लखनऊ : प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले का एक और मामला सामने आने के बाद जांच कर रही एसआईटी ने हरदोई के दो कॉलेजों के प्रबंधकों समेत तीन को इस मामले में जेल भेज दिया है. हरदोई के इन दोनों इंटर कॉलेज के प्रबंधकों ने 350 विद्यार्थियों के करीब 2.65 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हड़प ली थी. इस पूरे मामले की जांच में इसका खुलासा हुआ है. जानकारी के अनुसार, दोनों इंटर कॉलेजों प्रबंधकों के खिलाफ एसआईटी को कई अहम सबूत मिले हैं. इसी के आधार पर बुधवार को एक कॉलेज प्रबंधक, उसके भाई और एक नोडल अफसर को गिरफ्तार कर भेज दिया है. सूत्रों ने बताया कि 'अभी तक की जांच में नामजद सभी आरोपियों में से चार के खिलाफ एसआईटी को ठोस सबूत मिले हैं.'
जानकारी के अनुसार, ईडी ने प्रदेश में 100 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था. इस घोटाले में लखनऊ के हाइजिया ग्रुप के तीन संचालकों को पहले ही जेल भेज चुकी है. इस मामले में 30 मार्च 2023 को शासन के आदेश पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इस एफआईआर में 10 संस्थानों और तीनों बैंक के कर्मचारियों व एजेंट को प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी बनाया था. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन कर उसे जांच सौंपी गई थी. एसआईटी ने भी हाइजिया ग्रुप के संचालक अली अब्बास जाफरी, इजहार हुसैन जाफरी व कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता की गिरफ्तारी की थी. वहीं बुधवार को इसी तरह की छात्रवृत्ति घोटाले में हरदोई के जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज के प्रबंधक विवेक कुमार, कॉलेज के नोडल अफसर यशवंत कनौजिया और आरपी इंटर कॉलेज के प्रबंधक पूनम के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार कर एसआईटी ने जेल भेज दिया है.
एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि 'विवेचना में सामने आया कि हाइजिया ग्रुप के साथ मिलकर इन कॉलेजों ने भी पूरा घोटाला किया है. जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज के प्रबंधक ने करीब ढाई सौ छात्रों के नाम पर तकरीबन 2 करोड़ और आरपी इंटर कॉलेज के प्रबंधक पर करीब 100 छात्रों के नाम पर 65 लाख रुपए की छात्रवृत्ति का घोटाला करने का आरोप है. सूत्रों का कहना है कि इस पूरे खेल में तीन हजार बैंक खाता खोलकर करीब 100 करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया है. इसमें 10 संस्थाओं के नाम सामने आए हैं, अधिकतर पर कार्रवाई हो चुकी है. बाकी अन्य पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक तीन चार और आरोपी हैं जिनके खिलाफ जांच कर रही एसआईटी को सबूत मिले हैं. इनके खिलाफ भी तथ्य जुटाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.