लखनऊ : उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां पर वाहनों के वीआईपी कल्चर की शुरुआत हुई. यह शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी जब देश के पहले राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहनों के लिए जी सीरीज आवंटित कर दी थी. इस सीरीज को गवर्नमेंट सीरीज के रूप में परिवहन विभाग ने लॉक कर दिया था. अब भी यूपी में "जी" सीरीज का जलवा बरकरार है. परिवहन विभाग के अधिकारी ही मानते हैं कि देश में उत्तर प्रदेश के अलावा ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पर कोई भी सीरीज वाहनों के लिए लॉक की गई हो. अब नीलामी के दौरान इन्हीं सरकारी वाहनों की सीरीज का फायदा प्राइवेट वाहन स्वामी उठा ले गए. इसके बाद अब एक पांच अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है जो ऐसे वाहनों की नीलामी में "जी" सीरीज के नंबरों की पोर्टेबिलिटी पर रोक लगाने की संस्तुति करेगी. इसके अलावा कई और सुझाव कमेटी की तरफ से तैयार किए जा रहे हैं
जब यह बात विभाग के संज्ञान में आई तो इसमें संशोधन के लिए एक समिति का गठन किया गया है. यह पांच सदस्सीय समिति वाहन पोर्टेबिलिटी के लिए जारी नोटिफिकेशन में संशोधन, वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया में सुझाव और "जी" नंबर के सभी सीरीज को लॉक करने के लिए अपना सुझाव प्रस्तुत करेगी. इसके बाद चूंकि मामला गवर्नमेंट सीरीज का है लिहाजा, इसे शासन से ही संशोधित किया जा सकता है. कैबिनेट से भी इसका अप्रूवल लेना होगा. इसके बाद जी सीरीज का नंबर किसी कीमत पर पोर्टेबल नहीं कराया जा सकेगा.