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अब अपराधियों से कांग्रेस को जीत की उम्मीद, दो सीटों पर दे दिया टिकट - यूपी चुनाव न्यूज

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीति चरम पर है. उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर कांग्रेस पार्टी ने जहां योगी सरकार पर हमला किया, वहीं वो खुद चुनाव में अपराधियों को टिकट दे रही है. कांग्रेस ने दो ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दे दिया, जो पार्टी में सक्रिय नहीं रहे.

कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस प्रत्याशी
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Published : Jan 29, 2022, 1:29 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी ने ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया जो कांग्रेस में सक्रिय नहीं रहे. कभी पुलिस उन्हें खोज रही थी. 50000 का इनाम तक पुलिस ने रखा था, लेकिन कांग्रेस के लिए यह सब मायने नहीं रखता. पार्टी ने बालामऊ से सुरेंद्र कालिया को प्रत्याशी बना दिया तो बिसवां से राजा अभिनव भार्गव को. दोनों ही प्रत्याशियों पर गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं. इसके अलावा एक सीट पर और भी ऎसे ही प्रत्याशी टिकट पाने की आस लगाए बैठे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि जिन कांग्रेस के टिकट आवेदकों के लिए पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी गठित की, पर्यवेक्षकों से प्रत्याशियों की रिपोर्ट मांगने का नाटक किया ही क्यूं.

उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर रही. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और तमाम नेता भाजपा को घेरते रहे, लेकिन जब चुनाव में अपराधियों को टिकट देने की बारी आई तो कांग्रेस पार्टी ने भी इनसे परहेज नहीं किया. पार्टी ने अपराधियों को इस उम्मीद के साथ उम्मीदवार बनाया कि यूपी में कांग्रेस के सितारे जो अभी गर्दिश में हैं उन्हें यह अपराधी बुलंदी पर पहुंचाएंगे.

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने एक सूची जारी की जिसमें हिस्ट्रीशीटर रहे सुरेंद्र कालिया को पार्टी ने बालामऊ से टिकट दे दिया. कालिया का काला इतिहास रहा है. पुलिस की पकड़ से भाग रहे कालिया पर पुलिस ने 50000 का इनाम रखा. 2021 में लखनऊ पुलिस ने सुरेंद्र कालिया को कोलकाता से गिरफ्तार किया था. सुरेंद्र कालिया पर आरोप है कि हाल ही में माफिया अभय सिंह के इशारे पर उसने खुद पर गोली चलवाकर माफिया धनंजय सिंह को फंसाने का प्रयास किया था. कांग्रेस के टिकट से विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले सुरेंद्र कालिया जिला पंचायत सदस्य रह चुका है और जन अधिकार मंच के टिकट पर बालामऊ से विधानसभा में भी किस्मत आजमा चुका है. जीत उससे कोसों दूर रही थी.

कांग्रेस पार्टी ने बालामऊ से हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया को प्रत्याशी बनाया है. उसके पुराने आपराधिक इतिहास पर नजर डालें तो 13 जुलाई 2020 को आलमबाग थाने में सुरेंद्र कालिया ने बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कालिया ने माफिया अभय सिंह के इशारे पर माफिया धनंजय सिंह को फंसाने के लिए खुद पर हमले कर साजिश रच डाली थी और परिवार सहित फरार हो गया था. पुलिस ने 50000 का इनाम रखा था. अवैध पिस्टल रखने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जेल भेजा गया और इसके बाद जमानत पर छूट गया. अब कांग्रेस पार्टी ने उसे माननीय बनाने के लिए टिकट देकर दांव लगा दिया है.

कांग्रेस पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर और ऐसा प्रत्याशी घोषित किया जो चर्चा का विषय बन गया. यह विधानसभा सीट है सीतापुर की विसवाँ. यहां से पार्टी ने राजा अभिनव भार्गव को प्रत्याशी बनाया है. राजा अभिनव भार्गव वही हैं जिनकी मां एक निजी कंपनी में बड़े पद पर थीं और इस कम्पनी के खिलाफ कुछ ही दिन पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश भर में प्रदर्शन कराया था, लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो पार्टी ने अभिनव राजा भार्गव को ही प्रत्याशी बना दिया.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर में बुआ-बबुआ पर बरसे अमित शाह: बोले- एसपी-बीएसपी राज में यूपी में गुंडों का बोलबाला था, योगी राज में सभी गुंडे बाहर हैं

लखनऊ के महानगर निवासी अभिनव राजा भार्गव के खिलाफ गोमती नगर थाने में एक छात्रा ने यौन शोषण और ब्लैकमेल करने का केस भी दर्ज कराया था. छात्रा की मां ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने खुद को अविवाहित बताकर शादी का झांसा देकर उनकी बेटी का यौन शोषण किया. अश्लील तस्वीरें और एमएमएस भी बना लिया. इसके बाद इन्हीं तस्वीरों से ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. अभी भी कांग्रेस पार्टी में हरदोई की संडीला सीट से एक शख्स उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि इस व्यक्ति पर भी कई मामले दर्ज हैं.

