लखनऊः यूपी एटीएस (UP ATS) की टीम ने अवैध धर्मांतरण मामले में रविवार को मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर गौतम के बेटे अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया है. उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला पर धर्मांतरण करने वालों की फंडिंग करने का आरोप है. यूपी एटीएस के मुताबिक जहांगीर आलम और कौसर के सीधे संपर्क में रहकर अब्दुल्ला द्वारा फंडिंग का काम किया जा रहा था. मौलाना उमर गौतम के अल फारुकी मदरसा व मस्जिद और इस्लामिक सेंटर का काम भी अब्दुल्ला देख रहा था.
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गौरतलब है कि यूपी एटीएस की टीम ने 20 जून को अवैध धर्मांतरण मामले में मुकदमा लिखने के बाद से ही इस गिरोह के संचालित करने वाले उमर गौतम को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने उमर से पूछताछ के बाद अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर 16 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है. एटीएस की टीम ने मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित महाराष्ट्र नेटवर्क के रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम उर्फ एडम, भूप्रिय बन्दों उर्फ अर्सलान मुस्तफा, कौशर आलम, हाफिज इदरीश, मोहम्मद सलीम, धीरज जगताप व सरफराज जाफरी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही थी. जिसके बाद ही एटीएस की टीम ने रविवार को उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला को गौतम बुद्ध नगर से गिरफ्तार किया गया है. जिसके बाद से ही एटीएस द्वारा अब्दुल्ला से पूछताछ की जा रही है.
एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, धर्मांतरण सिंडिकेट के संचालन के लिए इन आरोपियों को विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की गई थी, जिसके साक्ष्य भी मिले हैं. उमर गौतम व उसके साथियों को विदेशों से लगभग 57 करोड़ रुपयों की फंडिंग हवाला एवं अन्य माध्यमों से की गई थी. जिसके खर्च का ब्यौरा उमर गौतम व इसके साथी नहीं दे सके थे. एटीएस के अनुसार जिन संगठनों ने उमर गौतम से संबंधित ट्रस्ट अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन को फंडिंग की थी, उन्हीं स्त्रोतों से मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया इमाम वालीउल्लाह ट्रस्ट को भी नियमित रूप से भारी मात्रा में फंडिंग की गई थी.
आरोपियों के खातों में यूके, अमेरिका व अन्य खाड़ी देशों से भी भारी मात्रा में हवाला व अन्य माध्यमों से धन का आना प्रमाणित हुआ था. आरोपियों द्वारा ट्रस्ट में आए विभिन्न वैध एवं अवैध धन को निजी धन के रूप में मनमाने ढंग से खर्च किया गया, जिससे संपत्ति अभी अर्जित की गई. आरोपी अपनी आय के स्त्रोतों का भी उल्लेख नहीं कर सके हैं. एटीएस आईजी द्वारा कहा गया अभी तक की जांच में मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट के खाते में लगभग 22 करोड़ रुपयों की कुल फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं. आरोपी एडम और कौशर आलम के कब्जे से बरामद इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से यह तथ्य पाए जा रहे हैं कि दोनों हिंसात्मक विचारधारा से भी प्रभावित हैं. आरोपियों का धार्मिक उपदेशक जिनका संबंध अलकायदा जैसे आतंकी समूह से भी रहा है. जिसके जरिए यह लोग धार्मिक व्याख्यानों से प्रभावित होना पाया गया है.
एटीएस आईजी ने बताया कि विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्यों के क्रम में यह पाया गया कि आरोपी अब्दुल्ला नई दिल्ली का रहने वाला है, जो मौलाना उमर गौतम के धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही वह धर्मांतरित हुए लोगों को धन वितरित करने का काम देखता है. आरोपी अब्दुल्ला सिंडिकेट के सह आरोपी जहांगीर आलम, कौशर व फराज शाह से सीधे व सक्रिय रूप से जुड़ा है, तथा मौलाना उमर गौतम द्वारा संचालित अल फारूकी मदरसा व मस्जिद तथा इस्लामिक दावा सेंटर से संचालन का कार्य देखता है.
एटीएस के अनुसार आरोपी अब्दुल्ला के खातों में भी उन्हीं स्त्रोतों से भारी मात्रा में धन का आना प्रमाणित हुआ है. जिन स्त्रोतों से मौलाना उमर गौतम के खातों में धन आया था. अब्दुल्ला के विभिन्न बैंक खातों में अब तक 75 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं. जिसमें लगभग 17 लाख रुपये विदेश से आए हैं. इन पैसों को अब्दुल्ला अपने पिता व अन्य आरोपियों के साथ मिलकर धर्मांतरित हुए व्यक्तियों में बांटने का काम करता था. आरोपी अब्दुल्ला धर्मांतरण के इस सिंडिकेट का महत्वपूर्ण सदस्य है और मौलाना उमर गौतम के धर्मांतरण के सभी कामों में प्रमुख सहयोगी भी है.