लखनऊ : बिहार में SDPI और PFI मामले से जुड़े नूरुद्दीन को यूपी एटीएस(UP ATS) ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. नूरुद्दीन लखनऊ के एक मुसाफिर खाने में छुपकर रह रहा था. एटीएस के मुताबिक, दरभंगा का रहने वाला नूरुद्दीन वर्ष 2020 में एसडीपीआई(SDPI) के बैनर तले दरभंगा से चुनाव लड़ चुका है. बिहार की पटना पुलिस ने यूपी एटीएस से नूरुद्दीन की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी थी.
यूपी एटीएस ने पटना पुलिस के साथ मिलकर नूरुद्दीन की तलाश की, तो पता चला कि वह लखनऊ के चारबाग स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाने में छुपा हुआ है. हिरासत में लिया गया नूरुद्दीन पेशे से वकील है, उस पर PFI के सदस्यों की मदद करने का आरोप है. आरोपी वकील फोन के माध्यम से पीएफआई के सदस्यों की मदद करता था. हिरासत में लेने के बाद यूपी एटीएस उससे कड़ी पूछताछ कर रही है.
2015 से PFI का सदस्य है नूरुद्दीन
शुरुवाती पूछताछ में नूरुद्दीन ने बताया कि वह साल 2015 में PFI दरभंगा के जिलाध्यक्ष सनाऊल्लाह के संपर्क में आया था. तभी से वह PFI व SDPI से जुड़ कर पीएफआई के सक्रीय सदस्य के रूप में कार्य कर रहा था. उसने बताया कि उसने साल 2017 को एलएलबी किया था. आरोपी पीएफआइ के साथ मिलकर वर्ष 2047 में भारत सरकार पर कब्जा जमाकर देश में इस्लामिक संविधान लागू करने की रणनीति पर काम कर रहा था. पटना में मिले दस्तावेज में के मुताबिक, संगठन के सदस्यों को हथियार चलाने में दक्ष बनाकर हिंसा के लिए प्रेरित करने से लेकर न्यायालय तक में घुसपैठ की ट्रेनिंग दी जा रही थी. फुलवारीशरीफ में PFI की आड़ में हथियार चलाने और उन्माद फैलाने की ट्रेनिंग देने में मुजफ्फरपुर और दरभंगा के 3 लोगों के तार जुड़े हैं. ये लोग वाट्सऐप के जरिए कई देशों के लोगों से जुड़े थे, जिनका काम देश के खिलाफ जहर घोलना था.
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