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लखनऊ: कांग्रेस पार्टी ने ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया जो कांग्रेस में सक्रिय नहीं रहे. कभी पुलिस उन्हें खोज रही थी. 50000 का इनाम तक पुलिस ने रखा था, लेकिन कांग्रेस के लिए यह सब मायने नहीं रखता. पार्टी ने बालामऊ से सुरेंद्र कालिया को प्रत्याशी बना दिया तो बिसवां से राजा अभिनव भार्गव को. दोनों ही प्रत्याशियों पर गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं. इसके अलावा एक सीट पर और भी ऎसे ही प्रत्याशी टिकट पाने की आस लगाए बैठे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि जिन कांग्रेस के टिकट आवेदकों के लिए पार्टी ने स्क्रीनिंग कमेटी गठित की, पर्यवेक्षकों से प्रत्याशियों की रिपोर्ट मांगने का नाटक किया ही क्यूं.

उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर रही. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और तमाम नेता भाजपा को घेरते रहे, लेकिन जब चुनाव में अपराधियों को टिकट देने की बारी आई तो कांग्रेस पार्टी ने भी इनसे परहेज नहीं किया. पार्टी ने अपराधियों को इस उम्मीद के साथ उम्मीदवार बनाया कि यूपी में कांग्रेस के सितारे जो अभी गर्दिश में हैं उन्हें यह अपराधी बुलंदी पर पहुंचाएंगे.

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने एक सूची जारी की जिसमें हिस्ट्रीशीटर रहे सुरेंद्र कालिया को पार्टी ने बालामऊ से टिकट दे दिया. कालिया का काला इतिहास रहा है. पुलिस की पकड़ से भाग रहे कालिया पर पुलिस ने 50000 का इनाम रखा. 2021 में लखनऊ पुलिस ने सुरेंद्र कालिया को कोलकाता से गिरफ्तार किया था. सुरेंद्र कालिया पर आरोप है कि हाल ही में माफिया अभय सिंह के इशारे पर उसने खुद पर गोली चलवाकर माफिया धनंजय सिंह को फंसाने का प्रयास किया था. कांग्रेस के टिकट से विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले सुरेंद्र कालिया जिला पंचायत सदस्य रह चुका है और जन अधिकार मंच के टिकट पर बालामऊ से विधानसभा में भी किस्मत आजमा चुका है. जीत उससे कोसों दूर रही थी.

कांग्रेस पार्टी ने बालामऊ से हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया को प्रत्याशी बनाया है. उसके पुराने आपराधिक इतिहास पर नजर डालें तो 13 जुलाई 2020 को आलमबाग थाने में सुरेंद्र कालिया ने बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कालिया ने माफिया अभय सिंह के इशारे पर माफिया धनंजय सिंह को फंसाने के लिए खुद पर हमले कर साजिश रच डाली थी और परिवार सहित फरार हो गया था. पुलिस ने 50000 का इनाम रखा था. अवैध पिस्टल रखने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जेल भेजा गया और इसके बाद जमानत पर छूट गया. अब कांग्रेस पार्टी ने उसे माननीय बनाने के लिए टिकट देकर दांव लगा दिया है.

कांग्रेस पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर और ऐसा प्रत्याशी घोषित किया जो चर्चा का विषय बन गया. यह विधानसभा सीट है सीतापुर की विसवाँ. यहां से पार्टी ने राजा अभिनव भार्गव को प्रत्याशी बनाया है. राजा अभिनव भार्गव वही हैं जिनकी मां एक निजी कंपनी में बड़े पद पर थीं और इस कम्पनी के खिलाफ कुछ ही दिन पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश भर में प्रदर्शन कराया था, लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो पार्टी ने अभिनव राजा भार्गव को ही प्रत्याशी बना दिया.

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लखनऊ के महानगर निवासी अभिनव राजा भार्गव के खिलाफ गोमती नगर थाने में एक छात्रा ने यौन शोषण और ब्लैकमेल करने का केस भी दर्ज कराया था. छात्रा की मां ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने खुद को अविवाहित बताकर शादी का झांसा देकर उनकी बेटी का यौन शोषण किया. अश्लील तस्वीरें और एमएमएस भी बना लिया. इसके बाद इन्हीं तस्वीरों से ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. अभी भी कांग्रेस पार्टी में हरदोई की संडीला सीट से एक शख्स उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि इस व्यक्ति पर भी कई मामले दर्ज हैं.

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