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उम्भा गोलीकांड की दूसरी बरसीः 11 आदिवासियों के नरसंहार से चर्चा में आ था यह गांव - सोनभद्र खबर

उम्भा गोलीकांड (Umbha Golikand) की आज दूसरी बरसी (Umbha Golikand Second Anniversary) है. इसके मद्देनजर गांव को जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. गांव के आसपास के क्षेत्र में पुलिस ने बैरियर लगाकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.

उम्भा गोलीकांड की दूसरी बरसी.
उम्भा गोलीकांड की दूसरी बरसी.
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Published : Jul 17, 2021, 11:48 AM IST

हैदराबादः सोनभद्र जिले का एक गुमनाम गांव उम्भा 17 जुलाई 2019 को अचानक सुर्खियों में आ गया था. प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर यह गांव चर्चा का विषय बन गया था. सोसाइटी की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दबंगों ने गोली मारकर 11 आदिवासियों की हत्या कर दी थी. वहीं 27 लोग इस उम्भा गोलीकांड (Umbha Golikand) में घायल हो गए थे. गोलियों की तड़तड़ाहट पूरे देश में सुनाई दी थी. आज उम्भा गोलीकांड की दूसरी बरसी (Umbha Golikand Second Anniversary) है.

क्या हुआ था उम्भा में

उम्भा गांव में आदर्श सोसायटी की जमीन पर कई पीढ़ियों से गोंड़ आदिवासी खेती कर रहे थे. करीब 1100 बीघा विवादित जमीन में से करीब 120 बीघा जमीन की रजिस्ट्री मूर्तिया के तत्कालीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सिंह भोरतिया ने 2017 में अपने परिजनों के नाम करा लिया था. इसी जमीन को लेकर रामसुंदर और ग्राम प्रधान के बीच विवाद चल रहा था.

17 जुलाई 2019 को पूरा गांव गोलियों को तड़तड़ाहट से गूंज उठा. हर तरफ चीखपुकार मचने लगी. मृतक रामसुंदर के बेटे लल्लू सिंह ने ग्राम प्रधान यज्ञदत्त, गणेश, विमलेश, धर्मेंद्र, नीरज राय समेत 28 लोगों के खिलाफ नामजद और 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया करवाया था.

कोर्ट के आदेश पर दूसरे पक्ष से देवकली पत्नी निधिदत्त गुर्जर की तहरीर पर कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़, उसके पिता और पूर्व ग्राम प्रधान बहादुर सिंह गोंड़, रामपति, कैलाश, अनिल, विजय, रामबली समेत 55 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. नरसंहार के बाद पुलिस ने 73 लोगों के ऊपर अभियोग पंजीकृत किया था, जिसमें 28 नामजद और 55 अज्ञात शामिल थे. जांच के दौरान 11 लोग संलिप्तता नहीं पाए गए.

इसे भी पढ़ें- बदल रहा सोनभद्र के उस गांव का हाल, जहां आज ही के दिन चली थीं ताबड़तोड़ गोलियां

राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे थे उम्भा

गोलीकांड के बाद से सोनभद्र चर्चा में बना रहा. घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, वृंदा करात, सुभाषिनी अली समेत तमाम दिग्गज नेता उम्भा गांव पहुंचे थे. सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई. अलग-अलग पार्टियों ने भी सहायता राशि उपलब्ध कराई थी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने उम्भा गांव में शहीद स्थल बनाए जाने की भी मांग की गई थी.

सीएम योगी ने की थी मदद की घोषणा

घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही थी. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की भी बात कही थी. मुख्यमंत्री ने 340 करोड़ रुपये की 35 योजनाओं परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था. सीएम ने गांव में पुलिस चौकी बनाने, बच्चों के लिए आवासीय पं. दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी. सोलर एनर्जी एवं शुद्ध पेयजल की सौगात भी दी थी, लेकिन वर्तमान समय में ग्रामीणों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. यूपीनेडा द्वारा लाखों रुपये की लागत से बना सोलर प्लांट इस समय बेकार पड़ा है.

