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बोली केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, जनजातियों के लिए आगे आने की जरूरत - UP Assembly Election 2022

केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को कहा कि हम सब जनजाति समाज के लिए तत्परता से योगदान करेंगे. सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हम भी उनके साथ जुड़ें और उनके बारे में जानें. यह बातें उन्होंने आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान कहीं.

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
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Published : Nov 15, 2021, 2:09 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हम सभी के लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ये आयोजन करने को कहा है. बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में मनाया जा रहा है. रांची में म्यूजियम का लोकार्पण किया जा रहा है. इस विचार को प्रणाम करने की जरूरत है. सभी जनजाति के गौरव उत्सव मनाने की जरूरत है. साथ ही जनजातीय गौरव सप्ताह मनाया जाए.

हम नायकों के इतिहास से परिचित हों. भारत का आम आदमी जनजातीय समाज से भावनात्मक तौर पर जुड़े. यह प्रयास भारत सरकार की ओर से किया जा रहा है. पूरे देश मे जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं. हमारे मिर्जापुर और सोनभद्र में जहां वनवासी और आदिवासी निवास करते हैं. वहां एक म्यूजियम की घोषणा की है. वहां आदिवासी बच्चों की शिक्षा का इंतजाम होगा.

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल

इसे भी पढ़ें - UP के साथ ही अब बिहार के लिए भी लाइफ लाइन बना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, ये है रूट मैप

उन्होंने कहा कि मिर्जापुर और सोनभद्र के अलावा कई जिलों में वनवासी समाज के लोग रहते हैं. सरकार उनके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकारें योजनाएं संचालित कर रही हैं. जनजाति समाज ने भारत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी है.

हमने उनकी परम्पराओं की एक झलक देखी है. इन सारी बातों को संजोने की जरूरत है. कोई प्रदर्शनी लग जाती है, वहां हम आदिवासी उत्पादों को खरीदते हैं. हमको इनकी संस्कृति को जानना होगा.

इस वर्ग ने देश के लिए संघर्ष किया है. वे स्वाधीनता समाज की ज्वाला को लेकर लड़े. अंग्रेजों के आगे सिर नहीं झुकाया. इन सारी बातों को केंद्र सरकार सामने ला रही है. इसलिए ऐसे आयोजनों का महत्व है. बिरसा मुंडा के मन में श्रद्धा भाव था. लगान माफी के लिए संघर्ष किया. उन्होंने सशस्त्र क्रांति की. उनकी केवल 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजों ने हत्या कर दी थी.

इसे भी पढ़ें - राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक टीकों की 100 करोड़ से अधिक खुराक दी गईं : केंद्र

वहीं, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि जब धर्म की हानि होती है तो कोई न कोई महामानव जरूर जन्म लेता है. ऐसे ही बिरसा मुंडा थे. हमारे यहां पौराणिक काल से आदिवासी वनवासी समाज का महत्व रहा है.

जब राम वनवास पर जाते हैं तब राम आदिवासी और वनवासी के आश्रम में जाते हैं. ऐसे ही हमको अंतिम व्यक्ति को जोड़ना होगा, तभी रामराज्य आएगा. इसलिए हमको भी अंतिम व्यक्ति तक कल्याण करना होगा.

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लखनऊ: केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हम सभी के लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ये आयोजन करने को कहा है. बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में मनाया जा रहा है. रांची में म्यूजियम का लोकार्पण किया जा रहा है. इस विचार को प्रणाम करने की जरूरत है. सभी जनजाति के गौरव उत्सव मनाने की जरूरत है. साथ ही जनजातीय गौरव सप्ताह मनाया जाए.

हम नायकों के इतिहास से परिचित हों. भारत का आम आदमी जनजातीय समाज से भावनात्मक तौर पर जुड़े. यह प्रयास भारत सरकार की ओर से किया जा रहा है. पूरे देश मे जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं. हमारे मिर्जापुर और सोनभद्र में जहां वनवासी और आदिवासी निवास करते हैं. वहां एक म्यूजियम की घोषणा की है. वहां आदिवासी बच्चों की शिक्षा का इंतजाम होगा.

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
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उन्होंने कहा कि मिर्जापुर और सोनभद्र के अलावा कई जिलों में वनवासी समाज के लोग रहते हैं. सरकार उनके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकारें योजनाएं संचालित कर रही हैं. जनजाति समाज ने भारत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी है.

हमने उनकी परम्पराओं की एक झलक देखी है. इन सारी बातों को संजोने की जरूरत है. कोई प्रदर्शनी लग जाती है, वहां हम आदिवासी उत्पादों को खरीदते हैं. हमको इनकी संस्कृति को जानना होगा.

इस वर्ग ने देश के लिए संघर्ष किया है. वे स्वाधीनता समाज की ज्वाला को लेकर लड़े. अंग्रेजों के आगे सिर नहीं झुकाया. इन सारी बातों को केंद्र सरकार सामने ला रही है. इसलिए ऐसे आयोजनों का महत्व है. बिरसा मुंडा के मन में श्रद्धा भाव था. लगान माफी के लिए संघर्ष किया. उन्होंने सशस्त्र क्रांति की. उनकी केवल 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजों ने हत्या कर दी थी.

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वहीं, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि जब धर्म की हानि होती है तो कोई न कोई महामानव जरूर जन्म लेता है. ऐसे ही बिरसा मुंडा थे. हमारे यहां पौराणिक काल से आदिवासी वनवासी समाज का महत्व रहा है.

जब राम वनवास पर जाते हैं तब राम आदिवासी और वनवासी के आश्रम में जाते हैं. ऐसे ही हमको अंतिम व्यक्ति को जोड़ना होगा, तभी रामराज्य आएगा. इसलिए हमको भी अंतिम व्यक्ति तक कल्याण करना होगा.

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