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Chip of Driving License : रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूपी में चिप की कमी, जारी नहीं हो पा रहे सवा लाख ड्राइविंग लाइसेंस - यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस

रूस और यूक्रेन (Chip of Driving License) के बीच युद्ध का असर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर भी पड़ रहा है. परिवहन मुख्यालय के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस में लगने वाली चिप की सप्लाई ठप होने से सवा लाख से ज्य़ादा डीएल जारी नहीं किए जा सके हैं.

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Published : Feb 14, 2023, 5:01 PM IST

देखें पूरी खबर.

लखनऊ : वाहन चलाने के लिए लाइसेंस आवेदकों ने महीनों पहले ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी भी कर ली है फिर भी लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है. वजह है चिप की भारी कमी. यूपी में यूक्रेन और रूस के युद्ध की शुरुआत से शुरू हुआ चिप का संकट महीनों बाद भी बरकरार है. चिप की भारी कमी से ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं बन पा रहे हैं. परिवहन निगम मुख्यालय स्तर पर ही सवा लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी है. कंपनी का तर्क है कि चिप के लिए ऑर्डर किया गया है. ढाई करोड़ चिप की जरूरत है. उम्मीद है जल्द चिप आएंगी और ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो सकेंगे.

पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ जो अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रूस और यूक्रेन के युद्ध के साथ ही यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने का संकट शुरू हुआ वह भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी यूपी में सवा लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग चल रहे हैं. युद्ध के चलते स्मार्ट कार्ड में लगने वाली चिप की ही सप्लाई नहीं हो पा रही है. जब स्मार्ट कार्ड की चिप आए तो लाइसेंस की पेंडेंसी खत्म हो पाए. ड्राइविंग लाइसेंस न बन पाने के चलते लोगों को वाहन चलाने में भी दिक्कत है. बिना लाइसेंस अगर वाहन चलाते हैं तो चेकिंग के दौरान चालान की कार्रवाई होगी और भारी-भरकम जुर्माना लगेगा. इतना ही नहीं अगर बिना लाइसेंस सड़क पर चलने के दौरान कोई हादसा हो जाता है तो फिर लेने के देने पड़ जाएंगे. इसी डर से बिना ड्राइविंग लाइसेंस के लोग वाहन नहीं चला रहे हैं. जो चला रहे हैं वे जुर्माना भर रहे हैं.

मंगाई गई हैं चिप : उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग की अब केंद्रीयकृत व्यवस्था है. ऐसे में प्रदेश भर के ड्राइविंग लाइसेंस अब राजधानी लखनऊ स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय से ही प्रिंट होते हैं. चिप की कमी से प्रदेश भर के सभी आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं. ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग का काम देखने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि ढाई करोड़ के करीब चिप मंगाई गई हैं. जल्द ही 40 लाख चिप पहुंचने वाली हैं. इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी. परिवहन विभाग मुख्यालय पर तैनात डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी सेल) सगीर अहमद अंसारी का कहना है कि चिप की कमी के चलते लाइसेंस के पेंडेंसी है, लेकिन चिप जल्द आने वाली हैं जिससे इस तरह की समस्या दूर होगी. बहुत जल्द यह पेंडेंसी खत्म होगी.

यह भी पढ़ें : Lucknow University : पीएचडी में प्रवेश देने के लिए ऑर्डिनेंस तैयार करेगा लखनऊ विश्वविद्यालय, बनाई कमेटी

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लखनऊ : वाहन चलाने के लिए लाइसेंस आवेदकों ने महीनों पहले ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी भी कर ली है फिर भी लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है. वजह है चिप की भारी कमी. यूपी में यूक्रेन और रूस के युद्ध की शुरुआत से शुरू हुआ चिप का संकट महीनों बाद भी बरकरार है. चिप की भारी कमी से ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं बन पा रहे हैं. परिवहन निगम मुख्यालय स्तर पर ही सवा लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी है. कंपनी का तर्क है कि चिप के लिए ऑर्डर किया गया है. ढाई करोड़ चिप की जरूरत है. उम्मीद है जल्द चिप आएंगी और ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो सकेंगे.

पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ जो अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. रूस और यूक्रेन के युद्ध के साथ ही यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस जारी होने का संकट शुरू हुआ वह भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी यूपी में सवा लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग चल रहे हैं. युद्ध के चलते स्मार्ट कार्ड में लगने वाली चिप की ही सप्लाई नहीं हो पा रही है. जब स्मार्ट कार्ड की चिप आए तो लाइसेंस की पेंडेंसी खत्म हो पाए. ड्राइविंग लाइसेंस न बन पाने के चलते लोगों को वाहन चलाने में भी दिक्कत है. बिना लाइसेंस अगर वाहन चलाते हैं तो चेकिंग के दौरान चालान की कार्रवाई होगी और भारी-भरकम जुर्माना लगेगा. इतना ही नहीं अगर बिना लाइसेंस सड़क पर चलने के दौरान कोई हादसा हो जाता है तो फिर लेने के देने पड़ जाएंगे. इसी डर से बिना ड्राइविंग लाइसेंस के लोग वाहन नहीं चला रहे हैं. जो चला रहे हैं वे जुर्माना भर रहे हैं.

मंगाई गई हैं चिप : उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग की अब केंद्रीयकृत व्यवस्था है. ऐसे में प्रदेश भर के ड्राइविंग लाइसेंस अब राजधानी लखनऊ स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय से ही प्रिंट होते हैं. चिप की कमी से प्रदेश भर के सभी आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं. ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंटिंग का काम देखने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि ढाई करोड़ के करीब चिप मंगाई गई हैं. जल्द ही 40 लाख चिप पहुंचने वाली हैं. इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी. परिवहन विभाग मुख्यालय पर तैनात डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी सेल) सगीर अहमद अंसारी का कहना है कि चिप की कमी के चलते लाइसेंस के पेंडेंसी है, लेकिन चिप जल्द आने वाली हैं जिससे इस तरह की समस्या दूर होगी. बहुत जल्द यह पेंडेंसी खत्म होगी.

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