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तहसील परिसर में दो दलित भाइयों ने पेट्रोल डालकर किया आत्मदाह का प्रयास

मलीहाबाद में दो दलित भाइयों ने तहसीलदार के ऊपर उनकी पट्टे की जमीन पर कब्जा कराने को लेकर तहसील परिसर में पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह (self immolation by pouring petrol) की कोशिश की.

नतहसील परिसर में दो दलित भाइयों ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह का किया प्रयास
तहसील परिसर में दो दलित भाइयों ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह का किया प्रयास
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Published : Oct 22, 2022, 8:20 PM IST

लखनऊ: तहसील परिसर में शनिवार को दो भाइयों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह (self immolation by pouring petrol) करने की कोशिश की. मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों भाइयों को रोका और पुलिस को इसकी सूचना दी. दोनों भाइयों ने तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट तहसीलदार पर रिश्वत लेकर जमीन कब्जा कराने का गम्भीर आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों की तहसीलदार मालिहाबाद से बात करायी है. वहीं, क्षेत्राधिकारी योगेंद्र सिंह ने पीड़ितों से बात करते हुए उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है.

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र के गांव मंडौली के रहने वाले पीड़ित प्रेम चन्द्र पत्नी ज्ञानवती ने बताया कि वर्ष 2006 में उसको ग्राम पंचायत की गाटा संख्या 582 रकबा 0.1990 में एक बिसुवा जमीन का आवासीय पट्टा मिला था और तहसील प्रशासन ने कब्जा भी दिला दिया था. जिसके बाद उस पर निर्माण कार्य चालू किया था मगर गांव के कुछ लोगों ने एडीएम प्रशासन के यहां वाद दायर कर 2008 में जमीन का पट्टा खारिज करा दिया था. इसके बाद पीड़ित ने कमिश्नरी में वाद दायर किया था, जहां 2014 में एडीएम के पट्टा निरस्तीकरण के आदेश को रद्द कर दिया था और गुण दोष के मामले के निस्तारण करने का आदेश पारित करते हुए एक कॉपी उपलब्ध कराने को कहा था, जहां मामला अभी भी लम्बित है.

स्टे आर्डर के बाद भी ग्राम प्रधान ने जबरन शुरू कराया कार्य

पीड़ितों का आरोप है कि कमिश्नरी का आदेश और एडीएम के यहां वाद लम्बित होने के बावजूद ग्राम प्राधान मो. आजाद रंजिशन उसी भूमि पर पानी की टंकी के लिए होने वाली बोरिंग करवाने लगा. इसकी शिकायत जब तहसील प्रशासन से की तो उन्होंने पीड़ितों को बिना सुने ही अभद्रता करते हुए भगा दिया, जिसके बाद वह हाईकोर्ट गए, जहां से उक्त भूमि पर कोई भी काम न कराये जाने का स्टे ऑडर प्राप्त हुआ.

इंसाफ न मिलने पर किया आत्मदाह का प्रयास

जब पीड़ित स्टे की कॉपी लेकर एसडीएम के पास पहुंचा, तो उन्होंने कॉपी लेने के लिए घंटों इंतजार करवाया. इस दौरान प्रधान अपनी मनमानी करते हुए उसकी जमीन पर बोरिंग का कार्य करता रहा. इसकी सूचना उसने अपने भाई राजेश को दी, जिसके बाद वह अपनी पत्नी नीलम सरोज के साथ मौके पर पहुंचा. पूरे मामले में जब उपजिलाधिकारी मलीहाबाद प्रज्ञा पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष के आरोप के बाद गांव में बन रही सरकारी टंकी के कार्य को रुकवा दिया गया है और कोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: 104 किमी में बसेगा नया लखनऊ, थोक बाजार जाएंगे आउटर रिंग रोड के किनारे

लखनऊ: तहसील परिसर में शनिवार को दो भाइयों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह (self immolation by pouring petrol) करने की कोशिश की. मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों भाइयों को रोका और पुलिस को इसकी सूचना दी. दोनों भाइयों ने तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट तहसीलदार पर रिश्वत लेकर जमीन कब्जा कराने का गम्भीर आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों की तहसीलदार मालिहाबाद से बात करायी है. वहीं, क्षेत्राधिकारी योगेंद्र सिंह ने पीड़ितों से बात करते हुए उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है.

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र के गांव मंडौली के रहने वाले पीड़ित प्रेम चन्द्र पत्नी ज्ञानवती ने बताया कि वर्ष 2006 में उसको ग्राम पंचायत की गाटा संख्या 582 रकबा 0.1990 में एक बिसुवा जमीन का आवासीय पट्टा मिला था और तहसील प्रशासन ने कब्जा भी दिला दिया था. जिसके बाद उस पर निर्माण कार्य चालू किया था मगर गांव के कुछ लोगों ने एडीएम प्रशासन के यहां वाद दायर कर 2008 में जमीन का पट्टा खारिज करा दिया था. इसके बाद पीड़ित ने कमिश्नरी में वाद दायर किया था, जहां 2014 में एडीएम के पट्टा निरस्तीकरण के आदेश को रद्द कर दिया था और गुण दोष के मामले के निस्तारण करने का आदेश पारित करते हुए एक कॉपी उपलब्ध कराने को कहा था, जहां मामला अभी भी लम्बित है.

स्टे आर्डर के बाद भी ग्राम प्रधान ने जबरन शुरू कराया कार्य

पीड़ितों का आरोप है कि कमिश्नरी का आदेश और एडीएम के यहां वाद लम्बित होने के बावजूद ग्राम प्राधान मो. आजाद रंजिशन उसी भूमि पर पानी की टंकी के लिए होने वाली बोरिंग करवाने लगा. इसकी शिकायत जब तहसील प्रशासन से की तो उन्होंने पीड़ितों को बिना सुने ही अभद्रता करते हुए भगा दिया, जिसके बाद वह हाईकोर्ट गए, जहां से उक्त भूमि पर कोई भी काम न कराये जाने का स्टे ऑडर प्राप्त हुआ.

इंसाफ न मिलने पर किया आत्मदाह का प्रयास

जब पीड़ित स्टे की कॉपी लेकर एसडीएम के पास पहुंचा, तो उन्होंने कॉपी लेने के लिए घंटों इंतजार करवाया. इस दौरान प्रधान अपनी मनमानी करते हुए उसकी जमीन पर बोरिंग का कार्य करता रहा. इसकी सूचना उसने अपने भाई राजेश को दी, जिसके बाद वह अपनी पत्नी नीलम सरोज के साथ मौके पर पहुंचा. पूरे मामले में जब उपजिलाधिकारी मलीहाबाद प्रज्ञा पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष के आरोप के बाद गांव में बन रही सरकारी टंकी के कार्य को रुकवा दिया गया है और कोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है.

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