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ईटीवी भारत से बोले परिवहन मंत्री, कहा- देश में एनआरसी जरूरी, पता तो लगे कौन देशी कौन है विदेशी

प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया शनिवार को अपना लाइसेंस बनवाने आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में एनआरसी इसलिए जरूरी है, क्योंकि पता तो चले कि अपने देश में कौन देशी है और कौन विदेशी.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते परिवहन मंत्री.
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Published : Oct 5, 2019, 11:35 PM IST

लखनऊ: परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में एनआरसी इसलिए जरूरी है क्योंकि पता तो चले कि अपने देश में कौन देशी है और कौन विदेशी. अपना लाइसेंस बनवाने आरटीओ कार्यालय पहुंचे ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से ईटीवी भारत ने कई सवाल किए, जिनका उन्होंने जवाब दिया. प्रदेश के ज्वलन्त मुद्दों से लेकर परिवहन विभाग में आवेदकों और ट्रांसपोर्ट को हो रही समस्याओं जैसे सवाल शामिल थे.

सवाल: आज आप किसलिए आरटीओ कार्यालय आए थे?
जवाब: मेरा ड्राइविंग लाइसेंस संयोग से खो गया था और मुझे लगा कि अब ड्राइविंग लाइसेंस समय से बनवा लेना चाहिए. उसी के निमित्त मैंने कहा कि लखनऊ आरटीओ कार्यालय चला जाए और अपना लाइसेंस बनवा लिया जाए.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते परिवहन मंत्री.

सवाल: स्वामी चिन्मयानंद पर अभी बहुत सारे विपक्षी दलों ने बीजेपी को घेरा और सवाल उठाया कि सरकार उनकी मदद कर रही है. प्रियंका गांधी भी मैदान में उतरीं क्या कहना है?
जवाब: उत्तर प्रदेश के अंदर कानून अपना काम कर रहा है. कानून के अनुसार कार्रवाई होती है. चाहे कोई भी हो, कैसा भी हो, किसी भी वर्ग से संबंधित हो, कानून अपना काम करता है और कार्रवाई होती है.

सवाल: एनआरसी पर आपकी क्या राय है?
जवाब: एनआरसी स्वाभाविक रूप से हमारे देश के अंदर जो रह रहे हैं विदेशी लोग, उनसे संबंधित एक ऐसा रजिस्टर है, जिसमें यह जानकारी अंकित रहती है कि कौन-कौन बाहर के लोग हैं. निश्चित रूप से हमारे देश में कौन विदेशी रहते हैं, हमारे मोहल्ले में कौन विदेशी रहते हैं. इस बात की तो हम सबको जानकारी होनी ही चाहिए. यह हमारा अधिकार है. हम सबको यह जानना जरूरी है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को चिन्हित करने के लिए SSP ने बनाई टीम

सवाल: आपने कहा कि अभी पड़ोसी राज्य उत्तराखंड गए थे, वहां से हमारी सड़कें बेहतर हैं. सवाल है कि वहां भी बीजेपी की ही सरकार है, क्या वहां काम नहीं हो रहा है?
जवाब: सब जगह काम हो रहा है. मैंने तुलनात्मक बात की है. दूसरी बात यह है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें उससे बेहतर अवस्था में जरूर हैं. यहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अच्छा काम हो रहा है. उसका कहने का यह मतलब बिल्कुल नहीं था. उत्तराखंड में भी काम हुआ उत्तर प्रदेश में भी काम हो रहा है. जहां तक लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर सड़कों के खराब होने की बात है तो हम उस विभाग को सुझाव देंगे और वहां की सड़कें दुरुस्त करेंगे, जिससे ट्रांसपोर्टरों को दिक्कत न हो.

