लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पीसीएस परीक्षा 2018 का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया गया. इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के मेघावी छात्रों ने प्रदेश की मेरिट में जगह बना कर लखनऊ विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है. जानकारी के मुताबिक लविवि से हर वर्ष 35 से 40 लोग पीसीएस में सफल होते है. इस वर्ष भी लविवि से शिक्षा प्राप्त किए हुए 13 लोग पीसीएस की परीक्षा में पास हुए हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी के मेधावियों से ईटीवी भारत ने उनकी सफलता और कठिनाइयों को जानने के लिए बातचीत की.
टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखकर करें तैयारी
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र अजेंद्र सिंह ने पीसीएस परीक्षा 2018 में 61वीं रैंक प्राप्त की है. वह मूल रूप से सीतापुर जिले के रहने वाले हैं. वर्तमान में अजेंद्र सिंह लखनऊ में परिवार के साथ रहते हैं. वह वर्तमान में दिल्ली की एक कंपनी में पेटेंट ऑफ एग्जामिनर की पोस्ट में कार्यरत हैं. अजेंद्र के पिता राजेंद्र सिंह एक किसान हैं और माता गृहिणी हैं. भाई असिस्टेंट प्रोफेसर और बड़ी बहन पेटेंट ऑफिस कोलकाता में पोस्टेड हैं. अजेंद्र ने बताया कि शुरुआत में उनका कोई पीसीएस सिविल परीक्षा का लक्ष्य नहीं था. दिल्ली में जॉब के बाद अजेंद्र ने सिविल परीक्षा की तैयारी की शुरुआत की. उन्हें ऑफिस का कार्य और परीक्षा की तैयारी दोनों ही करने होते थे. टाइम बैलेंस करने में समस्याएं आती थीं, जिसके कारण सोने में समय कम खर्च करके उन्होंने तैयारी की. 2015 एमएससी गोल्ड मेडलिस्ट फिजिक्स के अजेंद्र ने परीक्षा की तैयारी करने वालों को टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखकर तैयारी करें, सफलता के लिए यही प्रमुख है. अपनी सफलता का श्रेय वह अपने परिवार और माता-पिता को देते हैं.
7 से 8 घंटे पढ़ाई करके पास की परीक्षा
पीसीएस परीक्षा 2018 में 9वीं रैंक पाने वाली लखीमपुर की प्रिया पांडेय ने बताया कि उनके पिता खेती करते हैं और वह घर की अकेली लड़की हैं. उन्होंने कहा कि रिजल्ट आने के बाद उनको विश्वास ही नहीं हुआ कि उन्होंने पीसीएस का एक्जाम पहली बार में पास कर लिया. उन्होंने बताया कि इससे पहले हमेशा सुना करती थीं कि कई लोगों ने एक्जाम दिया, लेकिन वह पास नहीं हुए, इसलिए जल्दी भरोसा नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वह अपनी इस रैंक से खुश हैं. वह इसका श्रेय मां और पिता जी को देती हैं. प्रिया पांडेय ने बताया कि अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई लविवि से की है और पीएचडी की भी तैयारी लविवि से कर रही हैं. प्रिया ने बताया कि वह प्रतिदन 7 से 8 घंटे पढ़ाई करती थीं और कोविड के चलते कोचिंग कम हो पाती थीं तो उन्होंने सोशल मीडिया और यूट्यूब की मदद से इस परीक्षा की तैयारी की.