लखनऊ: सर्दी के मौसम में कोहरे की घनी चादर ने ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. सिग्नल की सटीक जानकारी नहीं मिलने के कारण लोको पायलट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोहरे से ट्रेनों को प्रभावित होने से बचाया जा सके इसके लिए रेलवे प्रशासन ने फॉग डिवाइस की व्यवस्था जरूर कर रखी है, लेकिन इन दिनों तकनीकी खामियों के चलते यह डिवाइस भी धोखा दे रही हैं. जिसकी वजह से लोको पायलट परेशान हैं. हालांकि ट्रेनों का सही समय पर आवागमन हो सके, उनकी राह में कोहरा रोड़ा न बने इसके लिए रेलवे प्रशासन ने फॉग डिवाइस दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली-गोरखपुर रूट पर आ रही समस्या
उत्तर भारत में ठंड के मौसम में काफी कोहरा पड़ता है. इसके कारण ट्रेनों का ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है. ऐसे में दर्जनों ट्रेनें देरी से चलती हैं और यात्रियों को घंटों ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है. गोमती एक्सप्रेस, पुष्पक, शताब्दी, लखनऊ मेल, वैशाली और कैफियत समेत दर्जनों ट्रेनों पर कोहरे का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. ये ट्रेनें कोहरे के चलते देरी से चल रही हैं. फॉग से ट्रेनों का संचालन बाधित न हो, इसलिए ट्रेनों में रेलवे प्रशासन ने फॉग डिवाइस का इस्तेमाल किया. उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की तरफ से लोको पायलटों को 450 फॉग डिवाइस उपलब्ध कराई गईं हैं. लखनऊ से दिल्ली और गोरखपुर रूट पर ट्रेन संचालन करने वाले लोको पायलट की शिकायत है कि कोहरे में डिवाइस के ठीक से काम नहीं करने से सिग्नलों की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है. सिग्नल ओवरशूट भी हो जाते हैं, जिस पर स्पष्टीकरण तक देना पड़ता है. रेलवे प्रशासन को इस समस्या से अवगत भी करा दिया गया है.
सिग्नलों की दूरी की जानकारी देती है डिवाइस
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक फॉग डिवाइस जीपीएस आधारित है. जैसे-जैसे ट्रेन आगे बढ़ती है, लोको पायलट को ट्रैक के किनारे मौजूद सिग्नलों की दूरी की जीपीएस आधारित यह फॉग डिवाइस सटीक जानकारी देती है. इससे ट्रेन चलाने के दौरान लोको पायलट को कोहरे में राहत हो जाती है. कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिन्हें तत्काल दुरुस्त कराया जा रहा है.