सवाल: यूपी में अभी एमवी एक्ट लागू नहीं है. आप कह रहे हैं कि जल्द ही नया एमवी एक्ट लागू होगा और इसमें किसानों को राहत देंगे. किस तरह की राहत होगी किसानों को?
जवाब: एमवी एक्ट जब देश में जारी हुआ तब उत्तर प्रदेश में भी जारी हो गया. उत्तर प्रदेश में अगर चालान का भुगतान हाथों-हाथ होगा तो अभी तक उसमें कंपाउंडिंग फीस जो है वह पुरानी दर पर देय है. अगर कोई कोर्ट जाता है तो स्वाभाविक है उसको नया शुल्क जमा करना होगा. आने वाले दिनों में जब उसका नोटिफिकेशन हो जाएगा तो सभी चीजें सामने आ जाएंगी, जो नया एमवी एक्ट है. वही उत्तर प्रदेश में भी लागू हो जाएगा. जहां तक किसानों वाली बात है तो निश्चित रूप से खेती किसानी के लिए कोई भी कानून देश के अंदर बने किसानों के लिए अलग से विचार किया ही जाना चाहिए और हम इस एमवी एक्ट में भी किसानों को छूट देने पर विचार जरूर करेंगे.

ये भी पढ़ें- BJP नेता चंद्रमोहन के घर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे सीएम योगी

सवाल: दूरदराज से आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने आते हैं, लेकिन सर्वर की वजह से उनका टाइम बर्बाद होता है और किराया भी.
जवाब: दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट जबसे देश के अंदर लागू हुआ है, तबसे लोगों को यह बात सूझी है कि हमें अपने लाइसेंस बनवाने चाहिए. हमें अपने कागज पूरे कर लेना चाहिए. यह जन दबाव के कारण हो रहा है. सारे हिंदुस्तान का जन दबाव उस सर्वर के ऊपर है और सर्वर बेचारा सरदर्द का मारा. उसकी हालत आप समझ सकते हैं, लेकिन फिर भी हमने नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर जहां से यह सब संचालन होता है. प्रमुख सचिव को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है. शीघ्र ही इसका भी समाधान हो जाएगा.

लखनऊ: परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में एनआरसी इसलिए जरूरी है क्योंकि पता तो चले कि अपने देश में कौन देशी है और कौन विदेशी. अपना लाइसेंस बनवाने आरटीओ कार्यालय पहुंचे ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से ईटीवी भारत ने कई सवाल किए, जिनका उन्होंने जवाब दिया. प्रदेश के ज्वलन्त मुद्दों से लेकर परिवहन विभाग में आवेदकों और ट्रांसपोर्ट को हो रही समस्याओं जैसे सवाल शामिल थे.

सवाल: आज आप किसलिए आरटीओ कार्यालय आए थे?
जवाब: मेरा ड्राइविंग लाइसेंस संयोग से खो गया था और मुझे लगा कि अब ड्राइविंग लाइसेंस समय से बनवा लेना चाहिए. उसी के निमित्त मैंने कहा कि लखनऊ आरटीओ कार्यालय चला जाए और अपना लाइसेंस बनवा लिया जाए.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते परिवहन मंत्री.

सवाल: स्वामी चिन्मयानंद पर अभी बहुत सारे विपक्षी दलों ने बीजेपी को घेरा और सवाल उठाया कि सरकार उनकी मदद कर रही है. प्रियंका गांधी भी मैदान में उतरीं क्या कहना है?
जवाब: उत्तर प्रदेश के अंदर कानून अपना काम कर रहा है. कानून के अनुसार कार्रवाई होती है. चाहे कोई भी हो, कैसा भी हो, किसी भी वर्ग से संबंधित हो, कानून अपना काम करता है और कार्रवाई होती है.

सवाल: एनआरसी पर आपकी क्या राय है?
जवाब: एनआरसी स्वाभाविक रूप से हमारे देश के अंदर जो रह रहे हैं विदेशी लोग, उनसे संबंधित एक ऐसा रजिस्टर है, जिसमें यह जानकारी अंकित रहती है कि कौन-कौन बाहर के लोग हैं. निश्चित रूप से हमारे देश में कौन विदेशी रहते हैं, हमारे मोहल्ले में कौन विदेशी रहते हैं. इस बात की तो हम सबको जानकारी होनी ही चाहिए. यह हमारा अधिकार है. हम सबको यह जानना जरूरी है.