इसे भी पढ़ें- सोनभद्र: उम्भा गोलीकांड के पीड़ितों की मांग, सीएम योगी करें अपना वादा पूरा

दूसरी तरफ सरकार की तरफ से मिलने वाली ज्यादातर सुविधा लोगों को मुहैया कराई गई हैं, जिसमें उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 292 आवास पहली बरसी के तक उपलब्ध कराए गए थे.

हैदराबादः सोनभद्र जिले का एक गुमनाम गांव उम्भा 17 जुलाई 2019 को अचानक सुर्खियों में आ गया था. प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर यह गांव चर्चा का विषय बन गया था. सोसाइटी की जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दबंगों ने गोली मारकर 11 आदिवासियों की हत्या कर दी थी. वहीं 27 लोग इस उम्भा गोलीकांड (Umbha Golikand) में घायल हो गए थे. गोलियों की तड़तड़ाहट पूरे देश में सुनाई दी थी. आज उम्भा गोलीकांड की दूसरी बरसी (Umbha Golikand Second Anniversary) है.

क्या हुआ था उम्भा में

उम्भा गांव में आदर्श सोसायटी की जमीन पर कई पीढ़ियों से गोंड़ आदिवासी खेती कर रहे थे. करीब 1100 बीघा विवादित जमीन में से करीब 120 बीघा जमीन की रजिस्ट्री मूर्तिया के तत्कालीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सिंह भोरतिया ने 2017 में अपने परिजनों के नाम करा लिया था. इसी जमीन को लेकर रामसुंदर और ग्राम प्रधान के बीच विवाद चल रहा था.

17 जुलाई 2019 को पूरा गांव गोलियों को तड़तड़ाहट से गूंज उठा. हर तरफ चीखपुकार मचने लगी. मृतक रामसुंदर के बेटे लल्लू सिंह ने ग्राम प्रधान यज्ञदत्त, गणेश, विमलेश, धर्मेंद्र, नीरज राय समेत 28 लोगों के खिलाफ नामजद और 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया करवाया था.

कोर्ट के आदेश पर दूसरे पक्ष से देवकली पत्नी निधिदत्त गुर्जर की तहरीर पर कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़, उसके पिता और पूर्व ग्राम प्रधान बहादुर सिंह गोंड़, रामपति, कैलाश, अनिल, विजय, रामबली समेत 55 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. नरसंहार के बाद पुलिस ने 73 लोगों के ऊपर अभियोग पंजीकृत किया था, जिसमें 28 नामजद और 55 अज्ञात शामिल थे. जांच के दौरान 11 लोग संलिप्तता नहीं पाए गए.

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राजनीतिक दलों के नेता पहुंचे थे उम्भा

गोलीकांड के बाद से सोनभद्र चर्चा में बना रहा. घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, वृंदा करात, सुभाषिनी अली समेत तमाम दिग्गज नेता उम्भा गांव पहुंचे थे. सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध कराई गई. अलग-अलग पार्टियों ने भी सहायता राशि उपलब्ध कराई थी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने उम्भा गांव में शहीद स्थल बनाए जाने की भी मांग की गई थी.

सीएम योगी ने की थी मदद की घोषणा

घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 18.5 लाख रुपये, घायलों को 2.5 लाख देने की बात कही थी. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 10 बीघा और घायलों को 5 बीघा जमीन देने की भी बात कही थी. मुख्यमंत्री ने 340 करोड़ रुपये की 35 योजनाओं परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था. सीएम ने गांव में पुलिस चौकी बनाने, बच्चों के लिए आवासीय पं. दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी. सोलर एनर्जी एवं शुद्ध पेयजल की सौगात भी दी थी, लेकिन वर्तमान समय में ग्रामीणों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. यूपीनेडा द्वारा लाखों रुपये की लागत से बना सोलर प्लांट इस समय बेकार पड़ा है.

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दूसरी तरफ सरकार की तरफ से मिलने वाली ज्यादातर सुविधा लोगों को मुहैया कराई गई हैं, जिसमें उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिए गए हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 292 आवास पहली बरसी के तक उपलब्ध कराए गए थे.

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