लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने भ्रष्टाचार में लिप्त प्रदेश के तीन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं. प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल करते हुए परिवहन विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है. इससे पहले भी परिवहन विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त कई एआरटीओ को सस्पेंड कर चुका है.
परिवहन विभाग ने अन्य प्रदेशों के वाहनों को उत्तर प्रदेश में गलत तरीके से पेश करने के एमपी के केनरा बैंक घोटाला प्रकरण में सीबीआई जांच में पाए गए तथ्यों की विस्तृत जांच के लिए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. निर्देश के अनुपालन में मंगलवार को वाराणसी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), वाराणसी धर्मवीर यादव, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) औरैया, अवधेश कुमार और एक अन्य जनपद के एआरटीओ पर कार्रवाई की है. इसके अलावा झांसी में सरकारी वाहनों के लिए जारी होने वाली बीजी नंबर की सीरीज को प्राइवेट नंबर के रूप में जारी करने के लिए सहायक संभागीय अधिकारी विवेक कुमार शुक्ला को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.
झांसी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासनिक) सत्येंद्र कुमार के खिलाफ आनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की गई है. बताया यह भी जा रहा है कि प्रदेश के कई अन्य परिवहन अधिकारियों के खिलाफ लगातार जांच की कार्रवाई चल रही है. भ्रष्टाचार के ऐसे मामले शासन में लंबित हैं. इससे पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपी कई परिवहन अधिकारियों को शासन की तरफ से सस्पेंड किया जा चुका है. हालांकि उनमें से कुछ अधिकारियों को फिर से बहाल करके जनपदों में तैनाती भी दे दी गई है.