लखनऊ : 'उत्तर प्रदेश में आरडीएसएस, बिजनेस प्लान और अन्य मदों में कार्य कर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है. मॉनिटरिंग के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है. विभाग का मानना है कि इससे जहां कार्यक्षमता बढ़ेगी वहीं शिकायतों के समाधान (Two more zones of electricity department) में भी तेजी आएगी. प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए पावर कारपोरेशन के अन्तर्गत निर्धारित क्षेत्रों (जोन) का पुनर्निर्धारण करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. वर्तमान में कार्यरत 25 क्षेत्रों (जोन) को बढ़ाकर 40 क्षेत्र (जोन) बनाए जाएंगे. नवनिर्मित इन क्षेत्रों में वर्तमान में उपलब्ध मुख्य अभियन्ताओं की तैनाती की जायेगी. विभाग के इस फैसले से अब लखनऊ में दो जोन की जगह चार जोन हो जाएंगे. वर्तमान में लेसा सिस गोमती और लेसा ट्रांस गोमती हैं.' ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने यह बात कही.
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि 'इस नई व्यवस्था के तहत गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, लेसा (सिस गोमती) लेसा (ट्रांसगोमती) अलीगढ़, कानपुर, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा और लखनऊ को विभाजित कर एक-एक नया क्षेत्र (जोन) बना दिया गया है. गाजियाबाद क्षेत्र को तीन खंडों में विभाजित कर दो नये क्षेत्र (जोन) गठित किए गए हैं. नगरीय क्षेत्रों की विशिष्ट समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बड़े नगरों पर अधिक ध्यान देने के लिए नए जोन स्थापित किए जा रहे हैं. इससे नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारी अलग-अलग पर्यवेक्षण कर सकेंगे. बुलन्दशहर, अयोध्या, नोएडा, आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, देवीपाटन, बांदा, झांसी और केस्को में स्थापित जोन पहले की ही तरह रहेंगे. बताया कि विभाग के वर्तमान क्षेत्रों (जोन्स) को विभाजित कर नये क्षेत्रों (जोन) के गठन से बिजली व्यवस्था से सम्बन्धित कार्यों में तेजी से सुधार होगा. वर्तमान समय में विद्युत के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं. पिछले वर्षों की तुलना में विद्युत आपूर्ति के नये-नये रिकार्ड बनाने के अलावा, नये कनेक्शन स्वीकृत करने के साथ विद्युत ढांचे में मजबूती प्रदान करने के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'भारत सरकार के सहयोग से आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत वितरण निगमों को वित्तीय रूप से सक्षम और परिचालन के दृष्टिकोण से कुशल वितरण तन्त्र गुणवत्तापूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति और लाइन हानियों को कम करने का कार्य किया जा रहा है. बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर भी 50 हजार करोड़ की कार्य योजना भारत सरकार के पास भेजी जा रही है.'