हैदराबाद : भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों टिकट को लेकर अफरातफरी मची हुई है. भाजपा के संघीय ढांचे और टिकट को लेकर कई स्तरों पर गुप्त सर्वे रिपोर्ट आने के बाद दर्जनों विधायकों का इस बार टिकट कट सकता है. इसे लेकर अब कई वरिष्ठ भाजपा विधायकों और इनके सरपस्त नेताओं में भगदड़ मची हुई है. स्वामी प्रसाद मौर्य का ऐन चुनाव के पूर्व भाजपा से इस्तीफा देना और पाला बदलकर समाजवादी पार्टी को ज्वाइन करना भी इसी भगदड़ की एक कड़ी के रूप में देखा जा रहा है.
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दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
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बताया जाता है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आज-कल में ही यूपी के दो चरणों के 140 सीटों पर टिकटों का बंटवारा फाइनल कर सकता है. इस क्रम में सोमवार को लखनऊ में और मंगलवार को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में भाजपा की राज्य और केंद्रीय चुनाव कमेटियों की बैठकों का दौर शुरू हो गया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने खुद ट्वीट कर इसकी पुष्टि की.
बताया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Election 2022) के पहले चरण के लिए पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. अब दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में यूपी कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक केंद्रीय नेताओं के साथ शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में विभिन्न चरणों की बैठक में प्रदेश की सभी 403 सीटों में से सौ से अधिक सीटों पर फेरबदल या इनके कटने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
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सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
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सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQसामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
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पहले और दूसरे चरण के लिए 140 सीटों पर होगा मंथन
पार्टी सूत्रों के अनुसार दिल्ली में चल रही बैठक में फिलहाल पहले और दूसरे चरण की लगभग 140 सीटों पर चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान यूपी में बीजेपी के बड़े नेताओं के भी चुनाव लड़ने पर चर्चा होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम के चुनाव लड़ने या न लड़ने पर चर्चा की जाएगी. अगर योगी और मौर्या के चुनाव लड़ने पर सहमति बनती है तो उन्हें किस सीट से लड़ाना है. इस पर भी विचार किया जाएगा.
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आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक संपन्न हुई। pic.twitter.com/YHrlX3vdf2
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) January 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गौरतलब है कि हाल ही में यूपी बीजेपी चुनाव समिति का गठन किया गया. इस चुनाव समिति में स्वतंत्र देव सिंह, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, सुनील बंसल और दिनेश शर्मा समेत कुल 24 सदस्यों को शामिल किया गया है. यही टीम टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
नए साल के साथ ही शुरू हो गया था आंतरिक सर्वे
गौरतलब है कि हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा की केंद्रीय समितियां कई स्तरों पर विधायकों और सांसदों के कामकाज को लेकर जनता से फीडबैक लेती हैं. यह फीडबैक एक तरह का सर्वे होता है जो कई स्तरों पर लिया जाता है.
इस बार भी नए साल के पहले सप्ताह से ही भाजपा ने अपने परंपरागत आंतरिक सर्वे को शुरू कर दिया. हालांकि इसके पूर्व भी कई सर्वे किए गए थे पर इस सर्वे को फाइनल सर्वे माना गया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश से लेकर क्षेत्रीय स्तर और विधानसभाओं तक दूसरे प्रदेशों के 806 दिग्गज पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है. इन पदाधिकारियों को पार्टी ने सभी 403 विधानसभा सीटों पर तैनात किया है.
पिछले एक सप्ताह में जनता के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की राय लेकर आला नेतृत्व को इसकी रिपोर्ट भेजी भी जा चुकी है. उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों जैसे पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध आदि क्षेत्रों में भी इस सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा चुनाव समिति ने टिकटों के बंटवारे के लिए मंथन शुरू कर दिया है.
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इस तरह किया गया है सर्वे
भाजपा ने प्रदेश के सभी विधानसभा सीटों के सर्वे के लिए इन्हें मंडलवार बांटा है. इसमें एक पदाधिकारी को एक मंडल की जिम्मेदारी दी गई है जबकि तीन-तीन पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र में लगाया गया है. वहीं मेरठ, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे बड़े जिलों में 20-20 लोगों की टीमों को लगाया गया.
हर विधानसभा क्षेत्र में सैंपल साइज अलग-अलग रखा गया है. कहीं 100 तो कहीं 200-300 लोगों से राय ली जा रही है. इनकी राय के आधार पर नेतृत्व को रिपोर्ट भेजी जा रही है. विशेषकर पहले और दूसरे चरणों के चुनाव क्षेत्रों के 140 सीटों का सर्वे भेजा जा चुका है जिसे लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू हो गया है.
स्थानीय स्तर पर सर्वे के बाद इसे जिले की कोर कमेटी के सामने रखा जा रहा है. कोर कमेटी के फाइनल दो-तीन नामों पर मुहर लगाने और प्रदेश नेतृत्व को इसकी सिफारिश करने का काम भी जारी है. अब इन नामों पर चरणबद्ध तरीके से चुनाव समिति ने मंथन शुरू कर दिया है.
टिकट बंटवारे का ब्लू प्रिंट तैयार, कई सीटों पर हो सकता है फेरबदल
भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा ने अपनी चुनाव समिति के माध्यम से 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनावों में टिकट बंटवारे का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. टिकटों के बंटवारे के लिए आंतरिक सर्वे का कार्य भी पूरा हो चुका है. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार ही भाजपा चुनाव समिति टिकटों के बंटवारे को लेकर अपनी अनुशंसा दिल्ली आलाकमान को भेजेगी. जानकारी के अनुसार आगामी 2022 के यूपी चुनाव में बीजेपी बड़ी तादाद में अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है. इसके अलावा बड़ी तादाद में सीटें बदली भी जाएंगी. सौ से अधिक सीटों पर फेरबदल या इनके कटने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से जातिगत स्तर पर टिकट बंटवारे को मिलेगा बल
स्वामी प्रसाद मौर्य का जाना कई मायनों में भाजपा के लिए खास होगा. जहां उनके जाने से भाजपा को अब नए सिरे से टिकटों के बंटवारे में पिछड़े वर्ग के लोगों को महत्व देना होगा तो वहीं 'अपनों' को पार्टी में रोकने के लिए भी थोड़ा लचीला रवैया अपनाने पर भी पार्टी में चर्चा चल रही है. हालांकि आलाकमान इन परिस्थितियों में भी समझौता करेगा या नहीं, यह वक्त ही बताएगा.
डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा
गौरतलब है कि पूर्व में टिकटों का बंटवारा पूरी तरह से भाजपा और संघ के आंतरिक सर्वे के आधार पर ही किया जाता था. इसे लेकर कोई दबाव स्वीकार नहीं किया जाता था. पर इस बार स्वामी के ऐन चुनाव के पूर्व जाने और भाजपा पर पिछड़ों की उपेक्षा करने का आरोप लगाने के चलते भाजपा नेतृत्व थोड़ा संजीदा जरूर हुआ है. ऐसे में आंतरिक सर्वे में इस बार दूसरी और तीसरी पंक्ति के वे नेता जो दलित या पिछड़े वर्ग से आते हैं, उन्हें ज्यादा तरजीह देकर फिलहाल की परिस्थितियों को बैलेंस करने या यूं कहें कि डैमेज कंट्रोल करने पर भी भाजपा आला कमान पहल करता दिखाई दे सकता है.