लखनऊ: राजधानी की गोमतीनगर पुलिस ने अर्धनिर्मित भवन को फर्जी और कूटरचित दस्तावेज बनाकर बेचने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 12 लाख रुपये का लोन पास कराया था, काफी दिन बीत जाने के बाद यह लोन Non performing asset हो गया था. इस संबंध में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तत्कालीन अंचल प्रबंधक ने गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
आरोपी सभापति मिश्रा ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया कैंट ब्रांच से अर्धनिर्मित भवन पर साल 2012 में 70 लाख का लोन लिया था. आरोपी ने पूर्व के लोन को छिपाते हुए बैंक ऑफ महाराष्ट्र में फर्जी और कूटरचित दस्तावेज दाखिल कर दूसरे आरोपी शिव कुमार मिश्रा के नाम पर अर्धनिर्मित भवन को बेचने के लिए 12 लाख रुपये का लोन प्राप्त किया, जबकि उस भवन की रजिस्ट्री पहले से ही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में बंधक रखी हुई थी.
इसी तरह इन आरोपियों ने सभी तथ्यों को छिपाते हुए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 12 लाख का लोन हासिल कर लिया था, लेकिन लोन की किश्त न जमा करने से बैंक ने NPA लगा दिया. इसके बाद बैंक के तत्कालीन प्रबंधक ने मुकदमा दर्ज कराया था.
गोमतीनगर इंस्पेक्टर धीरज कुमार का कहना है कि साल 2019 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तत्कालीन प्रबंधक ने सभापति मिश्रा चिनहट निवासी और शिव कुमार मिश्रा पीजीआई निवासी के खिलाफ लोन NPA हो जाने को लेकर केस दर्ज कराया था. मामले में जांच करने के बाद रविवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.