लखनऊ : फैजुल्लागंज में तेज बुखार से पीड़ित बच्चे सहित दो की मौत हो गई. दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा था, हालांकि स्थानीय लोगों ने डेंगू से मौत होने की बात कही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोनों मौतों की डेथ ऑडिट कराई जाएगी.
कृष्णलोक नगर निवासी कमल किशोर ने बताया कि 'पड़ोस में रहने वाले मित्र पाल के बेटे विशाल (28) को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था. परिजन उसका इलाज बलरामपुर अस्पताल से करवा रहे थे. राहत न मिलने पर वह मूल निवास सीतापुर लेकर चले गए. जहां जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई. कमलकिशोर ने जांच में डेंगू की पुष्टि होने की बात कही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कॉलोनी में बुखार से कई लोग पीड़ित हैं. इसके बावजूद इलाके में साफ-सफाई नहीं कराई जा रही है और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव हो रहा है. उधर सामाजिक कार्यकर्ता ममता त्रिपाठी का दावा है कि प्रीति नगर में भी एक सात साल के मासूम की बुखार से मौत हुई है. परिजन एक प्लॉट में झोपड़ी डाल कर रहते थे. केजीएमयू में इलाज के दौरान मंगलवार को बच्चे की मौत हो गई. परिजन अस्पताल से ही शव लेकर मूलनिवास चले गए. सीएमओ डॉ.मनोज अग्रवाल का कहना है कि 'दोनों मौतों की डेथ ऑडिट कराई जाएगी. इसके बाद ही मौत की सही वजह स्पष्ट हो सकेगी.'
सीएचसी प्रभारी के हटाए जाने बाद मानीं आशा कार्यकर्ता : चिनहट सीएचसी के डॉक्टर दंपति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 18 अगस्त से कार्य बहिष्कार करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहीं कर्मचारियों का मंगलवार को सब्र का बांध टूट गया. बड़ी संख्या में सीएमओ ऑफिस पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमओ कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गई. सीएमओ ने चिनहट सीएचसी प्रभारी को हटाकर गुडंबा में तैनात किए जाने का आदेश दिया है. जिसके बाद आशा कार्यकर्ता शांत होकर वापस लौटीं.
चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर दंपति पर आशाओं का आरोप है कि 'वह महिलाओं के सिजेरियन व नॉर्मल डिलीवरी में तीमारदारों से रुपए वसूलते हैं. कमीशन खातिर डॉक्टर दंपति पर मरीजों को निजी लैब भेजने का आरोप लगाया. कार्रवाई की मांग करते हुए बीते माह आशा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री जनता दरबार में पहुंची थीं. मुख्यमंत्री कार्यालय से मामले की जांच के आदेश महानिदेशालय काे दिए गए थे. मंगलवार को बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता सीएमओ आफिस पहुंच गईं. सीएमओ ने स्वास्थ्य भवन से जांच होने का हवाला देकर कार्रवाई में असमर्थता जाहिर की. इससे नाराज सभी आशा कार्यकर्ता सीएमओ कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गईं. करीब दो घंटे तक सीएमओ कक्ष के बाहर आशा कार्यकर्ता डटी रहीं. सीएमओ ने आला अफसरों से वार्ता करके चिनहट सीएचसी प्रभारी को हटाकर गुडंबा में तैनात किया है, जिसके बाद आशा कार्यकर्ता वापस काम पर लौटीं.