लखनऊ : प्राइवेट सेक्टर में फायर ऑफिसर बनाने और फायर सेफ्टी ट्रेनिंग कोर्स कराने के नाम पर राजधानी में करीब 200 विद्यार्थियों से ठगी की गई है. आरोप है कि हजरतगंज इलाके में स्थित विश्वास इंस्टीट्यूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग में 2017 से अब तक 200 विद्यार्थियों से दो करोड़ रुपए से अधिक की रकम वसूल कर फर्जी डिप्लोमा दे दिया गया. अब जब असलियत सामने आई है तब विद्यार्थियों ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
पीड़ित छात्र अजय कुमार तिवारी ने बताया कि 'उन्होंने साल 2021 में बिहार के रहने वाले अभिमन्यु सिंह के कहने पर करीब बीस विद्यार्थियों ने उनके कॉलेज विश्वास इंस्टीटयूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग एंड हेल्थ सेफ्टी मैनेजमेंट कॉलेज में एडमिशन लिया था. इसके लिए सभी से एक लाख 20 हजार रुपए लिए गए थे. एक साल बाद उन्हें डिप्लोमा दे दिया गया, लेकिन जब वो नौकरी के लिए कंपनियों में गए तो पता चला कि जिस यूनिवर्सिटी का डिप्लोमा उन्हें दिया गया है वो पूरी तरह फर्जी है और यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में उसका उल्लेख ही नहीं है. जिसके बाद उन्होंने एमडी अभिमन्यु सिंह से पैसे मांगे तो वो टाल मटोल करने लगा, अब इंस्ट्यूट में ताला जड़ कर सभी फरार हो गए हैं.
वहीं इसी इंस्टीट्यूट में बच्चों को समझाकर एडमिशन के लिए तैयार करने वाले दीपांकर सिंह ने बताया कि 'साल 2017 से अब तक अभिमन्यु 200 विद्यार्थियों को डिप्लोमा दे चुका है, जिसके लिए दो करोड़ से भी अधिक की फीस वसूल चुका है. दीपांकर ने बताया कि यहां नौकरी करने से पहले उसने भी इसी इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा किया था, लेकिन उसका भी डिप्लोमा फर्जी निकला है. दीपांकर ने बताया कि विश्वास इंस्टीटयूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग एंड हेल्थ सेफ्टी मैनेजमेंट महज दो कमरों में ही चल रहा था. अभिमन्यु ने यहां से डिप्लोमा कोर्स किए हुए 35 लोगों की गुजरात में नौकरी भी लगवाई थी, जिसे भुना कर लड़कों को फंसा कर एडमिशन करवाता था.'
हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 'राणा प्रताप मार्ग में 2017 से विश्वास इंस्टीटयूट ऑफ फायर इंजीनियरिंग एंड हेल्थ सेफ्टी मैनेजमेंट कॉलेज चल रहा था. कुछ विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि इंस्टीट्यूट के एमडी अभिमन्यु सिंह ने उन्हें फायर सेफ्टी डिप्लोमा करवाने और फिर नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर एक लाख रुपए फीस वसूली थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उन्हें जिस अरुणाचल प्रदेश की यूनिवर्सिटी का डिप्लोमा दिया गया है वो पूरी तरह फर्जी है, जिसके बाद विद्यार्थियों ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.'
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