लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामले में यूपी व गुजरात पुलिस के संयुक्त प्रयासों के चलते तीन साजिशकर्ताओं को सूरत से गिरफ्तार किया गया है. वहीं घटना को अंजाम देने वाले दोनों कातिलों की तलाश में लखनऊ पुलिस की दो टीमें सूरत के लिए रवाना की गई हैं.
हत्यारों की तलाश जारी
एसपी क्राइम दिनेश पुरी के नेतृत्व में एक टीम शनिवार को सूरत के लिए रवाना की गई है. गिरफ्तार किए गए साजिशकर्ताओं से मिली जानकारी के आधार पर हत्यारों की तलाश की जा रही है. लखनऊ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ पुलिस की टीम को कई महत्वपूर्ण इनपुट मिले हैं.
परिवार की सुरक्षा में तैनात किए चार गनर
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद परिवार की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक कमलेश के परिवार की सुरक्षा में चार गनर की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे. वहीं घर की सुरक्षा के लिए एक हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल लगाए गए हैं. इसके साथ ही लोकल थाने की पुलिस व पीएसी को भी सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुजरात से फैजान, मौलाना मोहसिन शेख, राशिद अहमद खुर्शीद, अहमद पठान नाम के तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. युवकों की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस के संयुक्त प्रयासों से की गई है.
मिठाई के डिब्बे से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
डीजीपी ओपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में हुई कमलेश तिवारी की हत्या के मामले पर तत्काल लखनऊ पुलिस सहित उत्तर प्रदेश पुलिस सक्रिय हो गई. पुलिस ने घटना पर पहुंचकर साक्ष्यों को जुटाया. मौके से बरामद किए गए मिठाई के डब्बे के आधार पर तत्काल गुजरात पुलिस से संपर्क साधा गया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश से कई छोटी-छोटी टीमें विभिन्न जनपदों व राज्यों में भेजकर जांच शुरू की गई.
सीसीटीवी से हुई पहचान
मिठाई का डिब्बा सूरत जिले की दुकान से संबंधित था, वहां के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी में संदिग्ध व्यक्ति फैजान यूनुस भाई की पहचान हुई. इसके बाद गुजरात और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त प्लान के तहत फैजान यूनिस भाई के अतिरिक्त दो अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया.
जल्द होगी हत्यारों की गिरफ्तारी
डीजीपी ओपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि विवेचना और संयुक्त पूछताछ के क्रम में यह स्पष्ट हो गया है कि तीनों आरोपी कमलेश तिवारी की हत्या के के षड्यंत्र में शामिल थे. दरअसल 2015 में कमलेश तिवारी की ओर से जारी किए गए एक बयान को लेकर यह प्लान तैयार किया गया था, जिसके तहत घटना को अंजाम दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी.
हत्या में नहीं है आतंकी कनेक्शन
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि साल 2015 में कमलेश द्वारा दिए गए बयान के चलते ही हत्या की गई हो, लेकिन इस हत्या में किसी भी आतंकी कनेक्शन होने की कोई बात सामने नहीं आई है. बताते चलें कि जिन आतंकवादियों ने कमलेश तिवारी का नाम लिया था, वह जेल में बंद हैं. आतंकवादियों से या अन्य किसी भी आतंकवादी संगठन से अब तक कोई कनेक्शन नहीं मिला है.
गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुजरात से दो अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया था, लेकिन उनसे पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. हालांकि पुलिस अभी भी उन पर नजर बनाए हुए हैं.
सूरत से गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में आरोपी राशिद अहमद, खुर्शीद अहमद पठान का सऊदी कनेक्शन निकल कर सामने आया है. यह सूरत में दर्जी का काम करता है, लेकिन कंप्यूटर का अच्छा जानकार बताया जा रहा है. यह पिछले लंबे समय से दुबई में रह रहा था. ऐसे में यूपी पुलिस के दुबई कनेक्शन पर भी काम कर रही है. वहीं चर्चा यह भी है कि घटना को अंजाम देने के लिए जिस असलहे का प्रयोग किया गया है, वह सूरत से ही खरीदा गया था.