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राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कसी कमर - lucknow latest news

राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ट्रैफिक विभाग ने कमर कस ली है. इस विषय पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रदूषित हवा के विषय में लखनऊ के एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से खास बातचीत की.

शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कसी कमर
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Published : Nov 3, 2019, 7:47 PM IST

लखनऊ: देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए ट्रैफिक विभाग कार्रवाई करने में लगा है. साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए उपाय भी ढूंढ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह राजधानी में प्रदूषित हवा पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रदूषित हवा के विषय पर एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से खास बातचीत की.

राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कसी कमर.
सवाल: लखनऊ में बढ़ रहे प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए शहर में एसपी ट्रैफिक क्या भूमिका निभा रहे हैं?
जवाब: प्रदूषण के जो सारे कंपोनेंट है, फिर चाहे कंस्ट्रक्शन का एरिया हो या फिर बर्निंग एरिया हो. उस एरिया के हिसाब से जो पिछला अध्ययन था उसके हिसाब से 7:50 प्रतिशत हिस्सा ट्रैफिक के हिस्से में आता है. इसके बीच सबसे ज्यादा असर पड़ता है डीजल गाड़ियों से, जिनके इंजन खराब हैं, जिसमें काला धुआं निकलता है.


एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सरकारी बसें हैं, जिनमें खराबी है तो इसको लेकर हमने रणनीति तैयार की है, क्योंकि आने वाला समय कोहरे का होगा, जो स्मॉग के दायरे में आता है तो उसको लोग बचाने के लिए तैयार की गई है. हमारे नो एंट्री के पॉइंट हैं, नो एंट्री के प्वांइट को सख्ती से है लागू किया जा रहा है और ऐसी गाड़ियां, जो धुंआ दे रही हैं ज्यादातर पॉल्यूशन वाली हैं.

पॉल्यूशन वाली गाड़ियों को शहर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. उनको हम बाहर के रास्ते से निकालेंगे, जैसे मोहनलालगंज से बंथरा रोड से निकाल देंगे तो वह लोग कानपुर चले जाएंगे, कानपुर रोड से दुबग्गा भेज देंगे ताकि शहर के बीच न आएं. इसी प्रकार से हमारे ऑटो-टेंपो यद्यपि डीजल के ऑटो-टेंपो हैं. शक्ति से प्रतिबंधित हैं और इस बीच असामाजिक तत्व आ जाते हैं तो उनकी गाड़ी चेक कर सीज की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी.

एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सिटी बसे हैं, उनसे भी प्रदूषण फैल रहा है. उनके आरएम को बुलाया गया. मीटिंग हुई तो उन्होंने भी कहा कि इस पर हम तीन महीने उन बसों को नहीं चलाएंगे. इसको लेकर हमने फिटनेस सेंटर की सूची बनाई है और हमने स्मॉग मीटर खरीद कर रखे हैं, जिनसे हमारा एक पीरियड 2:00 बजे दिन में शुरू होगा बीच में उस दौरान हम स्मॉग मीटर से गाड़ियों की जांच करेंगे. ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि रोड पर कोई भी जहर उगलने वाली गाड़ी रोड पर न चले.

सवाल: सर रात में अक्सर देखा गया है कि शहर के अंदर बड़ी डीजल गाड़ियां जो शहर में प्रवेश करती हैं उसको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है?
जवाब: मैंने डायवर्जन प्लान आपसे डिस्कस किया है कि इन गाड़ियों को बाहर से निकालने के लिए हमने प्लान तैयार किया है. जैसे हम बाराबंकी रोड से रायबरेली रोड भेज दें और रायबरेली रोड से कानपुर रोड भेजना, कानपुर रोड से सीतापुर रोड से टेढ़ी पुलिया होते हुए पॉलिटेक्निक से निकाल रहे हैं. ताकि कोई भी ऐसी गाड़ी शहर के भीतर प्रवेश न कर सके.

