लखनऊ: उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार बसें नहीं देगा. इस सम्बंध में प्रबंध निदेशक ने प्रदेश के सभी निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है. पत्र में बसें उपलब्ध न कराने के पीछे पीक सीजन का हवाला दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अधिकतर बसों के चुनाव ड्यूटी में चले जाने पर यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ेगा. बसों के अधिग्रहण न किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए जाने की अपील की गई है.
प्रदेश में 4 चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए सभी जनपदों में रोडवेज बसों के अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत जनपदों में जिलाधिकारी की ओर से रोडवेज बसों के अधिग्रहण को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर ही यूपीएसआरटीसी एमडी ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को बसों का अधिग्रहण न किए जाने संबंधी पत्र लिखा है.
परिवहन निगम ने तोड़ा मिथक
चुनावों को लेकर एक मिथक रहा है कि इससे यूपी रोडवेज की झोली भर जाती है. चुनाव के बाद एकमुश्त बड़ी धनराशि यूपीएसआरटीसी को हासिल होने से इसकी माली हालत में भी सुधार होता है. चाहे वह 2019 का लोकसभा चुनाव हो या 2017 का विधानसभा चुनाव. इन दोनों ही चुनावों में यूपीएसआरटीसी को बड़ा राजस्व हासिल हुआ है. बावजूद इसके पंचायत चुनाव में बसें ना दिए जाने का फैसला समझ से परे है.
एक बस का दिया जाता है यह किराया
24 घंटे के लिये एक बस की बुकिंग का किराया 24 हजार है. इसके बाद प्रति घंटे के हिसाब से रेट तय किए गए हैं.