लखनऊः ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य कामों की निगरानी के लिए परिवहन विभाग ने ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में दो एआरटीओ की तैनाती की थी. इनमें से एक एआरटीओ को डीएल संबंधी काम की जिम्मेदारी दी गई थी, तो दूसरे को परमिट संबंधी काम सौंपा गया था. खास बात ये है कि एक माह से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन आज तक एआरटीओ के नाम से आईडी तक नहीं बन सकी है.
एक-दूसरे को मान रहे जिम्मेदार
ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी कामों को आसान बनाने के लिए आरटीओ कार्यालय में एआरटीओ अमित राजन राय की तैनाती का आदेश जारी हुआ था. उन्होंने कार्यालय में जॉइनिंग भी कर ली, लेकिन इतने दिन दिन बाद भी परिवहन विभाग ने उन्हें लॉग इन आईडी तक जारी नहीं की है. आईडी न बनने का दोष परिवहन विभाग और आरटीओ कार्यालय एक दूसरे को दे रहे हैं. विभागीय रस्साकसी से आवेदकों के आवेदन और लंबित होते जा रहे हैं.
आरआई अकेले संभाल रहे कमान
संभागीय परिवहन कार्यालय में सिर्फ एक यातायात पथ निरीक्षक (आरआई) के भरोसे डीएल संबंधी 10 तरह के आवेदन निपटाए जा रहे हैं. विशेष तौर पर तैनात एआरटीओ ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी कोई काम नहीं कर पा रहे. आरटीओ रामफेर द्विवेदी का कहना है कि शीघ्र ही उन्हें लॉग इन आईडी अलॉट कर दी जाएगी. इसके बाद वे लाइसेंस संबंधी काम तय समय पर कर सकेंगे.