लखनऊ: परिवहन विभाग ने छह जनवरी से लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालय में आवेदकों को घर बैठे लर्नर लाइसेंस बनवाने की व्यवस्था शुरू की है. दो दिनों में बात अगर लखनऊ में घर बैठे लर्नर लाइसेंस के आवेदनों की करें तो कुल 128 आवेदकों ने आवेदन किए हैं, लेकिन किसी भी आवेदक ने परीक्षा नहीं दी है.
विभाग ने लर्नर लाइसेंस के लिए दो चरणों में आवेदक को तीन-तीन मौके देने की व्यवस्था की है. आवेदक घर बैठे लर्नर लाइसेंस के लिए अप्लाई भी कर सकेगा, टेस्ट भी दे सकेगा और पास होने पर लर्नर लाइसेंस प्रिंट भी कर सकेगा. विभाग की इस सुविधा से आवेदकों को राहत तो काफी मिलेगी, लेकिन शुरुआती दिनों में आवेदक दिलचस्पी कम ले रहे हैं.
परिवहन विभाग के आवेदकों को घर बैठे शिक्षार्थी लाइसेंस बनवाने की सुविधा दिए जाने के बाद लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय में अब पहले की तुलना में लर्नर लाइसेंस बनवाने आने वाले आवेदकों की संख्या में तो कमी आई है, लेकिन अभी भी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद परीक्षा देने के लिए आवेदक आरटीओ कार्यालय आना पसंद कर रहे हैं.
विभागीय अधिकारी बताते हैं कि दो दिन में कुल 128 आवेदकों ने घर बैठे अपना शिक्षार्थी लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन किया है. इन सभी को वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी भेज दिया गया है, लेकिन इनमें से किसी ने भी अभी तक घर बैठे परीक्षा नहीं दी है. विभाग की तरफ से तय किए गए नियमों पर सिर्फ एक आवेदक ही अभी परीक्षा देने की प्रक्रिया तक सफल हो पाया है, लेकिन परीक्षा उसने भी नहीं दी है. ऐसे में अभी तक घर बैठे एक भी शिक्षार्थी का लाइसेंस दो दिन में जारी नहीं हुआ है. अधिकारी बताते हैं कि जिस आवेदक ने अप्लाई किया है उसको ओटीसी भेजा गया है वह ओटीपी तब तक मान्य रहेगा, जब तक आवेदक परीक्षा नहीं देता है.
इस तरह होता है आवेदन
आवेदक सारथी पोर्टल http://sarathi. parivahan.gov.in) पर शिक्षार्थी लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय अपना आधार नंबर दर्ज करने, उसके सफल आधार प्रमाणीकरण के बाद आधार कार्ड पर संरक्षित आवेदन कर्ता का नाम, पिता व माता का नाम, पता, फोटो और जन्मतिथि अपने आप फेच होकर आवेदन कर्ता के आवेदन फार्म पर अंकित हो जाएगी.
आवेदक का होगा फेस ऑथेंटिकेशन
परिवहन अधिकारी बताते हैं कि ऑनलाइन टेस्ट के समय सारथी पोर्टल पर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन किया जाएगा, इसलिए आवेदक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह उसी कंप्यूटर पर परीक्षा दे रहा हो जो वेब कैमरा युक्त हो. फेस ऑथेंटिकेशन के समय आवेदक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके बैठने के स्थान का बैकग्राउंड सादा हो. बैठने के स्थान पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो और आवेदक के आस पास कोई अन्य व्यक्ति मौजूद न हो. फेस ऑथेंटिकेशन के दौरान आवेदक के लाइव फोटो का मिलान उसके आवेदन पत्र में संरक्षित फोटो से किया जाएगा. फेस ऑथेंटिकेशन के सफल होने के बाद ही आवेदक का ऑनलाइन टेस्ट प्रारंभ हो सकेगा. फेस ऑथेंटिकेशन के लिए आवेदक को प्रथम चरण में तीन मौके दिए जाएंगे.
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दिए जा रहे तीन मौके
एआरटीओ अखिलेश द्विवेदी बताते हैं कि तीन अवसरों के बाद भी अगर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन असफल रहता है तो आवेदक को सारथी पोर्टल पर अपनी नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने के बाद आवेदक फिर से फेसलेस स्क्रूटनी के लिए कार्यालय स्तर पर प्रदर्शित होगा. कार्यालय की तरफ से सफलतापूर्वक स्क्रुटनी करने के बाद आवेदक को फिर से फेस ऑथेंटिकेशन करना होगा. इसके लिए भी उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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