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सवाल: आपने कहा कि अभी पड़ोसी राज्य उत्तराखंड गए थे, वहां से हमारी सड़कें बेहतर हैं. सवाल है कि वहां भी बीजेपी की ही सरकार है, क्या वहां काम नहीं हो रहा है?
जवाब: सब जगह काम हो रहा है. मैंने तुलनात्मक बात की है. दूसरी बात यह है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें उससे बेहतर अवस्था में जरूर हैं. यहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अच्छा काम हो रहा है. उसका कहने का यह मतलब बिल्कुल नहीं था. उत्तराखंड में भी काम हुआ उत्तर प्रदेश में भी काम हो रहा है. जहां तक लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर सड़कों के खराब होने की बात है तो हम उस विभाग को सुझाव देंगे और वहां की सड़कें दुरुस्त करेंगे, जिससे ट्रांसपोर्टरों को दिक्कत न हो.

सवाल: यूपी में अभी एमवी एक्ट लागू नहीं है. आप कह रहे हैं कि जल्द ही नया एमवी एक्ट लागू होगा और इसमें किसानों को राहत देंगे. किस तरह की राहत होगी किसानों को?
जवाब: एमवी एक्ट जब देश में जारी हुआ तब उत्तर प्रदेश में भी जारी हो गया. उत्तर प्रदेश में अगर चालान का भुगतान हाथों-हाथ होगा तो अभी तक उसमें कंपाउंडिंग फीस जो है वह पुरानी दर पर देय है. अगर कोई कोर्ट जाता है तो स्वाभाविक है उसको नया शुल्क जमा करना होगा. आने वाले दिनों में जब उसका नोटिफिकेशन हो जाएगा तो सभी चीजें सामने आ जाएंगी, जो नया एमवी एक्ट है. वही उत्तर प्रदेश में भी लागू हो जाएगा. जहां तक किसानों वाली बात है तो निश्चित रूप से खेती किसानी के लिए कोई भी कानून देश के अंदर बने किसानों के लिए अलग से विचार किया ही जाना चाहिए और हम इस एमवी एक्ट में भी किसानों को छूट देने पर विचार जरूर करेंगे.

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सवाल: दूरदराज से आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने आते हैं, लेकिन सर्वर की वजह से उनका टाइम बर्बाद होता है और किराया भी.
जवाब: दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट जबसे देश के अंदर लागू हुआ है, तबसे लोगों को यह बात सूझी है कि हमें अपने लाइसेंस बनवाने चाहिए. हमें अपने कागज पूरे कर लेना चाहिए. यह जन दबाव के कारण हो रहा है. सारे हिंदुस्तान का जन दबाव उस सर्वर के ऊपर है और सर्वर बेचारा सरदर्द का मारा. उसकी हालत आप समझ सकते हैं, लेकिन फिर भी हमने नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर जहां से यह सब संचालन होता है. प्रमुख सचिव को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है. शीघ्र ही इसका भी समाधान हो जाएगा.

Intro:"ईटीवी भारत" से बोले परिवहन मंत्री: देश में एनआरसी जरूरी, पता तो लगे कौन देशी कौन विदेशी

लखनऊ। परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने "ईटीवी भारत" से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि देश में एनआरसी इसलिए जरूरी है क्योंकि पता तो चले कि अपने देश में कौन देशी है और कौन विदेशी। अपना लाइसेंस बनवाने आरटीओ कार्यालय पहुंचे ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से "ईटीवी भारत" ने कई सवाल किए जिनका उन्होंने जवाब दिया। प्रदेश के ज्वलन्त मुद्दों से लेकर परिवहन विभाग में आवेदकों और ट्रांसपोर्ट को हो रही समस्याओं जैसे सवाल शामिल थे।


Body:प्रश्न: आज आप किसलिए आरटीओ कार्यालय आए थे?

उत्तर: मेरा ड्राइविंग लाइसेंस संयोग से खो गया था और मुझे लगा कि अब ड्राइविंग लाइसेंस समय से बनवा लेना चाहिए। उसी के निमित्त मैंने कहा कि लखनऊ आरटीओ कार्यालय चला जाए और अपना लाइसेंस बनवा लिया जाए।

प्रश्न: स्वामी चिन्मयानंद पर अभी बहुत सारे विपक्षी दलों ने बीजेपी को घेरा और सवाल उठाया कि सरकार उनकी मदद कर रही है। प्रियंका गांधी भी मैदान में उतरीं क्या कहना है?