सवाल: प्रशासन जब सख्ती बरतता है तो वह प्रशासन के तंत्र की जो चीजें होती हैं, जैसे सरकारी रोडवेज बस, एंबुलेंस पर लोग सवाल खड़े करते हैं, इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है?
जवाब: देखिए इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है और न ही किसी प्रकार का पक्षपात होगा. मैं आपको बता दूं कि कम से कम 150 पुलिस अधिकारियों के चालान यातायात नियमों के उल्लंघन में हुए हैं और इसका डाटा है, कोई छिपी हुई बात नहीं है. कम से कम 2500 से 3000 रोडवेज बसों का चालान हुआ है. फिर चाहे ओवरलोडिंग में हो या नो पार्किंग में हो. इसमें हमारा पूरा फोकस शहर को प्रदूषण मुक्त करना है, इसमें कार्रवाई करते समय किसी भी विभाग की गाड़ी हो कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा. इस पर बराबर सख्ती बरती जाएगी. आखिर इसी हवा में सबको सांस लेना है.

लखनऊ: देश में बढ़ रहे वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए ट्रैफिक विभाग कार्रवाई करने में लगा है. साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए उपाय भी ढूंढ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह राजधानी में प्रदूषित हवा पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रदूषित हवा के विषय पर एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह से खास बातचीत की.

राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कसी कमर.
सवाल: लखनऊ में बढ़ रहे प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए शहर में एसपी ट्रैफिक क्या भूमिका निभा रहे हैं?
जवाब: प्रदूषण के जो सारे कंपोनेंट है, फिर चाहे कंस्ट्रक्शन का एरिया हो या फिर बर्निंग एरिया हो. उस एरिया के हिसाब से जो पिछला अध्ययन था उसके हिसाब से 7:50 प्रतिशत हिस्सा ट्रैफिक के हिस्से में आता है. इसके बीच सबसे ज्यादा असर पड़ता है डीजल गाड़ियों से, जिनके इंजन खराब हैं, जिसमें काला धुआं निकलता है.


एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सरकारी बसें हैं, जिनमें खराबी है तो इसको लेकर हमने रणनीति तैयार की है, क्योंकि आने वाला समय कोहरे का होगा, जो स्मॉग के दायरे में आता है तो उसको लोग बचाने के लिए तैयार की गई है. हमारे नो एंट्री के पॉइंट हैं, नो एंट्री के प्वांइट को सख्ती से है लागू किया जा रहा है और ऐसी गाड़ियां, जो धुंआ दे रही हैं ज्यादातर पॉल्यूशन वाली हैं.

पॉल्यूशन वाली गाड़ियों को शहर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. उनको हम बाहर के रास्ते से निकालेंगे, जैसे मोहनलालगंज से बंथरा रोड से निकाल देंगे तो वह लोग कानपुर चले जाएंगे, कानपुर रोड से दुबग्गा भेज देंगे ताकि शहर के बीच न आएं. इसी प्रकार से हमारे ऑटो-टेंपो यद्यपि डीजल के ऑटो-टेंपो हैं. शक्ति से प्रतिबंधित हैं और इस बीच असामाजिक तत्व आ जाते हैं तो उनकी गाड़ी चेक कर सीज की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी.

एसपी ट्रैफिक ने बताया कि सिटी बसे हैं, उनसे भी प्रदूषण फैल रहा है. उनके आरएम को बुलाया गया. मीटिंग हुई तो उन्होंने भी कहा कि इस पर हम तीन महीने उन बसों को नहीं चलाएंगे. इसको लेकर हमने फिटनेस सेंटर की सूची बनाई है और हमने स्मॉग मीटर खरीद कर रखे हैं, जिनसे हमारा एक पीरियड 2:00 बजे दिन में शुरू होगा बीच में उस दौरान हम स्मॉग मीटर से गाड़ियों की जांच करेंगे. ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि रोड पर कोई भी जहर उगलने वाली गाड़ी रोड पर न चले.

