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सेल्फ डिफेंस सीखेंगी बेटियां, स्कूलों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का होगा संचालन - Chief Minister Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में बीते पांच वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अगुवाई में मजबूत हुई कानून व्यवस्था के चलते बेटियों के खिलाफ अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है. यही नहीं, प्रदेश की बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योगी सरकार ने कई प्रयास किए हैं.

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Published : Dec 12, 2022, 10:38 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बीते पांच वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अगुवाई में मजबूत हुई कानून व्यवस्था के चलते बेटियों के खिलाफ अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है. यही नहीं, प्रदेश की बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योगी सरकार ने कई प्रयास किए हैं. इसी क्रम में अब उच्च प्राथमिक विद्यालयों और कम्पोजिट विद्यालयों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से इस संदर्भ में आदेश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति का फेज-4 गतिमान है, जिसके अन्तर्गत कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के किए उचित दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.


आत्मरक्षा प्रशिक्षण के उद्देश्य, कार्ययोजना एवं क्रियान्वयन के लिए दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि आत्मरक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि बालिकाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके, ताकि वह किसी भी विषम परिस्थितियों से बिना विचलित हुए उसका सामना कर सकें. "Attack is the best form of self Defense" (सेल्फ डिफेंस के लिए आक्रमण सबसे उपयुक्त हथियार है) इस मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की कार्य योजना तैयार की गई है. यह प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिसम्बर 2022 से प्रारम्भ होकर फरवरी 2023 तक संचालित किया जाएगा. स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक एवं केजीबीवी के खेल शिक्षक व शिक्षिकाएं विद्यालय में शारीरिक शिक्षा, खेलकूद, कला संगीत के लिए निर्धारित कालांश के दौरान विद्यालय में अध्ययनरत समस्त बालिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.

निर्देशों में ये भी कहा गया है कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण विद्यालय के प्रधानाध्यापक की निगरानी में कराया जाए. इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान विद्यालय की एक शिक्षिका को भी सम्मिलित किया जाए जो सतत् रूप से बालिकाओं के प्रशिक्षण की अवधि में उपस्थित रहेंगी. कार्यक्रम के प्रथम सप्ताह में वार्मअप गतिविधियों के दौरान बच्चों के साथ सुरक्षा के उपायों, कानूनों तथा हेल्पलाइन नम्बर आदि के बारे में जागरूक करते हुए मॉकड्रिल कराया जाएगा. सुलभ संदर्भ के लिए महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों के विषय में महत्वपूर्ण कानून पर आधारित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन मुख्यालय, 1090 लखनऊ द्वारा विकसित बुकलेट भी प्रेषित की जा रही है, जिसको पढ़कर बच्चों के साथ विस्तृत चर्चा की जाए.



प्रशिक्षण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें व सावधानियों का भी जिक्र किया गया है. इसके अनुसार आत्मरक्षा प्रशिक्षण खुले, स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण में ही कराया जाए. प्रशिक्षण के शुरूआती दिनों में बालिकाओं को आत्मरक्षा के महत्व के बारे जानकारी दी जाए तथा हल्के-फुल्के व्यायाम कराए जाएं. दिवसवार कार्ययोजना के अनुसार, आत्मरक्षा कौशल विकसित करने की विभिन्न तकनीकों को सिखाया जाए और अभ्यास अवश्य कराया जाए. प्रशिक्षक का यह उत्तरदायित्व है कि वह सबसे पहले बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए तैयार करें. किसी भी गतिविधि से पहले प्रशिक्षक द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि बालिका अस्वस्थ न हो तथा शारीरिक गतिविधि के लिए तैयार हो. प्रशिक्षक द्वारा बालिकाओं को उनकी क्षमतानुसार ही कौशल का प्रशिक्षण दिया जाए, यदि किसी को प्रशिक्षण में कठिनाई आ रही है तो उसे गतिविधि के लिए बाध्य न किया जाए. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बालिकाएं इस कौशल का उपयोग अनावश्यक रूप से आपस में न करके विशेष परिस्थितियों में ही इसका उपयोग करें.



