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विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारेगी सपा, नरेंद्र वर्मा के नाम पर बन सकती है सहमति

समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीतापुर के विधायक नरेंद्र वर्मा को समाजवादी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर 17 अक्टूबर को नामांकन कराएगी. हालांकि इसके बारे में औपचारिक फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है.

समाजवादी पार्टी.
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Published : Oct 14, 2021, 3:20 PM IST

लखनऊः 18 अक्टूबर को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. भारतीय जनता पार्टी एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर चुकी है. वहीं समाजवादी पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी कर रही है. सपा ने कहा है कि विधानसभा नियमों के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष का होता है. ऐसे में यह पद सत्ता पक्ष को समाजवादी पार्टी को देना चाहिए, लेकिन वह नियमों और परंपराओं की हत्या करते हुए इस पर कब्जा करना चाहती है, जिसका समाजवादी पार्टी इसका विरोध करेगी.

भाजपा समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे और अब भाजपा में शामिल हो चुके नरेश अग्रवाल के बेटे सपा विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ना चाह रही है. इसको लेकर 18 अक्टूबर को विधानसभा सचिवालय में चुनाव प्रक्रिया भी कराई जाएगी. इसकी बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. नितिन अग्रवाल समाजवादी पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए थे. लेकिन वह इस समय भारतीय जनता पार्टी में हैं.

यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव.

ऐसे में अब समाजवादी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष का पद नियमों के अनुसार खुद लेने का दावा ठोक रही है. समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीतापुर से सपा विधायक नरेंद्र वर्मा को समाजवादी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर 17 अक्टूबर को नामांकन कराएगी. हालांकि इसके बारे में औपचारिक फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए 18 अक्टूबर को होगा चुनाव, इस दिन होगा नामांकन

समाजवादी पार्टी के सीतापुर से विधायक नरेंद्र वर्मा कुर्मी बिरादरी से आते हैं और कुर्मी वोट बैंक को देखते हुए समाजवादी पार्टी उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ाएगी. सत्ता पक्ष का बहुमत होने के चलते जीत नरेंद्र वर्मा की हो पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा है कि परंपरा हमेशा यही रही है कि विधानसभा का उपाध्यक्ष हमेशा विपक्ष का होता रहा है. भारतीय जनता पार्टी अगर नियमों और परंपराओं से चलना चाहती है तो विधानसभा उपाध्यक्ष का पद समाजवादी पार्टी को ऑफर करना चाहिए था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार हम उसमें हिस्सा लेंगे. अब समाजवादी पार्टी का जो क्लेम बनता है. उसके आधार पर हम अपना काम करेंगे. उम्मीदवार उतारने को लेकर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है.

लखनऊः 18 अक्टूबर को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. भारतीय जनता पार्टी एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर चुकी है. वहीं समाजवादी पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी कर रही है. सपा ने कहा है कि विधानसभा नियमों के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष का होता है. ऐसे में यह पद सत्ता पक्ष को समाजवादी पार्टी को देना चाहिए, लेकिन वह नियमों और परंपराओं की हत्या करते हुए इस पर कब्जा करना चाहती है, जिसका समाजवादी पार्टी इसका विरोध करेगी.

भाजपा समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे और अब भाजपा में शामिल हो चुके नरेश अग्रवाल के बेटे सपा विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ना चाह रही है. इसको लेकर 18 अक्टूबर को विधानसभा सचिवालय में चुनाव प्रक्रिया भी कराई जाएगी. इसकी बाकायदा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. नितिन अग्रवाल समाजवादी पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए थे. लेकिन वह इस समय भारतीय जनता पार्टी में हैं.

यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव.

ऐसे में अब समाजवादी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष का पद नियमों के अनुसार खुद लेने का दावा ठोक रही है. समाजवादी पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीतापुर से सपा विधायक नरेंद्र वर्मा को समाजवादी पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर 17 अक्टूबर को नामांकन कराएगी. हालांकि इसके बारे में औपचारिक फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है.

इसे भी पढ़ें- विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए 18 अक्टूबर को होगा चुनाव, इस दिन होगा नामांकन

समाजवादी पार्टी के सीतापुर से विधायक नरेंद्र वर्मा कुर्मी बिरादरी से आते हैं और कुर्मी वोट बैंक को देखते हुए समाजवादी पार्टी उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ाएगी. सत्ता पक्ष का बहुमत होने के चलते जीत नरेंद्र वर्मा की हो पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा है कि परंपरा हमेशा यही रही है कि विधानसभा का उपाध्यक्ष हमेशा विपक्ष का होता रहा है. भारतीय जनता पार्टी अगर नियमों और परंपराओं से चलना चाहती है तो विधानसभा उपाध्यक्ष का पद समाजवादी पार्टी को ऑफर करना चाहिए था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार हम उसमें हिस्सा लेंगे. अब समाजवादी पार्टी का जो क्लेम बनता है. उसके आधार पर हम अपना काम करेंगे. उम्मीदवार उतारने को लेकर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है.

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