सवाल: सर रात में अक्सर देखा गया है कि शहर के अंदर बड़ी डीजल गाड़ियां जो शहर में प्रवेश करती हैं उसको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है?
जवाब: मैंने डायवर्जन प्लान आपसे डिस्कस किया है कि इन गाड़ियों को बाहर से निकालने के लिए हमने प्लान तैयार किया है. जैसे हम बाराबंकी रोड से रायबरेली रोड भेज दें और रायबरेली रोड से कानपुर रोड भेजना, कानपुर रोड से सीतापुर रोड से टेढ़ी पुलिया होते हुए पॉलिटेक्निक से निकाल रहे हैं. ताकि कोई भी ऐसी गाड़ी शहर के भीतर प्रवेश न कर सके.

सवाल: प्रशासन जब सख्ती बरतता है तो वह प्रशासन के तंत्र की जो चीजें होती हैं, जैसे सरकारी रोडवेज बस, एंबुलेंस पर लोग सवाल खड़े करते हैं, इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है?
जवाब: देखिए इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है और न ही किसी प्रकार का पक्षपात होगा. मैं आपको बता दूं कि कम से कम 150 पुलिस अधिकारियों के चालान यातायात नियमों के उल्लंघन में हुए हैं और इसका डाटा है, कोई छिपी हुई बात नहीं है. कम से कम 2500 से 3000 रोडवेज बसों का चालान हुआ है. फिर चाहे ओवरलोडिंग में हो या नो पार्किंग में हो. इसमें हमारा पूरा फोकस शहर को प्रदूषण मुक्त करना है, इसमें कार्रवाई करते समय किसी भी विभाग की गाड़ी हो कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा. इस पर बराबर सख्ती बरती जाएगी. आखिर इसी हवा में सबको सांस लेना है.

Intro:स्पेशल

देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बना हुआ है और देश की आबोहवा इतनी प्रदूषित हो गई है जब सांस लेना दूभर हो चुका है इसको लेकर समस्त विभाग अपनी अपनी तरफ से कार्यवाही भी कर रहे हैं और प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए उपाय भी ढूंढ रहे हैं वहीं दूसरी ओर लखनऊ की आबोहवा पर नियंत्रण पाने के लिए एसपी ट्रेफिक पूर्णेन्दु सिंह लखनऊ में प्रदूषित हवा पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे इस विषय पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने लखनऊ में प्रदूषित हवा के विषय में लखनऊ एसपी ट्रैफिक से खास बातचीत की


Body:बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राजधानी लखनऊ कई विभाग प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं जिसके चलते ट्रैफिक एसपी भी लखनऊ में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं उसको लेकर खास बातचीत में उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए तमाम बातें बताई

सवाल
लखनऊ में बढ़ रहे प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए शहर में एसपी ट्रैफिक क्या भूमिका निभा रहे हैं

