लखनऊ : सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान यूनिवर्सिटी (शुआट्स) प्रयागराज के वीसी राजेंद्र बी लाल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. आर बी लाल के खिलाफ यूपी एसटीएफ एक और केस दर्ज करेगी. आरोप है कि बी लाल ने शुआट्स को अल्पसंख्यक संस्थान करार देकर प्रदेश सरकार से तमाम लाभ लिया है, यही नहीं इसमें विभाग के दो अधिकारियों ने भी लाल की मदद की थी. एसटीएफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए विधिक राय ले रही है.
एसटीएफ के मुताबिक, शुआट्स के कुलपति पर कृषि शिक्षा को नजर अंदाज कर यीशु दरबार ट्रस्ट की आड़ में धर्म विशेष की गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है. यही नहीं शुआट्स की 26 बीघा जमीन को यीशु दरबार ट्रस्ट के नाम हस्तांतरित करवा लिया, इसके लिए उन्होंने सरकार से अनुमति नहीं ली. जानकारी के अनुसार, साल 1998 में उप शासन के अनुसचिव जगन्नाथ तिवारी ने यूजीसी को शुआट्स को डीम्ड यूनिवर्सिटी का स्तर प्रदान करने के लिए पत्र भेजा था. अनुसचिव ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर यह भी लिखा था कि डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने पर भी यह अल्पसंख्यक संस्थान ही रहेगा. जांच में सामने आया है कि अनुसचिव को यह पत्र लिखने के एवज में इनाम के तौर पर उनके बेटे विष्णु तिवारी को साल 2001 में शुआट्स में लाइजनिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया. आरबी लाल पर यूनिवर्सिटी में वित्तीय अनियमितता, यूनिवर्सिटी में ही यीशु दरबार चलाना, उसी में धर्म परिवर्तन कराना समेत कई गंभीर आरोप सही पाए गए हैं, हालांकि इन मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी भी कर रही है. ईडी तो आरबी लाल, उनकी पत्नी व भाई एसबी लाल से पूछताछ कर चुकी है. अप्रैल 2021 में ईडी की टीम ने प्रो आरबी लाल, उनके भाई एसबी लाल और उनकी पत्नी समेत करीब सात व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था. उन पर मिशनरी के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के आरोप हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग करने का आरोप भी है.
बता दें, बीते साल सीबीआई ने आरबी लाल समेत तीन वकीलों के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471 व 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. आरोप था कि आरबी लाल इन वकीलों के द्वारा हाईकोर्ट में फर्जी याचिका दाखिल करवाता था. फिर उसका भुगतान विश्वविद्यालय के कोष से कर देता था. जांच में कई याचिकाएं फर्जी साबित हुई थीं. आरबी लाल से जुड़ा सबसे चर्चित मामला 22 करोड़ से अधिक के एक्सिस बैंक के गबन का है. इसके अलावा मिशनरी के नाम पर जमीनों को हड़पने के भी गंभीर आरोप हैं.