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UP Election 2022: लखनऊ की दो विधानसभा सीटों पर सबकी नजर, जानें कौन-कौन हैं दावेदार - रीता बहुगुणा जोशी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो विधानसभा सीटें बहुत अहम हो गई हैं. इन दोनों सीटों पर अभी से यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बड़े-बड़े नेताओं के दावेदारी प्रस्तुत करने की चर्चा शुरू हो गई है.

लखनऊ की दो विधानसभा सीटों पर कई दावेदार.
लखनऊ की दो विधानसभा सीटों पर कई दावेदार.
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Published : Sep 16, 2021, 6:11 PM IST

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं और राजनीतिक पार्टियां भी चुनावी समीकरण बैठाने में जुट गई हैं. वहीं, राजधानी लखनऊ में दो विधानसभा सीटें बहुत अहम हैं. इनमें से एक पश्चिम विधानसभा क्षेत्र जो कि पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव की कोरोना से हुई मृत्यु के बाद खाली हो चुकी है. दूसरी सीट कैंट विधानसभा की है, जो कि वर्तमान विधायक सुरेश तिवारी के 75 साल की उम्र से अधिक होने की वजह से खाली हो जाएगी. इन दोनों सीटों के लिए बड़े-बड़े दावेदार मैदान में दावा ठोक रहे हैं.

लखनऊ की दो विधानसभा सीटों पर कई दावेदार.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी पश्चिम सीट के दावेदार हो सकते हैं. जबकि यहां वर्तमान नगर विकास मंत्री गोपाल जी टंडन को भी टिकट दिए जाने की चर्चा राजनैतिक गलियारों में आम है. दूसरी ओर कैंट में बड़ा राजनीतिक फेरबदल किए जाने की तैयारी है. वहीं, कई मौकों पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तारीफ कर चुकीं मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधु अर्पणा यादव को भाजपा में शामिल करके इस सीट से लड़ाया जा सकता है. यही नहीं प्रयागराज से सांसद रीता जोशी बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी की भी इस सीट पर दावेदारी है. दोनों ही सीटों पर चार-चार अहम दावेदार हैं, जिनको भाजपा प्रत्याशी बनाया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें-UP विधानसभा चुनाव 2022 : मुश्किल है...कन्नौज की सदर सीट पर सपा को हराना

बता दें कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव की अप्रैल में कोरोना से हुई मौत के बाद खाली हुई है. यह सीट कभी मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन को समर्पित थी. टंडन के बाद यह सीट एक बार उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी. फिर 2012 सपा के मो. रेहान नईम ने इसको जीता था. 2017 में भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने रेहान नईम को हराकर इस सीट पर दोबारा कब्जा किया. उनकी मृत्यु के बाद अब इस सीट पर कई दावेदार हैं.

पश्चिम विधानसभा सीट

  • डॉ. दिनेश शर्माः उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा इस सीट से दावेदार हैं. राजधानी के महापौर रहने के दौरान उनका इस इलाके में बहुत काम किया है. फिलहाल वे एमएलसी हैं और उनको इस बार चुनाव लड़ना होगा. इसलिए भाजपा उनको उम्मीदवार बना सकती है.
  • आशुतोष टंडन गोपालः नगर विकास मंत्री और पूर्व क्षेत्र से विधायक आशुतोष टंडन गोपाल का टिकट बदलने की बातें भी चल रही हैं, उनको अपने पिता लाल जी टंडन की परंपरागत सीट से लड़ा कर पूर्व से डॉ दिनेश शर्मा को भी लड़ाए जाने की संभावना है.
  • सौरभ श्रीवास्तव: सौरभ श्रीवास्तव पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव के पुत्र हैं. वह कवि भी है.वे भी इस सीट से टिकट के इच्छुक हैं और अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं.
  • डॉ. राजीव लोचन: डॉ राजीव लोचन पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्ता के पुत्र हैं. वे सरकारी चिकित्सा सेवा से रिटायर हैं. उनकी भी दावेदारी इस सीट पर रही है.

  • कैंट विधानसभा सीट
    इस सीट के विधायक सुरेश तिवारी की उम्र 75 वर्ष से अधिक हो गई है. वे उपचुनाव में विधायक चुने गए, क्योंकि इस सीट पर 2017 में चुनी गईं रीता जोशी प्रयागराज से सांसद बन गई थीं. इस बार सुरेश तिवारी का टिकट बदले जाने की तैयारी है. उनकी जगह भी कई बड़े दावेदार हैं.
  • अपर्णा यादव: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और प्रतीक यादव की पत्नी का नाम भी इस सीट के दावेदारों में है. अपर्णा 2017 में सपा से लड़ीं थीं. वे रीता जोशी से हार गई थीं. इस बार लगातार योगी और मोदी की तारीफ कर के अपर्णा अपनी दावेदारी मजबूत कर रही हैं.
  • मयंक जोशी: प्रयागराज से सांसद और 2017 में कैंट सीट से विधायक बन चुकीं रीता जोशी बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी की भी इस सीट से दावेदारी गिनाई जा रही है. मयंक जोशी कैंट में काम भी कर रहे हैं.
  • गुड्डू त्रिपाठी: कभी बसपा सरकार में एमएलसी रहे कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के साले गुड्डू त्रिपाठी भी कैंट सीट पर टिकट के आवेदक होंगे. उन्होंने ने भी होर्डिंग के माध्यम से इलाके में अपनी बात रखना शुरू कर दी है.
  • अभिजात मिश्र: अभिजात मिश्र भाजयुमो में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं. 2017 में भी टिकट मांग रहे थे. टिकट न मिलने पर बिफर गए थे. बाद में उनको शान्त किया गया. इस बार भी उनकी दावेदारी है.