समग्र शिक्षा के अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों में वर्तमान में कुल 10158 स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक तथा 746 केजीबीवी में कुल 10904 अनुदेशक एवं शिक्षक व शिक्षिकाएं कार्यरत हैं. स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों तथा केजीबीबी के खेल शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को विगत वर्षों में जनपद और ब्लाक स्तर पर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा गत वर्ष इन्हीं स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशकों के माध्यम से विद्यालयों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन कराया गया है. वर्ष 2022-23 के लिए भी गत वर्ष की भांति स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक तथा खेल शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने विद्यालय में शारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बीते पांच वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की अगुवाई में मजबूत हुई कानून व्यवस्था के चलते बेटियों के खिलाफ अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है. यही नहीं, प्रदेश की बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी योगी सरकार ने कई प्रयास किए हैं. इसी क्रम में अब उच्च प्राथमिक विद्यालयों और कम्पोजिट विद्यालयों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से इस संदर्भ में आदेश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन के लिए मिशन शक्ति का फेज-4 गतिमान है, जिसके अन्तर्गत कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के किए उचित दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.


आत्मरक्षा प्रशिक्षण के उद्देश्य, कार्ययोजना एवं क्रियान्वयन के लिए दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि आत्मरक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि बालिकाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक व मानसिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके, ताकि वह किसी भी विषम परिस्थितियों से बिना विचलित हुए उसका सामना कर सकें. "Attack is the best form of self Defense" (सेल्फ डिफेंस के लिए आक्रमण सबसे उपयुक्त हथियार है) इस मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की कार्य योजना तैयार की गई है. यह प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिसम्बर 2022 से प्रारम्भ होकर फरवरी 2023 तक संचालित किया जाएगा. स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक एवं केजीबीवी के खेल शिक्षक व शिक्षिकाएं विद्यालय में शारीरिक शिक्षा, खेलकूद, कला संगीत के लिए निर्धारित कालांश के दौरान विद्यालय में अध्ययनरत समस्त बालिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.

निर्देशों में ये भी कहा गया है कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण विद्यालय के प्रधानाध्यापक की निगरानी में कराया जाए. इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण के दौरान विद्यालय की एक शिक्षिका को भी सम्मिलित किया जाए जो सतत् रूप से बालिकाओं के प्रशिक्षण की अवधि में उपस्थित रहेंगी. कार्यक्रम के प्रथम सप्ताह में वार्मअप गतिविधियों के दौरान बच्चों के साथ सुरक्षा के उपायों, कानूनों तथा हेल्पलाइन नम्बर आदि के बारे में जागरूक करते हुए मॉकड्रिल कराया जाएगा. सुलभ संदर्भ के लिए महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों के विषय में महत्वपूर्ण कानून पर आधारित महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन मुख्यालय, 1090 लखनऊ द्वारा विकसित बुकलेट भी प्रेषित की जा रही है, जिसको पढ़कर बच्चों के साथ विस्तृत चर्चा की जाए.



प्रशिक्षण के दौरान ध्यान देने योग्य बातें व सावधानियों का भी जिक्र किया गया है. इसके अनुसार आत्मरक्षा प्रशिक्षण खुले, स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण में ही कराया जाए. प्रशिक्षण के शुरूआती दिनों में बालिकाओं को आत्मरक्षा के महत्व के बारे जानकारी दी जाए तथा हल्के-फुल्के व्यायाम कराए जाएं. दिवसवार कार्ययोजना के अनुसार, आत्मरक्षा कौशल विकसित करने की विभिन्न तकनीकों को सिखाया जाए और अभ्यास अवश्य कराया जाए. प्रशिक्षक का यह उत्तरदायित्व है कि वह सबसे पहले बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए तैयार करें. किसी भी गतिविधि से पहले प्रशिक्षक द्वारा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि बालिका अस्वस्थ न हो तथा शारीरिक गतिविधि के लिए तैयार हो. प्रशिक्षक द्वारा बालिकाओं को उनकी क्षमतानुसार ही कौशल का प्रशिक्षण दिया जाए, यदि किसी को प्रशिक्षण में कठिनाई आ रही है तो उसे गतिविधि के लिए बाध्य न किया जाए. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बालिकाएं इस कौशल का उपयोग अनावश्यक रूप से आपस में न करके विशेष परिस्थितियों में ही इसका उपयोग करें.



समग्र शिक्षा के अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों में वर्तमान में कुल 10158 स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक तथा 746 केजीबीवी में कुल 10904 अनुदेशक एवं शिक्षक व शिक्षिकाएं कार्यरत हैं. स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों तथा केजीबीबी के खेल शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को विगत वर्षों में जनपद और ब्लाक स्तर पर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा गत वर्ष इन्हीं स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशकों के माध्यम से विद्यालयों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन कराया गया है. वर्ष 2022-23 के लिए भी गत वर्ष की भांति स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक तथा खेल शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने विद्यालय में शारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.

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