लखनऊ: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे दो दिवसीय यूपी डेंटल शो 2019 में प्रदेश से कई विशेषज्ञ आए हुए हैं. विशेषज्ञ दांतों की तमाम बीमारियों पर चर्चा करने के साथ ही आने वाली नई तकनीकों के बारे में भी विद्यार्थियों को बता रहे हैं. ताकि वह मरीजों को अधिक से अधिक सुविधा दे सकें.
शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग दांतों की बीमारी से ग्रसित
डेंटल शो में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के दंत संकाय के प्रोफेसर डॉ. अनिल चंद्रा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा दांतों की बीमारियां कहीं अधिक बढ़ गई हैं. आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में दांतों की बीमारी लगभग 80% लोगों में पाई जाती है. इसका अर्थ यह है कि शहर में रहने वाले हर व्यक्ति में किसी न किसी तरीके की दांतों की बीमारी जरूर है. इन सभी में सबसे ज्यादा परेशानी दांतों में कीड़ा लगने की वजह से है, जिसको हम मेडिकल की भाषा में बैक्टीरियल इन्फेक्शन कहते हैं.
इसका मुख्य कारण आज की खानपान की स्थिति है. शहरी क्षेत्रों के लोगों की डाइट बेहद खराब हो चला है. डाइट में ब्रेड, बन, पिज्जा, बर्गर या ऐसी चीजें सम्मिलित हैं. इसे खाकर दातों की बीमारियां होना लाजिमी है. उन्होंने बताया कि रात में खाना खाने के बाद जरूर बर्श करना चाहिए. क्योंकि दातों में चिपकी हुई चीजों में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जो दांतों को गलाना शुरू कर देता है. इसकी वजह से कैविटीज और कई अन्य बीमारियां होने लगते हैं.
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इंडियन डेंटल एसोसिएशन के सदस्य ने दी यह जानकारी
दांतों के इलाज में आई नई तकनीकों के बारे में इंडियन डेंटल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि एडवांस टेक्नोलॉजी हमेशा सही रहती है. लोग इंप्लांट्स करवाते हैं, जो इसे लगवाने की आर्थिक स्थिति रखते हैं. काफी लोग ऐसे भी हैं जो इंप्लांट्स का खर्चा वहन नहीं कर सकते. ऐसे लोगों के लिए डेंचर ही एकमात्र हल होता है.
आज-कल डेंटिस्ट इसे लगाने में घबराते हैं. वह समझ नहीं पाते कि डेंचर स्टेबल रह पाएगा या नहीं. वह इंप्लांट्स लगवाने पर ही जोर देते हैं. उन्होंने डेंटिस्ट को सलाह देते हुए कहा कि यदि अच्छी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के साथ डेंचर लगाएंगे, तो वह भी अच्छा रहेगा. इंप्लांट्स, डेंचर के मुकाबले 6 से 7 गुना अधिक खर्चा करवाता है.