नई दिल्ली: उन्नाव दुष्कर्म मामले में पीड़िता के चाचा ने बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. ये बयान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज कराए गए. पीड़िता के चाचा का बयान 2 सितंबर को भी दर्ज किया जाएगा.
पीड़िता के चाचा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के रायबरेली जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था. पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक केस में दस साल की कैद हुई है. उसके खिलाफ आरोपी विधायक के भाई अतुल सिंह ने केस दर्ज कराया था.
इन-कैमरा हो रही है कोर्ट की सुनवाई
पिछले 22 अगस्त से पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत और आर्म्स एक्ट में फंसाए जाने के मामले में गवाहों के बयान दर्ज होने शुरू हो गए. दोनों ही मामलों में कोर्ट ने आरोप तय किया था. गवाहों के बयान कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन-कैमरा हो रहे हैं. इन कैमरा सुनवाई का मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं होगा.
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पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप
13 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को गलत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया था. वहीं कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग कर दिया था. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं.
पिछले 14 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप तय करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया था. कोर्ट ने एक लोकसेवक द्वारा यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया था. इन धाराओं के तहत दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है.