जवाब
देखिए जो प्रदूषण है जो सारे कंपोनेंट है फिर चाहे कंट्रक्शन का एरिया हो या फिर वार्निंग एरिया हो एरिया के हिसाब से जो पिछला अध्ययन था उसके हिसाब से 7:50 प्रतिशत हिस्सा ट्राफिक के हिस्से में आता है वह पूरे प्रदूषण में हमारे हिस्से में आए हुए प्रदूषण को साबित करता है इसके बीच सबसे ज्यादा असर पड़ता है डीजल गाड़ियों से जिनके इंजन खराब हैं जिसमें काला धुआं निकलता है सरकारी बसें हैं जिनमें खराबी है तो इसको लेकर हमने रणनीति तैयार की है क्योंकि आने वाला समय कोरे का होगा जो स्मोक के दायरे में आता है तो उसको हम लोग बचाने के लिए तैयार है हमारे नो एंट्री के पॉइंट हैं उन पर शक्ति बढ़ती जा रही है और ऐसी गाड़ियां जो दुआ दे रही हैं ज्यादातर पोलूशन वाली हैं उनको शहर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है उनको हम बाहर से ही रास्ते निकालेंगे जैसे मोहनलालगंज से बंथरा रोड से निकाल देंगे तो वह लोग कानपुर चले जाएंगे जैसे कानपुर रोड से दुबग्गा भेज देंगे ताकि शहर के बीचों-बीच ना आए इसी प्रकार से हमारे ऑटो टेंपो यद्यपि डीजल के ऑटोबाय है शक्ति से प्रतिबंधित हैं और इस बीच असामाजिक तत्व आ जाते हैं तो उनकी गाड़ी चेक कर चीज की जाएगी और कार्यवाही की जाएगी प्रदूषण पर चूरमा ना लगाया जा रहा है इसको लेकर हम चलाएंगे काट रहे हैं सिटी बसे हैं उनसे भी प्रदूषण फैल रहा है उनके आरंभ को बुलाया गया मालूम से मीटिंग हुई उन्होंने भी कहा कि इस पर हम 3 महीने उन बसों को नहीं चलाएंगे इसको लेकर हमने फिटनेस सेंटर की सूची बनाई है और हमने स्मोक मीटर खरीद कर रखे हैं जिनसे हमारा एक पीरियड 2:00 बजे दिन में शुरू होगा बीच में जब उनका प्रदूषण से किया जाएगा उस दौरान हम स्मोक मीटर से गाड़ियों की जांच करेंगे ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि रोड पर कोई भी जहर उगलने वाली गाड़ी रोड पर ना चले

सवाल
सर रात में अक्सर देखा गया है कि शहर के अंदर बड़ी डीजल गाड़ियां जो शहर में प्रवेश करती हैं उसको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है

जवाब
मैंने डायवर्जन प्लान आपसे डिस्कस किया है कि हम इन गाड़ियों को बाहर से निकालने के लिए हमने प्लान तैयार किया है जैसे हम बाराबंकी रोड से रायबरेली रोड भेज दें और रायबरेली रोड से कानपुर रोड भेजना कानपुर रोड से सीतापुर रोड से टेढ़ी पुलिया होते हुए पॉलिटेक्निक से निकाल रहे हैं ताकि कोई भी ऐसी गाड़ी शहर के भीतर प्रवेश ना कर सके

सवाल
सर प्रशासन जब आम लोगों पर कोई शक्ति बढ़ सकता है तो वह प्रशासन के तंत्र की जो चीजें होती हैं जैसे सरकारी रोडवेज बस एंबुलेंस आदि पर लोकसभा में खड़े करते हैं और कहते हैं कि कहीं ना कहीं पक्षपात होता है उनको लेकर ट्रैफिक पुलिस क्या कर रही है

जवाब
देखिए इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही है और ना ही किसी प्रकार का पक्षपात होगा मैं आपको बता दूं कि कम से कम 150 पुलिस अधिकारियों के चालान यातायात नियमों के उल्लंघन में हुए हैं और इसका डाटा भी मैं दे सकता हूं कोई छिपी हुई बात नहीं है कम से कम 25 100 से 3000 रोडवेज बसों का चालान चाहे ओवरलोडिंग में हो या नो पार्किंग हुआ हो चाहे पोलूशन में हुआ हो इसमें हमारा पूरा फोकस शहर को प्रदूषण मुक्त करना है फिर चाहे किसी विभाग की गाड़ी हो कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा इस पर बराबर सख्ती बरती जाएगी आखिर इसी हवा में सबको सांस लेना है



Conclusion:फिलहाल अब देखना हो कि राजधानी लखनऊ की आबोहवा कब तक सही होती है हाल फिलहाल राजधानी लखनऊ की आबोहवा में 422 एक यू आई पहुंच चुका है जो खतरे के निशान को दर्शाता है

संवाददाता सत्येंद्र शर्मा 8193 8640 12 एसपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह लखनऊ
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