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर पूरे प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं और राजनीतिक पार्टियां भी चुनावी समीकरण बैठाने में जुट गई हैं. वहीं, राजधानी लखनऊ में दो विधानसभा सीटें बहुत अहम हैं. इनमें से एक पश्चिम विधानसभा क्षेत्र जो कि पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव की कोरोना से हुई मृत्यु के बाद खाली हो चुकी है. दूसरी सीट कैंट विधानसभा की है, जो कि वर्तमान विधायक सुरेश तिवारी के 75 साल की उम्र से अधिक होने की वजह से खाली हो जाएगी. इन दोनों सीटों के लिए बड़े-बड़े दावेदार मैदान में दावा ठोक रहे हैं.

लखनऊ की दो विधानसभा सीटों पर कई दावेदार.

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी पश्चिम सीट के दावेदार हो सकते हैं. जबकि यहां वर्तमान नगर विकास मंत्री गोपाल जी टंडन को भी टिकट दिए जाने की चर्चा राजनैतिक गलियारों में आम है. दूसरी ओर कैंट में बड़ा राजनीतिक फेरबदल किए जाने की तैयारी है. वहीं, कई मौकों पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तारीफ कर चुकीं मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधु अर्पणा यादव को भाजपा में शामिल करके इस सीट से लड़ाया जा सकता है. यही नहीं प्रयागराज से सांसद रीता जोशी बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी की भी इस सीट पर दावेदारी है. दोनों ही सीटों पर चार-चार अहम दावेदार हैं, जिनको भाजपा प्रत्याशी बनाया जा सकता है.

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बता दें कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव की अप्रैल में कोरोना से हुई मौत के बाद खाली हुई है. यह सीट कभी मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन को समर्पित थी. टंडन के बाद यह सीट एक बार उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी. फिर 2012 सपा के मो. रेहान नईम ने इसको जीता था. 2017 में भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने रेहान नईम को हराकर इस सीट पर दोबारा कब्जा किया. उनकी मृत्यु के बाद अब इस सीट पर कई दावेदार हैं.

पश्चिम विधानसभा सीट

  • डॉ. दिनेश शर्माः उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा इस सीट से दावेदार हैं. राजधानी के महापौर रहने के दौरान उनका इस इलाके में बहुत काम किया है. फिलहाल वे एमएलसी हैं और उनको इस बार चुनाव लड़ना होगा. इसलिए भाजपा उनको उम्मीदवार बना सकती है.
  • आशुतोष टंडन गोपालः नगर विकास मंत्री और पूर्व क्षेत्र से विधायक आशुतोष टंडन गोपाल का टिकट बदलने की बातें भी चल रही हैं, उनको अपने पिता लाल जी टंडन की परंपरागत सीट से लड़ा कर पूर्व से डॉ दिनेश शर्मा को भी लड़ाए जाने की संभावना है.
  • सौरभ श्रीवास्तव: सौरभ श्रीवास्तव पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव के पुत्र हैं. वह कवि भी है.वे भी इस सीट से टिकट के इच्छुक हैं और अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं.
  • डॉ. राजीव लोचन: डॉ राजीव लोचन पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्ता के पुत्र हैं. वे सरकारी चिकित्सा सेवा से रिटायर हैं. उनकी भी दावेदारी इस सीट पर रही है.

  • कैंट विधानसभा सीट
    इस सीट के विधायक सुरेश तिवारी की उम्र 75 वर्ष से अधिक हो गई है. वे उपचुनाव में विधायक चुने गए, क्योंकि इस सीट पर 2017 में चुनी गईं रीता जोशी प्रयागराज से सांसद बन गई थीं. इस बार सुरेश तिवारी का टिकट बदले जाने की तैयारी है. उनकी जगह भी कई बड़े दावेदार हैं.
  • अपर्णा यादव: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और प्रतीक यादव की पत्नी का नाम भी इस सीट के दावेदारों में है. अपर्णा 2017 में सपा से लड़ीं थीं. वे रीता जोशी से हार गई थीं. इस बार लगातार योगी और मोदी की तारीफ कर के अपर्णा अपनी दावेदारी मजबूत कर रही हैं.
  • मयंक जोशी: प्रयागराज से सांसद और 2017 में कैंट सीट से विधायक बन चुकीं रीता जोशी बहुगुणा के बेटे मयंक जोशी की भी इस सीट से दावेदारी गिनाई जा रही है. मयंक जोशी कैंट में काम भी कर रहे हैं.
  • गुड्डू त्रिपाठी: कभी बसपा सरकार में एमएलसी रहे कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के साले गुड्डू त्रिपाठी भी कैंट सीट पर टिकट के आवेदक होंगे. उन्होंने ने भी होर्डिंग के माध्यम से इलाके में अपनी बात रखना शुरू कर दी है.
  • अभिजात मिश्र: अभिजात मिश्र भाजयुमो में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं. 2017 में भी टिकट मांग रहे थे. टिकट न मिलने पर बिफर गए थे. बाद में उनको शान्त किया गया. इस बार भी उनकी दावेदारी है.
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