लखनऊ: राजधानी का केजीएमयू अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अब मरीजों की जेब पर बोझ डालने की तैयार कर रहा है. हॉस्पिटल बोर्ड कमेटी की बैठक में इलाज के शुल्क में वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. अब अंतिम मुहर के लिए मसौदे को कार्यपरिषद में रखा जाएगा. इसके बाद से केजीएमयू में इलाज महंगा हो जाएगा. आलम यह है कि ओपीडी पंजीकरण शुल्क दोगुना होगा. जबकि इलाज में 10 फीसदी तक का इजाफा होगा.
दरअसल केजीएमयू में 4500 बेड हैं. ओपीडी में चार से पांच हजार मरीज रोज आ रहे हैं. केजीएमयू की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सरकार ने करीब 950 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया है. इसके अलावा इलाज के एवज में मरीजों से शुल्क भी लिया जा रहा है. तमाम तरह के कोरोड़ों के प्रोजेक्ट भी केजीएमयू में संचालित हो रहे हैं. इसके बावजूद मरीजों पर महंगे इलाज का बोझ डालने की अधिकारियों ने तैयारी शुरू कर दी है.
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हॉस्पिटल बोर्ड की बैठक में अधिकारियों ने ओपीडी का शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव रखा. अभी तक ओपीडी का शुल्क 50 रुपये है और पंजीकरण छह माह के लिए मान्य है. इसके बाद 50 रुपये देकर रिनुअल कराना पड़ता है. लेकिन अब पंजीकरण शुल्क 100 रुपये किया जाएगा. यह भी छह माह के लिए मान्य होगा. बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
वहीं, कार्य परिषद की बैठक 22 जून को प्रस्तावित है. इसमें विभिन्न विभागों के नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोलने जाएंगे. कार्य परिषद ने इससे पहले इन विभाग के लिफाफे आरक्षण के प्रावधान का पालन न होने की वजह से खोलने से मना कर दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद फिर मामला कार्यपरिषद के सामने रखा जाएगा.
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