सभी आरोपियों को पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में ले जाकर पूछताछ करेगी साथ ही इनसे पूरे सिंडिकेट के बारे में जानकारी भी लेगी. यही नहीं यूपी एटीएस इन सभी आरोपियों से उन सभी लोगों की जानकारी उगलवायेगी जो बांग्लादेश से भारत लाये गए हैं.
अब तक गिरोह के 20 सदस्य हो चुके हैं गिरफ्तार
मानव तस्करी से जुड़े अब तक 20 लोगों को यूपी एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार हुए लोगों में गैंग के मुख्य सदस्य कय्यूम सिकंदर उर्फ खोखन सरदार, मुफीजुर्रह्मान, मिथुन मंडल, समीर मंडल, अजय घिडियाल, विक्रम सिंह, रोनी पाल व रतन मंडल शामिल हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप