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उन्नाव रेप केस: पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में बना कोर्ट रूम

उन्नाव मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की थी, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने त्वरित फैसला लेकर इसकी इजाजत दे दी है.

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Published : Sep 7, 2019, 1:02 AM IST

दिल्ली एम्स.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दे दी है.

दरअसल, इस मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की थी. शुक्रवार को सुबह जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, तो कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें. उसके बाद शुक्रवार की शाम ही हाईकोर्ट ने इस पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया.

अब जज धर्मेश शर्मा खुद एम्स के ट्रामा सेंटर जाकर पीड़िता का बयान दर्ज कर सकेंगे. बता दें कि पीड़िता की हालत में सुधार आने के बाद तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की अनुमति दी जाए.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दे दी है.

दरअसल, इस मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की थी. शुक्रवार को सुबह जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, तो कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें. उसके बाद शुक्रवार की शाम ही हाईकोर्ट ने इस पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया.

अब जज धर्मेश शर्मा खुद एम्स के ट्रामा सेंटर जाकर पीड़िता का बयान दर्ज कर सकेंगे. बता दें कि पीड़िता की हालत में सुधार आने के बाद तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की अनुमति दी जाए.

Intro:नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने त्वरित फैसला करते हुए उन्नाव रेप मामले की पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दे दी है। दरअसल इस मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के जज धर्मेश शर्मा ने एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की थी।



Body:आज ही सुबह जब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वो जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें । उसके बाद आज शाम ही हाईकोर्ट ने इस पर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया।



Conclusion:अब जज धर्मेश शर्मा खुद एम्स के ट्रामा सेंटर जाकर पीड़िता का बयान दर्ज कर सकेंगे। आपको बता दें कि पीड़िता की हालत में सुधार आने के बाद तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की अनुमति दी जाए।
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