लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंगलवार को सीएम आवास पर यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सिंथिया मैकैफ्री ने मुलाकात की. इस अवसर पर प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण के क्षेत्र में यूनिसेफ के सहयोग से जारी कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति पर चर्चा हुई. साथ ही भावी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई.
सिंथिया मैकैफ्री ने कहा है कि यूनिसेफ इंडिया उत्तर प्रदेश के सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल पोषण के क्षेत्र में राज्य सरकार के सहयोग से अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है. आकांक्षात्मक जनपदों में भी यूनिसेफ स्थानीय प्रशासन का सहयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि यूनिसेफ निकट भविष्य में नए कार्यक्रमों के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार को तकनीकी एवं अकादमिक सहयोग देने को तत्पर है.
सामाजिक व स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जारी प्रयासों की सराहना करते हुए सिंथिया ने कहा कि विगत छह वर्ष में प्रदेश में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु और नवजात मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि नियोजित प्रयासों से आज सुदूर गांवों तक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ी है. जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश की यह सफलता प्रेरक है. सिंथिया ने जापानी इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन के लिए मुख्यमंत्री द्वारा अपनाई गई रणनीति को शानदार मॉडल बताया. उन्होंने कहा कि दशकों तक प्रदेश के 38 जनपदों में मासूम बच्चों के असमय काल-कवलित होने का कारण रही इस बीमारी पर रोकथाम लगाने में उत्तर प्रदेश सरकार ने सफलता पाई है. यह बेहतरीन उपलब्धि है.
यूनिसेफ की भारत प्रतिनिधि सिंथिया ने उत्तर प्रदेश जैसे सघन जनसंख्या वाले विशाल राज्य में कोविड नियंत्रण के लिए अपनाई गए रणनीति को अनुकरणीय कहा. विभिन्न देशों के कोविड प्रबंधन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी की सघन जनसंख्या घनत्व और विविध सामाजिक चुनौतियों का सामना यहां के नेतृत्व ने जिस प्रकार किया, वह अत्यंत सराहनीय है. यूपी ने कोविड मैनेजमेंट का बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किया है.
यूनिसेफ प्रतिनिधि का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंसेफेलाइटिस सहित विभिन्न जल जनित बीमारियों, कोविड प्रबंधन सहित लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में यूनिसेफ से मिल रहे सहयोग की प्रशंसा करते हुए परस्पर सहयोग से आगे भी ऐसे प्रयास किए जाने के प्रस्ताव पर हर्ष प्रकट किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है. 40 साल से मासूम बच्चों के असमय काल कवलित होने का कारण बनी रही इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से मृत्यु को 95% तक नियंत्रित कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है. हम एक जिला-एक उत्पाद योजना की तर्ज पर एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं. साथ ही आगे कई अन्य तरह के कार्यक्रम किए जाने हैं.
सीएम ने यूपी 112 व 1090 सेवा तथा पुलिस की तकनीकी कार्यों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल में पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराने वाली यूपी 112 और महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की 1090 सेवा तथा उत्तर प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवाओं के कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनसामान्य को आकस्मिक परिस्थितियों में कहीं भी कभी भी पुलिस की त्वरित सहायता उपलब्ध कराने में यूपी 112 सेवा उपयोगी सिद्ध हुई है. कुशल और समर्पित पुलिसकर्मियों ने यूपी 112 को आमजन की अपेक्षाओं के अनुरूप एक प्रोफेशनल सेवा के रूप में प्रस्तुत किया है. 112 के साथ 101, 108, 1090 और 181 आदि सेवाओं के एकीकरण, जीपीएस, रेडियो वायरलेस, मोबाइल, वेब एप जैसी तकनीक के प्रयोग ने इस सेवा को अत्यधिक व्यावहारिक बनाया है.
उन्होंने कहा कि 112 जैसी आकस्मिक सेवाओं की उपयोगिता उसके क्विक रिस्पॉन्स पर निर्भर करती है. पीड़ित के फोन कॉल करने और पीआरवी द्वारा उस तक मदद पहुंचाने में वर्ष 2016 में जहां औसतन 1 घंटे का समय लगता था, आज इसे 9:44 मिनट तक लाने में सफलता मिली है. रिस्पॉन्स टाइम को कम करने के लिए वाहनों की संख्या और कार्मिकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. हर पीआरवी वाहन को जीपीएस डिवाइस से लैस किया जाए. बॉडी वॉर्न कैमरे मुहैया कराए जाएं. 112 पर कॉल रिसीव करने की क्षमता को और बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 1758 थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाए. यह कार्य प्राथमिकता के साथ तत्काल पूरा किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के बदलते दौर में पुलिस संचार प्रणाली को भी अपडेट किया जाना चाहिए. तकनीक की मदद से आज मोबाइल फ़ोन वायरलेस सेट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. मोबाइल फोन और वायरलेस सेट के बीच संचार प्रणाली को अपनाया जाना चाहिए. प्रारंभिक चरण में इसे बाराबंकी पुलिस में लागू किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में पहली बार महिला पुलिसकर्मियों को बीट पुलिस के रूप में दायित्व दिया गया. आज 10,417 महिला बीट गठित हैं. महिला बीट अधिकारियों द्वारा 1 लाख 29 हजार से अधिक चौपाल आयोजित किया जाना और उसमें 19 लाख महिलाओं की सहभागिता इसकी उपयोगिता प्रदर्शित करती है. महिला बीट अधिकारियों को दोपहिया वाहन की सुविधा भी मुहैया कराई जाए. इस संबंध में शासन की ओर से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी.
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