लखनऊ: भागदौड़ भरी जिंदगी और आधुनिक होते घरों में जगह भले ही कम होती जा रही है, लेकिन कम जगह में भी लोग हरियाली और प्रकृति के रंगों को अपने आसपास बागवानी के रूप में सजा ही लेते हैं. राजधानी के राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में गुलाब और ग्लेडियोलस की फूलों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसमें न केवल फूलों की वैरायटी देखने का मौका मिल सकता है. बल्कि उन्हें खरीदने के लिए बाकायदा स्टॉल भी लगाए गए हैं.
नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में दो दिवसीय गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों का फ्लावर शो लगाया गया है. इस साल इन फूलों की प्रतियोगिता के साथ एनबीआरआई से जुड़े उत्पादों और पौधों के बिक्री हेतु स्टॉल्स भी लगाए गए हैं. पहले दिन दर्शकों की भीड़ फ्लावर शो की अपेक्षा स्टॉल्स पर अधिक दिखी. एनबीआरआई के निदेशक डॉ. एस के बारिक ने बताया कि हर साल हम फूलों की प्रदर्शनी लगाते हैं. इस साल तकरीबन 600 से भी ज्यादा प्रविष्टियां हमारे पास आई हैं. इनमें से कई प्रविष्टियां अलग-अलग संस्थानों से आई है. जबकि कुछ एकल समूह में रखी गई हैं. इन सभी के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया है, जिसके विजेताओं को शो के आखिरी दिन पर सम्मानित किया जाएगा.
प्रोफेसर बारिक ने बताया कि इस बार के फ्लावर शो में कई चीजें खास होने वाली हैं. इसलिए यह कई मायनों में महत्वपूर्ण है. शो के दूसरे और आखिरी दिन पर जहां एक ओर हम विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे, वहीं दूसरी ओर क्राइस्ट एंड थे मैन की एक ऐसी प्रजाति का विमोचन भी करेंगे, जो जनवरी और फरवरी के महीने में खिलते हैं. यह हमारे संस्थान की नई प्रजाति होगी. इसके अलावा बंथरा में हम भांग पर रिसर्च करने के लिए एक नए प्लांट का भी उद्घाटन कर रहे हैं. अक्सर भांग का नाम सुनते ही लोगों को कुछ और याद आता है, लेकिन काफी कम लोगों को पता है कि भांग में भी कई औषधीय गुण होते हैं, जो दवाइयों में इस्तेमाल होते हैं. इसलिए हम यहां पर रिसर्च के माध्यम से इसके जर्मप्लाज्म में औषधीय गुणों को बढ़ाकर, उसकी नई प्रजातियां पर रिसर्च कर, उसे विकसित करेंगे. ताकि भारत में ड्रग ट्रायल और इनके औषधीय गुणों को उपयोग में लाया जा सके. प्रोफेसर बारिक ने बताया कि इस बार के फ्लावर शो में सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर सी मांडे उपस्थित होंगे, जो विजेताओं को तो पुरस्कृत करेंगे ही साथ ही कई हमारे नए उत्पादों के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि में भी अपनी भूमिका निभाएंगे.