उत्तर: उत्तर प्रदेश के अंदर कानून अपना काम कर रहा है। कानून के अनुसार कार्रवाई होती है। चाहे कोई भी हो, कैसा भी हो, किसी भी वर्ग से संबंधित हो, कानून अपना काम करता है और कार्रवाई होती है।

प्रश्न: एनआरसी पर आपकी क्या राय है?

उत्तर: एनआरसी स्वाभाविक रूप से हमारे देश के अंदर जो रह रहे हैं विदेशी लोग, उनसे संबंधित एक ऐसा रजिस्टर है जिसमें यह जानकारी अंकित रहती है कि कौन-कौन बाहर के लोग हैं। निश्चित रूप से हमारे देश में कौन विदेशी रहते हैं, हमारे मोहल्ले में कौन विदेशी रहते हैं इस बात की तो हम सबको जानकारी होनी ही चाहिए। यह हमारा अधिकार है हम सबको यह जानना जरूरी है।

प्रश्न: आपने कहा कि अभी पड़ोसी राज्य उत्तराखंड गए थे वहां से हमारी सड़कें बेहतर हैं। सवाल है कि वहां भी बीजेपी की ही सरकार है, क्या वहां काम नहीं हो रहा है?

उत्तर: सब जगह काम हो रहा है मैंने तुलनात्मक बात की है। दूसरी बात यह है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें उससे बेहतर अवस्था में जरूर हैं। यहां मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अच्छा काम हो रहा है। उसका कहने का यह मतलब बिल्कुल नहीं था। उत्तराखंड में भी काम हुआ उत्तर प्रदेश में भी काम हो रहा है। जहां तक लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर सड़कों के खराब होने की बात है तो हम उस विभाग को सुझाव देंगे और वहां की सड़कें दुरुस्त करेंगे जिससे ट्रांसपोर्टरों को दिक्कत न हो।


Conclusion:प्रश्न: यूपी में अभी एमवी एक्ट लागू नहीं है। आप कह रहे हैं कि जल्द ही नया एमवी एक्ट लागू होगा और इसमें किसानों को राहत देंगे। किस तरह की राहत होगी किसानों को?

उत्तर: एमवी एक्ट जब देश में जारी हुआ तब उत्तर प्रदेश में भी जारी हो गया। उत्तर प्रदेश में अगर चालान का भुगतान हाथों-हाथ होगा तो अभी तक उसमें कंपाउंडिंग फीस जो है वह पुरानी दर पर देय है। अगर कोई कोर्ट जाता है तो स्वाभाविक है उसको नया शुल्क जमा करना होगा। आने वाले दिनों में जब उसका नोटिफिकेशन हो जाएगा तो सभी चीजें सामने आ जाएंगी। जो नया एमवी एक्ट है वही उत्तर प्रदेश में भी लागू हो जाएगा। जहां तक किसानों वाली बात है तो निश्चित रूप से खेती किसानी के लिए कोई भी कानून देश के अंदर बने किसानों के लिए अलग से विचार किया ही जाना चाहिए और हम इस एमवी एक्ट में भी किसानों को छूट देने पर विचार जरूर करेंगे।

प्रश्न: दूरदराज से आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने आते हैं लेकिन सर्वर की वजह से उनका टाइम बर्बाद होता है और किराया भी। सरवर की समस्या क्यों सॉल्व नहीं हो रही?

उत्तर: दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट जबसे देश के अंदर लागू हुआ है तबसे लोगों को यह बात सूझी है कि हमें अपने लाइसेंस बनवाने चाहिए। हमें अपने कागज पूरे कर लेना चाहिए। तो यह जन दबाव के कारण हो रहा है। सारे हिंदुस्तान का जन दबाव उस सर्वर के ऊपर है और सर्वर बेचारा सरदर्द का मारा। उसकी हालत आप समझ सकते हैं। लेकिन फिर भी हमने नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर जहां से यह सब संचालन होता है। प्रमुख सचिव को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है शीघ्र ही इसका भी समाधान हो जाएगा।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096

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