लखनऊ : चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने ऐसे कई चिकित्सकों को मूल जिलों में भेज दिया है जो लंबे समय से मुख्यालय में जमे हुए थे. इन सब के तबादले का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. लंबे समय से यह लोग मुख्यालय में जमकर मलाई काट रहे थे. इसके बाद में यह बड़ी कार्रवाई करके सभी को अपने मूल जिलों में भेज दिया गया है.
गर्भवती की मौत में शिकायत
मलिहाबाद क्षेत्र के रहीमाबाद के ग्राम बेलवा के रहने वाले अरविंद कुमार की पत्नी निशा (27) को बीती 18 सितंबर को रात में प्रसव पीड़ा हुई थी. आशा बहु कुमकुम रात करीब 11:30 बजे एंबुलेंस से सीएचसी मलिहाबाद लेकर गई थी. वहां पर कोई भी महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी. सीएचसी में मौजूद नर्स व आशा बहु एक बुआ ने लापरवाही से खींचतान करके डिलीवरी करा दी. जिसकी वजह से प्रसूता के ब्लीडिंग शुरू हो गई. बच्चे की भी हालत बिगड़ने गई. करीब दो घंटे बाद नर्स ने कहा कि नवजात शिशु की हालत ज्यादा खराब है. क्वीन मेरी ले जाकर भर्ती कराना पड़ेगा. परिजन एंबुलेंस से जच्चा-बच्चा को लेकर क्वीनमेरी पहुंचे. जहां डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया. परिजन निजी अस्पताल ले जा रहे थे तभी प्रसूता ने दम ताेड़ दिया. इस मामले में पति अरविंद ने नर्स-आशा बहु समेत अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक मामले की जांच कराई जाएगी. जांच में दोषी मिलने पर संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार
शहर में खुले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तैनात स्टॉफ का चार माह का वेतन नहीं मिला है. इसे लेकर शुक्रवार को कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार किया. अफसरों पर वेतन भुगतान में लापरवाही का आरोप लगाया है. अफसरों ने दो माह का भुगतान किए जाने का दावा किया था. हालांकि किसी भी कर्मचारी के खाते में राशि नहीं पहुंची. कर्मचारियों का कहना है जब तक पूरा भुगतान नहीं मिल जाता कार्य ठप रखेंगे. बता दें, एनएचएम जरिए जिले में 75 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का संचालन होना है. इसमें अभी 68 केंद्र पर डॉक्टर व चतुर्थ श्रेणी स्टॉफ तैनात हैं. कर्मचारियों के वेतन भुगतान का बजट एनएचएम जरिए काफी समय पहले जारी किया जा चुका था. अप्रैल से तैनाती बाद भी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.
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