लखनऊः विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बीट अनुपूरक बजट पास हो गया. इसके तुरंत बाद 11:30 बजे विधानसभा के स्थगित होने का प्रस्ताव रखा गया. विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण दीक्षित ने इसे स्वीकार करते हुए अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा स्थगित कर दी. दरअसल शुक्रवार यानी 20 दिसम्बर तक सदन की कार्यवाही चलनी थी.
सपा ने किया हंगामा
विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार की सुबह 9:30 बजे से ही समाजवादी पार्टी के विधायक विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष कानून व्यवस्था को लेकर धरने पर बैठ गए थे. साथ ही सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान यह सिलसिला करीब 11:00 बजे तक चला.
हंगामे के बीच चली सदन की कार्यवाही
11:00 बजे सदन के शुरू होते ही सपा के सदस्य कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर वेल में पहुंच गए. वहां भी सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी. इस पर अध्यक्ष ने उन्हें अपनी चेयर पर जाकर बैठने के लिए कहा, लेकिन सपा के सदस्य नहीं माने. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने आज की सारी कार्यवाही तेजी से पूरी की. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट के अनुमोदन का प्रस्ताव रखा, जिसे पास करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
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विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस सरकार में कानून का राज खत्म होने के साथ ही गुंडाराज स्थापित हो गया है. साथ ही कहा कि योगी सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है. समाजवादी पार्टी आज पूर्व से घोषित कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर में कार्यक्रम करना चाहती थी, लेकिन उसे दबाया जा रहा है. इसलिए हमने इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की, लेकिन सत्ता पक्ष ने चर्चा से हमेशा भागने का काम किया है. आज भी बीजेपी ने सारी मर्यादाओं को तोड़ते हुए असंवैधानिक तरीके से सदन को स्थगित किया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार हो रहा है, जब प्रश्नकाल के दौरान ही विधानसभा स्थगित की जा रही है.
बसपा रखना चाहती थी किसानों की बात
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि हम नहीं चाहते थे, कि सदन स्थगित हो. हम प्रदेश के किसानों की समस्याओं को उठाना चाहते थे, जिस पर सरकार का जवाब भी चाहते थे. प्रदेश में बेटियां जलाई जा रही हैं और छात्रों के आंदोलन को कुचला जा रहा है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जिसके चलते किसान और युवा व्यापारी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि इन सारी चीजों को लेकर हम सदन में सरकार का जवाब चाहते थे, लेकिन आज जिस प्रकार से सदन असंवैधानिक तरीके से सदन की कार्रवाई स्थगित की गई है, उससे हम सब आहत हैं और यह संविधान के विपरीत है.
कांग्रेस ने बताया, यह सरकार की विफलता
कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया. विधानसभा के स्थगित होने को अवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा कि सारे नियमों को ताक पर रखकर आज सदन स्थगित किया गया है, जो कि कतई ठीक नहीं है. इस प्रकार के कदम से कांग्रेसी आहत हैं और सरकार चर्चा से भागती दिख रही है. साथ ही कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि उसकी विफलता की चर्चा सदन में हो और यह बात जनता तक पहुंचे.
विपक्ष नहीं चाहता सुचारू रूप से चले सदन: सुरेश खन्ना
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा कि विपक्ष एक ही मुद्दे को लेकर लगातार हंगामा कर रहा है, जिससे सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. साथ ही कहा कि विपक्ष नहीं चाहता है कि प्रदेश की समस्याओं और उसके विकास को लेकर विधानसभा में चर्चा की जाए. अन्य लोग अपनी बात सदन में रखना चाहते थे, लेकिन लगातार सपा के हंगामे के चलते सदन को स्थगित करना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा नहीं चाहती कि सदन किसी निष्कर्ष पर पहुंचे, इसीलिए ये लोग इस तरह से हंगामा कर रहे हैं.