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UP Election 2022: रुहेलखंड क्षेत्र में इस बार है रोमांचक मुकाबला, जानिए क्या है चुनावी समीकरण?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम का नेताओं के साथ जनता को भी परिणाम का इंतजार हैं. आइए जानते हैं कि इस बार रुहेलखंड क्षेत्र में चुनावी समीकरण क्या हैं?

रुहेलखंड की सियासत.
रुहेलखंड की सियासत.
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Published : Mar 9, 2022, 10:53 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में रुहेलखंड क्षेत्र में बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. मुस्लिम बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में 9 जिले हैं और इनमें 52 विधानसभा सीटें हैं. इन 52 विधानसभा सीटों पर इस बार 515 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी है. रुहेलखंड में क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है और यह समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर में भाजपा गठबंधन को 38 सीटें मिलीं थी. जबकि समाजवादी पार्टी को 15 और कांग्रेस को 2 सीटें जीतने में कामयाब थी, वहीं सपा का खाता भी नहीं खुला था.

रुहेलखंड क्षेत्र.
रुहेलखंड क्षेत्र.

मुद्दे और सियासत
रुहेलखंड क्षेत्र के में बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर जिले हैं. इस क्षेत्र के पीलीभीत जिले में चौथे चरण और बाकी सभी जिले में दूसरे चरण में मतदान हुआ. इस क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा आवारा पशु और गन्ना भुगतान को लेकर है. इस मुद्दे को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बार भी वोट मांगे. 2022 के चुनाव में इस क्षेत्र में किसान आंदोलन का भी मुद्दा खूब उछला, क्योंकि इन सभी जिलों के किसानों ने आंदोलन में हिस्सा लिया. वहीं, रामपुर से सांसद आजम खान भी चुनावी मुद्दा खूब उछाला गया. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी ने आजम खान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए वोट मांगा. वहीं समाजवादी पार्टी ने आजम खान पर झूठे मुकदमे दर्ज करने और भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाया. वहीं, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी भी विधानसभा चुनाव के बीच भी अपनी पार्टी को घेरा, जिसका विपक्ष ने फायदा उठाया.

रुहेलखंड क्षेत्र में उम्मीदवार.
रुहेलखंड क्षेत्र में उम्मीदवार.

जातीय समीकरण
गौरतलब है कि बिजनौर में 43.04, अमरोहा में 40.04, संभल में 32.88 फीसदी, मुरादाबाद में 50.80 फीसदी, रामपुर में 50.57 , बरेली में 34.54 , बदायूं में 23.26 और शाहजहांपुर में 17.55 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसके साथ ही कुर्मी और लोध वोटर निर्णायक भूमिका में है तो सैनी-मौर्य और दलित वोटर किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: इस बार पश्चिमी यूपी में आसान नहीं बीजेपी की राह, किसान आंदोलन बन सकता है रोड़ा!

2017 विधानसभा चुनावी में जीत-हार के समीकरण
मुरादाबाद की 6 सीटों में से 2 बीजेपी और 4 सपा, रामपुर की 5 सीट में से 2 बीजेपी और 3 सपा, बरेली की 9 सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ था. इसके अलावा बदायूं की 6 सीटों में से 5 बीजेपी और 1 सपा और शाहजहांपुर की 6 सीट में से 5 बीजेपी और 1 सपा ने जीती थी.

रुहेलखंड क्षेत्र के वीआईपी उम्मीदवार
रुहेलखंड क्षेत्र से 2022 में कई मंत्रियों और कद्दावर नेता भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें शाहजहांपुर सदर से वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, रामपुर के बिलासपुर विधानसभा से जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, बदायूं सदर से नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता, संभल जिले की चंदौसी विधानसभा से माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी प्रत्याशी है. वहीं, रामपुर सदर से वरिष्ठ सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा से मौदान में हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में रुहेलखंड क्षेत्र में बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. मुस्लिम बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में 9 जिले हैं और इनमें 52 विधानसभा सीटें हैं. इन 52 विधानसभा सीटों पर इस बार 515 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी है. रुहेलखंड में क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है और यह समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर में भाजपा गठबंधन को 38 सीटें मिलीं थी. जबकि समाजवादी पार्टी को 15 और कांग्रेस को 2 सीटें जीतने में कामयाब थी, वहीं सपा का खाता भी नहीं खुला था.

रुहेलखंड क्षेत्र.
रुहेलखंड क्षेत्र.

मुद्दे और सियासत
रुहेलखंड क्षेत्र के में बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर जिले हैं. इस क्षेत्र के पीलीभीत जिले में चौथे चरण और बाकी सभी जिले में दूसरे चरण में मतदान हुआ. इस क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा आवारा पशु और गन्ना भुगतान को लेकर है. इस मुद्दे को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बार भी वोट मांगे. 2022 के चुनाव में इस क्षेत्र में किसान आंदोलन का भी मुद्दा खूब उछला, क्योंकि इन सभी जिलों के किसानों ने आंदोलन में हिस्सा लिया. वहीं, रामपुर से सांसद आजम खान भी चुनावी मुद्दा खूब उछाला गया. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी ने आजम खान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए वोट मांगा. वहीं समाजवादी पार्टी ने आजम खान पर झूठे मुकदमे दर्ज करने और भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाया. वहीं, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी भी विधानसभा चुनाव के बीच भी अपनी पार्टी को घेरा, जिसका विपक्ष ने फायदा उठाया.

रुहेलखंड क्षेत्र में उम्मीदवार.
रुहेलखंड क्षेत्र में उम्मीदवार.

जातीय समीकरण
गौरतलब है कि बिजनौर में 43.04, अमरोहा में 40.04, संभल में 32.88 फीसदी, मुरादाबाद में 50.80 फीसदी, रामपुर में 50.57 , बरेली में 34.54 , बदायूं में 23.26 और शाहजहांपुर में 17.55 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसके साथ ही कुर्मी और लोध वोटर निर्णायक भूमिका में है तो सैनी-मौर्य और दलित वोटर किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं.

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2017 विधानसभा चुनावी में जीत-हार के समीकरण
मुरादाबाद की 6 सीटों में से 2 बीजेपी और 4 सपा, रामपुर की 5 सीट में से 2 बीजेपी और 3 सपा, बरेली की 9 सीट पर बीजेपी का कब्जा हुआ था. इसके अलावा बदायूं की 6 सीटों में से 5 बीजेपी और 1 सपा और शाहजहांपुर की 6 सीट में से 5 बीजेपी और 1 सपा ने जीती थी.

रुहेलखंड क्षेत्र के वीआईपी उम्मीदवार
रुहेलखंड क्षेत्र से 2022 में कई मंत्रियों और कद्दावर नेता भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें शाहजहांपुर सदर से वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, रामपुर के बिलासपुर विधानसभा से जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, बदायूं सदर से नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता, संभल जिले की चंदौसी विधानसभा से माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी प्रत्याशी है. वहीं, रामपुर सदर से वरिष्ठ सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा से मौदान में हैं.

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