लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों की सूरत बदलने के लिए एक अनूठी पहल की गई है. अब कोई भी व्यक्ति इन सरकारी स्कूलों को गोद ले सकेगा. इसके लिए विभाग की तरफ से कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल की शुरुआत की जा रही है. इसमें, कोई भी व्यक्ति सीधे विभाग को मदद मुहैया करा सकेगा.
विभागीय सूत्रों की मानें तो इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी तरह की मदद स्कूलों को उपलब्ध कराई जा सकेगी. इसके लिए जिला स्तर पर एक विद्यालय विकास कोष का खाता भी खोला जाएगा. इसके अलावा अगर आप किसी भी विशेष स्कूल को फर्नीचर या दूसरा सामान उपलब्ध कराना चाहेंगे तो आपको पोर्टल पर जाकर स्कूल को चुनना होगा. उसके बाद सीधे उस स्कूल में सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी. इस योजना की मदद से कार्पोरेट जगत से मिलने वाली मदद के साथ ही प्रतिष्ठित या इच्छुक लोगों की तरफ से मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी. अभी तक इस तरह की मदद में किसी भी प्रकार से आयकर में छूट की व्यवस्था नहीं है. भविष्य में इस तरह की व्यवस्था भी किए जाने की बात सामने आई है.
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इससे पहले योगी सरकार की तरह से प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायकों से लेकर राजपत्रित अधिकारियों तक से अपने-अपने क्षेत्र में सरकारी प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों को गोद लेने की अपील की गई थी. लेकिन, इसके अच्छे नतीजे सामने नहीं आए. हालत यह है कि गोद लिए गए स्कूलों की स्थितियां जस की तस रही हैं. ऐसे में अब आम जनता को इस मुहिम में जोड़ने का प्रयास किया गया है. बात दें कि लखनऊ शहर में ही कई ऐसे निजी स्कूल हैं जो लगातार बिना किसी प्रचार के इन स्कूलों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं. विभाग की इस स्कीम से इन्हें आगे आने और बेहतर काम करने का मौका मिलेगा.
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